कई बार नौकरी में कुछ प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना भी करना पड़ता है. ऎसी स्थिति में प्रश्नकर्त्ता के ऊपर मान-सम्मान को लेकर ठेस पहुंचाने का कार्य हो सकता है. कई बार दोषारोपण के कारण अथव अन्य कई कारणों से स्थानांतरण की परिस्थिति भी उत्पन्न हो जाती है. आइए उन ग्रह स्थितियों को प्रश्न कुण्डली में समझें जिनके कारण जातक को विपरीत स्थितियों का सामना करना पड़ता है.
दोषारोपण | Blames
* कुण्डली में प्रश्न के समय यदि अष्टमेश तथा दशमेश का संबंध बन रहा हो तब प्रश्नकर्त्ता के ऊपर दोष लगता है. जहाँ भी दोष लगेगा उसमें अष्टम भाव अवश्य शामिल होता है.
* प्रश्न के समय चतुर्थ भाव पीड़ित है तो तो भी प्रश्नकर्त्ता के ऊपर दोष लग सकता है.
* गोचर के ग्रहों की स्थिति के आधार पर भी दोष का पता लग सकता है. जैसे यदि किसी विशेष ग्रह ने किसी विशेष तरीके से राशि परिवर्तन किया हो.
* दशमेश या लग्नेश का अपनी उच्च राशि के स्वामी से इत्थशाल हो तो यह तरक्की तथा ओहदा बढा़ने वाला योग होता है. यदि यही इत्थशाल नीच राशि से होगा तब यह खराब होगा तथा तरक्की भी नहीं होगी. यश में कमी आएगी. (grossmancapraroplasticsurgery.com)
* अष्टम भाव नौकरी में रुके हुए धन(Arears) का भी है. यदि अष्टम भाव का संबंध द्वित्तीय भाव से है तब रुका हुआ धन मिल जाएगा.
स्थानांतरण | Transfer
नौकरी में किसी भी प्रकार का स्थानांतरण तीसरे तथा नवम भाव से देखा जाता है. स्थानांतरण अथवा तबादले को लेकर कई प्रकार के प्रश्न होते हैं.
* यदि प्रश्न के समय यदि चर लग्न तथ चर नवाँश है तो अच्छा परिवर्तन होगा. प्रश्नकर्त्ता स्थानांतरण से प्रसन्न रहेगा.
* यदि प्रश्न के समय चन्द्र तथा सप्तम भाव पर कर्त्तरी हो तो परिवर्तन अथवा स्थानांतरण नहीं होगा. यदि पाप कर्त्तरी है तो मनोनुकूल स्थानांतरण रुक जाएगा.
* प्रश्न के समय चन्द्र तथा सप्तम भाव पर शुभ कर्त्तरी है तो स्थानांतरण नहीं चाहता है और न ही होगा.
* लग्न का यदि तृत्तीय भाव या नवम भाव से संबंध बने तो तबादला जल्दी होगा. चर राशि में यह संबंध बने तो स्थानांतरण जल्दी होगा.
* द्वादश भाव अथवा द्वादशेश का नवम भाव अथवा नवमेश से संबंध बने तो विदेश में भाग्योदय होगा. दशम भाव तथा द्वादश भाव का संबंध बने तो कर्म के द्वारा विदेश में भाग्योदय होगा.
* प्रश्न के समय लग्न तथा दशम भावों का संबंध तीसरे तथा नवम भाव से है तो स्थानांतरण हो जाएगा. लग्न तथा दशम भाव का संबंध चर राशि से है तब भी स्थानांतरण होगा. लग्न में वक्री ग्रह के स्थित होने से भी स्थान परिवर्तन होगा.
* प्रश्न कुण्डली में दशमेश का 6,8 या 12वें भाव में जाना खराब माना जाता है. दशमेश यदि छठे भाव में जाता है तो दोषारोपण के साथ तबादला हो सकता है. यदि दशमेश अष्टम भाव में जाता है तब जहाँ तबादला होगा वहाँ पर जातक परेशान रहेगा. बाधाओं तथा रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है. यदि दशमेश 12वें भाव में स्थित होता है तब कहीं बहुत दूर तबादला हो जाता है.
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