Articles in Category Planets

शुक्र का ज्योतिष में महत्व | Importance of Venus in astrology

वैदिक ज्योतिष में शुक्र को मुख्य रूप से पत्नी का का कारक माना गया है. यह विवाह का कारक ग्रह है, ज्योतिष में शुक्र से काम सुख, आभूषण, भौतिक सुख सुविधाओं का कारक ग्रह है. शुक्र से आराम पसन्द होने की

कुण्डली में कुसुम योग | Kusum Yoga in a Kundali | Kusum Yoga

ज्योतिष शास्त्र में कुसुम योग का महत्व विस्तार पूर्वक बताया गया है. कुसुम योग बनने के प्रभाव स्वरुप व्यक्ति का जीवन किस प्रकार से प्रभावित होता है इस तथ्य को अनेक ज्योतिष से संबंधित पुस्तकों में जाना

कुण्डली में शारदा योग क्या है और क्या होगा उसका प्रभाव

वैदिक ज्योतिष के कई मुख्य योगों की श्रृंखला में शारदा योग भी आता है. शारदा योग के बनने से व्यक्ति भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में तरक्की तथा उन्नति करता है. जैसे लेखक, कवि, राजनेता या अभिनेता आदि बनने के

गुरू का ज्योतिष में महत्व | Importance of Jupiter in astrology

गुरु (बृहस्पति) ज्योतिष के नव ग्रहों में सबसे अधिक शुभ ग्रह माने जाते हैं. गुरू मुख्य रूप से आध्यात्मिकता को विकसित करने का कारक हैं. तीर्थ स्थानों तथा मंदिरों, पवित्र नदियों तथा धार्मिक क्रिया कलाप

शनि शांति के ज्योतिष द्वारा आसान उपाय - खुद करें

ज्योतिष शास्त्रों में शनि की व्याख्या अधिक की गई है, शनि की महादशा और शनि की साढेसाती से हर व्यक्ति प्रभावित होता है. शनि व्यक्ति को जीवन के उच्चतम शिखर या निम्नतम स्तर में बिठा सकते है. ज्योतिष

कुण्डली से जाने संतान सुख का योग | Yogas for a Child in a kundali

कुण्डली में स्थित ग्रहों कि स्थिति के द्वारा संतान सुख के विषय में जाना जा सकता है. किसी की कुण्डली में ग्रहों की ऐसी स्थिति होती है जो उन्हें कई संतानों का सुख देती है. तो किसी कि कुण्डली संतान में

बुध ग्रह आपके लिये फलदायी होगा या नहीं, अपनी कुण्डली स्वयं देखिये

वैदिक ज्योतिष के अनुसार बुध ग्रह रजो गुण वाले हैं और वाणी का प्रतिनिधित्व करते हैं. बुध शांत एवं सौम्य प्रवृत्ति के ग्रह हैं. बुध ग्रह के अधिदेवता एवं प्रत्यधिदेवता भगवान विष्णु हैं तथा इनकी महादशा

आपका कौन सा ग्रह बली है? राशि और ग्रहबल के बारे में जानिये

ज्योतिष में ग्रहों और राशियों को अनेक प्रकार के बल प्राप्त हैं. इन बलों के आधार पर ग्रहों एवं राशियों की स्थिति एवं उसके अच्छे एवं बुरे प्रभावों को जाना जा सकता है. वैदिक ज्योतिष में ग्रहों और

मंगल का ज्योतिष में महत्व | Importance of Mars in a Kundali

ज्योतिष में मंगल ग्रह को मुख्य तौर पर एक सेनापती के रुप में दर्शाया गया है. यह ताकत, साहस और पौरुष का कारक है. मंगल ग्रह शारीरिक तथा मानसिक शक्ति और ताकत का प्रतिनिधित्व करता है. मंगल के प्रबल प्रभाव

ज्योतिष में सूर्य का महत्व | Importance of Sun in Astrology

ज्योतिष में सूर्य को राजा की पदवी प्रदान की गई है. ज्योतिष के अनुसार सूर्य आत्मा एवं पिता का प्रतिनिधित्व करता है. सूर्य द्वरा ही सभी ग्रहों को प्रकाश प्राप्त होता है ओर ग्रहों की इनसे दूरी या

विवाह में त्रिबल शुद्धि | Tribal in a Marriage

भारतीय संस्कृति के अनुसार विवाह दाम्पत्य जीवन का श्रेष्ठ स्वरुप है. इसलिए कहा गया है “धन्यो गृहस्थाश्रमः” अर्थात यह समाज को अनुकूल व्यवस्था प्रदान करने तथा नई पीढ़ी को योग्य एवं श्रेष्ठ बनाने हेतु

ज्योतिष में चंद्रमा का महत्व | Importance of Moon in Astrology

ग्रहों में सबसे अधिक गति से चलने वाला चंद्रमा मन का प्रतिनिधित्व करता है. चन्द्र को काल पुरुष का मन कहा गया है. चन्द्र माता ,मन ,मस्तिष्क ,बुद्धिमता ,स्वभाव ,जननेन्द्रियों ,प्रजनन सम्बन्धी

कुण्डली मिलान में दोष परिहार - किन कारणों से आपकी कुण्डली के दोष खत्म होते हैं

वैदिक ज्योतिष में विवाह पूर्व कुंडली मिलान पर बल दिया गया है. कुंडली मिलान के माध्यम से वर-वधु की कुंडलियों का आंकलन किया जाता है ताकि वह जीवनभर एक-दूसरे के पूरक बने रहें. लेकिन वर्तमान समय में केवल

ग्रहों के योग क्या होते हैं और क्या उनका प्रभाव सचमुच है?

ज्योतिषशास्त्र में ग्रहों के योगों का बड़ा महत्व है। पराशर से लेकर जैमनी तक सभी ने ग्रह योग को ज्योतिष फलदेश का आधार माना है। योग के आंकलन के बिना सही फलादेश कर पाना संभव नहीं है। योग क्या है और यह

ज्योतिष में सप्तांश कुण्डली आपके जीवन पर क्या प्रभाव करती है ये जानना बहुत जरूरी है

जन्म कुण्डली के पंचम भाव से संतान के बारे में पूर्ण रुप से विवेचन किया जाता है. इसी पंचम भाव के सूक्ष्म अध्ययन के लिए वैदिक ज्योतिष में सप्तांश कुण्डली का आंकलन किया जाता है. जन्म कुण्डली का पंचम भाव

ज्योतिष के द्वारा अपनी शिक्षा का विश्लेषण कैसे करें? गाइड

वैदिक ज्योतिष द्वारा हम कुण्डली में स्थित शिक्षा के योग के बारे में भी जान सकते हैं. जातक की शिक्षा कैसी होगी और वह शैक्षिक योग्यता में किन उचाइयों को छूने में सक्षम हो सकेगा. आज के समय में सभी अपनी

ज्योतिष द्वारा ग्रह कलह से मुक्ति कैसे पायें (आसान उपाय)

गृहस्थ जीवन में सुख की चाह हर व्यक्ति के मन में समाई हुई होती है. जीवन का सच्चा सुख व्यक्ति को हर राह पर आगे ही लेकर जाता है परंतु परिवार में व्याप्त कलह - कलेश व्यक्ति के जीवन को कठीनाईयों एवं

आपकी कुंडली में चन्द्र कहां है? क्या होगा उसका प्रभाव, जानिये

वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक कहा जाता है और इसी के प्रभाव से प्रभावित हो व्यक्ति का मन हर समय चलायमान रहता है. उत्तर कालामृत में चंद्रमा को बुद्धि पुष्य सुगंध कहा है अर्थात चंद्रमा को

कुण्डली से जाने व्यवसाय में सफलता | Kundali informs about success of business

व्यवसाय में कैसी स्थिति रहेगी इस विषय का आंकलन ज्योतिष द्वारा किया जा सकता है. ग्रहों की किस प्रकार की दृष्टि, युति या स्थान परिवर्तन कैसा हो रहा है, इन सभी तथ्यों के आधार पर कारोबार में सफलता-असफलता