कुंभ राशि वालों के लिए यह वर्ष नई उड़ान भरने का और अपने सपनों को पूरा करने का समय होगा. यह आपके लिए एक रोमांचकारी वर्ष हो सकता है. वैसे शनि का प्रभाव आप पर रहेगा साढ़ेसाती आप पर असर डालने वाली है लेकिन अब इस साल से साढ़ेसाती का तीसरा चरण

मकर राशि अपने व्यक्तित्व और दृढ़ता के लिए जानी जाती है. इस राशि के जातकों दक्षता और कुशलता बेहतरीन होती है. मकर राशि शनि के प्रभाव की राशि और इसी कारण 2025 इन राशियों के लिए होने वाला है बेहद विशेष. इस बार एक बार फिर से इनके राशि स्वामी

धनु राशिफल बृहस्पति की राशि है. यह एक बेहद ही आकर्षक, एकाग्र, परिश्रमी और साहस से ओत-प्रोत राशि है. गुरु का गोचर जब भी बदलाव में आता है धनु राशियों के लिए विशेष परिणाम देने वाला होता है. इस साल भी गुरु एक राशि से निकल कर दूसरी राशि में

ज्योतिष में कई भाव मंगल ग्रह के लिए खास माने गए हैं. मंगल की स्थिति जिन भावों में होती है उस अनुरुप फल मिलते हैं, लेकिन जब मंगल कुछ खास भाव स्थान में होता है तब उसका फल बिलकुल ही अलग तरह से मिलता है. दूसरे भाव में मंगल का होना दिलचस्प और

वृश्चिक राशिफल 2025 : गुरु और राहु का असर देगा बदलाव के संकेत वृश्चिक राशिफल राशि चक्र की आठवीं राशि है. वृश्चिक राशि के लिए नए साल की शुरुआत बेहद विशेष होती है. इस साल काम को करने के लिए कमर कस लेने की आवश्यकता होगी. इस साल शनि और

तुला राशि बेहद आकर्षक एवं प्रतिभाशाली राशि है. इस राशि के स्वामी शुक्र हैं और इस तुला राशि के लिए शनि देव योगकारक होते हैं. शुक्र के स्वामित्व वाली तुला राशि के लिए इस साल का समय अच्छा रहेगा. इस साल तुला राशि वाले अपने काम में पहचान बना

कन्या राशि राशि चक्र में छठे स्थान पर आती है, कन्या राशि के स्वामी बुध हैं और बुध का प्रभाव ही कन्या राशि के लिए विशेष होता है. वार्षिक राशिफल के अनुसार बुध ग्रह की स्थिति, बुध के वक्री अस्त मार्गी, उदय, होने वाले घटनाक्रम जब भी आएंगे तब

कुंडली में चंद्रमा का असर उसकी स्थिति पर निर्भर करता है. चंद्रमा कुंडली में जैसा होगा वैसा ही फल देगा. अब जब हम बात करते हैं पहले भाव में चंद्रमा के होने की तब चंद्रमा के हर अच्छे बुरे पक्ष को देख कर उसके परिणामों को देखना जरूरी होता है.

सिंह राशि सूर्य के स्वामित्व की राशि है ओर बेहद प्रभावशालि राशियों कि श्रेणी में स्थान पाती है. सिंह राशि वालोम के लिए वार्षिक राशिफल की स्थिति राशि स्वामी सूर्य की स्थिति के साथ साथ अन्य ग्रहोम के गोचर पर निर्भर करती है. साल 2025 का सिंह

वार्षिक राशिफल अनुसार कर्क राशि वालों के लिए रहेगा यह साल बेहद खास, इस सल आप अपने सपनों को पूरा कर पाएंगे. आप उन कामों को पूरा कर पाएंगे जो काफी समय से रुके हुए थे. इस साल करियर, आर्थिक स्थिति और प्रेम संबंधों के लिए रहेगी सुखद स्थिति.

कर्क राशि के लिए शनि सातवें भाव और आठवें भाव का स्वामी है. यह आपकी जन्म कुंडली में नवम भाव (भाग्य भाव) में प्रवेश करेगा. शनि को सभी 12 राशियों का चक्कर लगाने में लगभग 30 वर्ष लग जाते हैं. अब समय आ गया है कि यह ग्रह अपनी ही राशि कुंभ से

मिथुन राशिफल 2025 मिथुन राशि बुध के स्वामित्व की राशि है. नए वर्ष की स्थिति में बुध की स्थिति एवं अन्य ग्रहों के साथ बुध के युति योग के अलावा दृष्टि योग का असर भी राशिफल में अपनी खास भूमिका दिखाए. राशि चक्र की इस तीसरी राशि मिथुन के लिए

शुक्र का जन्म कुंडली के पहले भाव में होना एक शुभ घटना है. शुक्र का पहले भाव में होना बेहद सकारात्मक स्थिति मानी गई है. शुक्र एक शुभ ग्रह है और यह लग्न में बैठकर आत्मा को प्रकाशित करने जैसा होता है. प्रथम भाव में शुक्र आपको बहुत आकर्षक

वृषभ वार्षिक राशिफल 2025 वृषभ राशि के लोगों के लिए 2025 राशिफल के अनुसार इस वर्ष अनुकूल परिणाम प्राप्त हो सकते हैं. आपका व्यावहारिक क्षेत्र में सफल होंगे. इस समय मानसिक रुप से कुछ बातें चिंता देंगे लेकिन आपका स्वभाव समस्याओं को कम करेगा.

वार्षिक राशिफल अनुसार मेष राशि वालों के लिए ग्रहों का गोचर देगा जीवन में नए बदलाव. साल की शुरुआत रहेगी बेहद खास. कुछ अच्छे अनुभव और नई वस्तुओं की प्राप्ति का समय रहेगा बेहद खास. मेष राशि चक्र में में प्रथम स्थान पर आती है. मेष राशि के

शनि कुंडली में अठवें और नवम भाव का स्वामी है. 2025 में, यह मिथुन राशि के लिए दसवें भाव में गोचर करेगा, कुंडली का दसवां भाव कर्म भाव भी कहा जाता है और शनि दसवें भाव का कारक ग्रह भी है. इसलिए यह समय अनुकूल रहेगा. पूर्व में की गई कड़ी मेहनत

वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनि ग्रह का बहुत महत्व है. शनि जन्म कुंड्ली के जिस भाव में होगा उस भाव को काफी गहरे असर डालता है. कुंडली के पहले घर में शनि उन कुछ प्रभावों को देता है जिसके कारण उसका सारा जीवन प्रभावित होता है. शनि कुंडली के पहले

प्रथम भाव में बुध ग्रह : बुद्धि और तर्क की कुशलता होती है प्रगाढ़ बुध ग्रह के लिए प्रथम भाव में बुध का होना एक आदर्श स्थान हो सकता है क्योंकि पहला भाव मस्तिष्क है विचार व्य्वहार का स्थान है. ऎसे में बुध जब लग्न में होंगे तो इन चीजों से

शनि के वृष राशि पर गोचर का प्रभाव वैदिक ज्योतिष में शनि को अनुशासन शिक्षक और सुव्यवस्थित कार्यपालक के रूप में जाना जाता है। अब समय आ गया है कि यह शक्तिशाली देवता मीन राशि में प्रवेश करे जो कि बृहस्पति की राशि है। यह लगभग 30 वर्षों तक अपना

जन्म कुंडली का पहला भाव जीवन का आईना कहलाता है. लग्न भाव में जब सूर्य होता है तो व्यक्ति के भीतर चमक को भर देने का काम कर देता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जन्म कुंडली के प्रथम भाव में सूर्य ग्रह का विराजमान होना कई तरह से अपना प्रभाव