Articles in Category Vedic Astrology
घर बैठे जानें, अक्टूबर माह 2024 में शादी विवाह का शुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त में किए गए कामों को करने का फल भी शुभ प्रभाव देने वाला होता है. विवाह जैसा कार्य भी एक अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य है. यह ऎसा काम है जो विवाह को एक शुभ आरंभ देता है और दांपत्य जीवन की मजबूत
जुलाई माह 2022 में ये दिन रहेंगे सबसे शुभ विवाह के लिए
निम्न सारणी से विवाह मुहूर्त समय का निर्णय करने के लिये वर-कन्या की राशियों में विवाह की एक समान तिथि को विवाह मुहूर्त के लिये लिया जाता है. उदाहरण के लिये मेष राशि के वर का विवाह - धनु राशि की कन्या
जून 2023 के विशेष विवाह मुहूर्त
हिन्दूओं में शुभ विवाह की तिथि ज्ञात करने के लिये वर-वधू की जन्म राशि का प्रयोग किया जाता है. वर या वधू का जन्म जिस चन्द्र नक्षत्र में हुआ होता है, उस नक्षत्र के चरण में आने वाले अक्षर को भी विवाह की
मई 2023 में विवाह शुभ मुहूर्त की कमी नहीं, चुनें अपनी पसंद की डेट
हिन्दूओं में शुभ विवाह की तिथि ज्ञात करने के लिये वर-वधू की जन्म राशि का प्रयोग किया जाता है. वर या वधू का जन्म जिस चन्द्र नक्षत्र में हुआ होता है, उस नक्षत्र के चरण में आने वाले अक्षर को भी विवाह की
घर बैठे जानें अप्रैल 2025 माह के शुभ विवाह मुहूर्त
विवाह कार्य एवं अत्यंत ही शुभ व मांगलिक कार्य होता है तो ऎसे में इस कार्य में एक अच्छे शुभ मुहूर्त की तलाश हर किसी के मन में भी रहती है. माता-पिता अपने बच्चों के लिए विवाह मुहूर्त देखना चाहें या फिर
मार्च 2025 ये दिन रहेंगे विवाह के लिए शुभ मुहूर्त समय
विवाह को हर धर्म संप्रदाय में एक अत्यंत ही पवित्र बंधन के रुप में देखा जाता है. यह दो लोगों के जीवन का एक नया अध्याय होता है जिसे दोनों को एक साथ मिलकर लिखना होता है. एक सुखी दांपत्य जीवन की इच्छा हर
फरवरी 2025 में शादी-विवाह मुहूर्त डेट
आप फरवरी 2025 में शादी के लिए कोई शुभ मुहूर्त खोज रहे हैं तो यहां मिलेंगे फरवरी माह में होने वाले विवाह के सभी शुभ मुहूर्त समय. आप खुद अपनी राशि से जान सकते हैं की फरवरी 2025 में आपके लिए कौन सा दिन
शुभ विवाह मुहूर्त जनवरी 2025 में इस दिन होगी शादियां
निम्न सारणी से विवाह मुहूर्त समय का निर्णय करने के लिये वर-कन्या की राशियों में विवाह की एक समान तिथि को विवाह मुहूर्त के लिये लिया जाता है. उदाहरण के लिये मेष राशि के वर का विवाह - कर्क राशि की
विवाह मुहूर्त 2025 : इन दिनों में भूलकर भी न करें मांगलिक कार्य
विवाह के लिए शुभ समय और शुभ मुहूर्त को बहुत ध्यान के साथ करना चाहिए. विवाह मुहूर्त के लिए कई बातों का ध्यान रखने की आवश्यकता पड़ती है और बेहतर रुप से ज्योतिष गणना के द्वारा मुहूर्त शास्त्र एवं विवाह
कुण्डली में बने ये योग तो होती है लव मैरिज
प्रेम संबंधों को लेकर युवाओं के मन में बहुत सी कल्पनाएं जन्म लेती रहती है. उम्र के इस पड़ाव पर जब व्यक्ति अपने साथी की तलाश में होता है तो उसका मन किन बातों से प्रभावित होगा यह कहना आसान नहीं होता
अगर आपकी कुंडली में भी है कालसर्प योग तो जानें इसका फल
जन्म कुण्डली में राहु-केतु से निर्मित होने वाला योग है. राहु को कालसर्प का मुख माना गया है. अगर राहु के साथ कोई भी ग्रह उसी राशि और नक्षत्र में शामिल हो तो वह ग्रह कालसर्प योग के मुख में ही स्थित
कैसे और कब बनता है यमघंटक योग : एक अशुभ योग
कुछ अशुभ योगों की गिनती में यमघंटक योग का नाम भी आता है. यह वह योग है जो अच्छे कार्यों में त्याज्य होता है. इस योग में व्यक्ति के किए गए शुभ कार्यों में असफलता की संभावना बढ़ जाती है. ज्योतिष में
कुंडली में कर्क राशि का गुरु बदल सकता है आपका जीवन
गुरू का गोचर मुख्यत स्वराशि, उच्च और नीच राशि स्थिति पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने वाला होता है. जब गुरू कर्क राशि में गोचर करता है तो वह अपनी उच्च स्थिति एवं अनुकूल स्थिति को दर्शाने वाला होता है. इस
सूर्य का गुरु के द्रेष्काण में ऎसा होगा फल
ज्योतिष में द्रेष्काण की महत्ता के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है. द्रेष्काण में किस ग्रह का क्या प्रभाव पड़ता है, इस बात को समझने के लिए ग्रहों की प्रवृति को समझने की आवश्यकता होती है. जिनके
बुध ग्रह से जाने कैसी होगी आपकी नौकरी और कैसा रहेगा आपका व्यवसाय
बुध के कारक तत्वों में जातक को कई अनेक प्रकार के व्यवसायों की प्राप्ति दिखाई देती है. बुध एक पूर्ण वैश्य रूप का ग्रह है. व्यापार से जुडे़ होने वाला एक ग्रह है जो जातक को उसके कारक तत्वों से पुष्ट
चंद्रमा की शुक्र के द्रेष्काण में स्थिति का आंकलन | Analysis of Moon In Venus Drekkana
जातक के जीवन में ग्रहों की द्रेष्काण में स्थिति उसके जीवन पर बहुत प्रभाव डालने वाली होती है. ग्रह का समक्षेत्री, मित्र क्षेत्री होना स्वराशि में होना बहुत अनुकूल फल देने में सक्षम माना जाता है. जातक
चंद्रमा की शनि के द्रेष्काण में स्थिति का आंकलन | Analysis of Moon In Saturn Drekkana
जातक के जीवन में ग्रहों की द्रेष्काण में स्थिति उसके जीवन पर बहुत प्रभाव डालने वाली होती है. ग्रह का समक्षेत्री, मित्र क्षेत्री होना स्वराशि में होना बहुत अनुकूल फल देने में सक्षम माना जाता है. किंतु
सूर्य का बुध के द्रेष्काण में स्थिति का आंकलन | Analysis of Sun In Mercury Drekkana
ज्योतिष में द्रेष्काण की महत्ता के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है. द्रेष्काण में किस ग्रह का क्या प्रभाव पड़ता है, इस बात को समझने के लिए ग्रहों की प्रवृत्ति को समझने की आवश्यकता होती है. जिनके
द्रेष्काण से जाने शरीर के अंग और कौन सा अंग होगा प्रभावित
वैदिक ज्योतिष में शरीर के अंगों के विषय में अनेकों विचारधाराओं को बताया गया जिसमें जातक के रंग-रूप, आचार-विचार, व्यवहार, उसकी भावनात्मक स्थिति इत्यादि बातों को बोध कराने में वैदिक ज्योतिषाचार्यों नें
चंद्र द्रेष्काण:चंद्रमा के द्रेष्काण में मंगल का फल
द्रेष्काण द्वारा ग्रहों की युति का जातक के जीवन में बहुत गहरा प्रभाव प्रतिफलित होता है. इसके साथ ही जातक के जीवन में होने वाले बदलावों को भी इसी से समझने में बहुत आसानी रहती है. देष्काण कुण्डली का