ज्योतिष शास्त्र से जानें संतान सुख में आईवीएफ और दत्तक संतान फल बच्चों की इच्छा एवं उनके सुख को पाना दंपत्ति का पहला अधिकार होता है. विवाह पश्चात संतान जन्म द्वारा ही जीवन के अगले चरण का आरंभ होता है. विवाह जीवन में एक बहुत ही महत्वपूर्ण

वैदिक ज्योतिष में केतु को अलगाव, ज्ञान, रहस्य, ध्यान और सबसे महत्वपूर्ण वैराग्य के कारक के लिए माना जाता है. केतु कर्म का प्रतिनिधित्व करता है, यह हमारे पिछले जन्मों के कर्मों के फल को दर्शाता है. कुंडली में केतु जहां बैठता है वह उस

जन्म कुंडली का आठवां भाव रहस्यों का स्थान कुंडली के बारह भावों अपने आप में पूर्ण अस्तित्व को दर्शाते हैं. इन सभी भावों में एक भाव ऎसा भी है जो आयु मृत्य और रहस्य का घर होकर सभी आचार्यों के लिए एक गंभीर एवं सूक्ष्म स्थान है. इस भाव को लेकर

हिंदू पंचांग में शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष महत्व हिंदू पंचांग को ज्योतिष फलकथन एवं खगोलिय गणना इत्यादि हेतु उपयोग में लाया जाता है. हिंदू धर्म में मौजूद समस्त व्रत त्यौहार एव्म धार्मिक क्रियाकला पंचांग द्वारा ही निर्धारित किए जाते हैं.

किसी भी भाव के वर्षफल कुंडली में लग्न बनए का फल वर्ष कुंडली को हर वर्ष के लिए देखा जाता है. वर्षफल कुंडली में प्रत्येक वर्ष का भविष्यफल देखा जाता है. वर्ष फल कुंडली को ताजिक शास्त्र में उपयोग किया जाता है. वर्ष कुंडली अनुसार इस समय पर

ज्योतिष में ग्रहों की अस्त स्थिति काफी महत्वपूर्ण रह सकती है. सूर्य का प्रभाव ही ग्रहों को अस्त करने के लिए महत्वपूर्ण कारक बनता है. सूर्य के समीप आकर सभी ग्रहों का असर कमजोर हो जाता है. सुर्य के कारण ही ग्रह अस्त होते हैं ज्योतिष में

ज्योतिष में कई तरह के शुभ एवं अशुभ योगों का वर्णन प्राप्त होता है. इन योगों के प्रभाव स्वरुप किसी व्यक्ति को विभिन्न प्रकार के फलों की प्राप्ति होती है. एक विशेष योग बालारिष्ट भी ज्योतिष शास्त्र में अत्यंत महत्वपूर्ण योग रहा है. इस योग का

ज्योतिष शास्त्र में जीवन के हर क्षण और घटनाक्रम को समझा जा सकता है. इसमें मौजूद गणनाओं का उपयोग करके जीवन में होने वाली घटनाओं को जान पाना संभव होता है. इन सूक्ष्म गणनाओं में एक गणना आयु और दुर्घटना को लेकर है जिसे जानने के लिए किसी

2024 में सावन माह का आरंभ 22 जुलाई से होगा. श्रावण माह का समय 22 जुलाई को कृष्ण पक्ष प्रतिपदा से शुरु होगा. सावन के पहले दिन ही अशून्यशयन व्रत भी होगा जो भगवान शिव हेतु रखा जाता है. सावन के कृष्ण पक्ष में दो सोमवार व्रत होंगे. इसके पश्चात

राहु - सूर्य राहु और सूर्य का संबंध कुण्डली में ग्रहण योग का निर्माण करता है. इसके प्रभाव स्वरुप पिता एवं संतान के मध्य वैचारिक मतभेद की स्थिति रह सकती है. संतान की जन्म कुण्डली में यह योग होने पर पिता के व्यवसाय और मान सम्मान में कमी

ज्योतिष के सिद्धांत अनुसार राशियों के द्वारा किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व को समझने में बहुत से विशेष बातों का आसानी से पता चल सकता है. अगर आपको अपने भावी साथी से केवल उनकी जन्म तिथि की जानकारी ही मिल पाती है तब आप उनके चंद्र ओर सूर्य राशि के

मीन राशि के लिए जुलाई माह में ग्रहों की स्थिति इस प्रकार रहेगी. राशि स्वामी बृहस्पति का मीन राशि गोचर होगा इसके पश्चात 28 जुलाई को बृहस्पति मीन राशि में वक्री होकर गोचर करेंगे. मंगल का गोचर मेष राशि में होगा. माह आरंभ में सूर्य का गोचर

कुंभ राशि के लिए जुलाई माह में ग्रहों की स्थिति इस प्रकार रहेगी. राशि स्वामी शनि का वक्री अवस्था में ही गोचर कुंभ राशि में होगा और 12 जुलाई को शनि वक्री अवस्था में मकर राशि में प्रवेश करेंगे तथा वहीं गोचरस्थ रहेंगे. माह आरं भ में सूर्य का

मकर राशि के लिए जुलाई माह में ग्रहों की स्थिति इस प्रकार रहेगी. राशि स्वामी शनि का वक्री अवस्था में ही गोचर कुंभ राशि में होगा और 12 जुलाई को शनि वक्री अवस्था में मकर राशि में प्रवेश करेंगे तथा वहीं गोचरस्थ रहेंगे. माह आरं भ में सूर्य का

धनु राशि के लिए जुलाई माह में ग्रहों की स्थिति इस प्रकार रहेगी. राशि स्वामी बृहस्पति का मीन राशि गोचर होगा इसके पश्चात 28 जुलाई को बृहस्पति मीन राशि में वक्री होकर गोचर करेंगे मंगल का गोचर मेष राशि में होगा. माह आरंभ में सूर्य का गोचर

वृश्चिक राशि के लिए जुलाई माह में ग्रहों की स्थिति इस प्रकार रहेगी. राशि स्वामी मंगल का गोचर मेष राशि में होगा. माह आरंभ में सूर्य का गोचर मिथुन में होगा उसके पश्चात माह मध्य 16 जुलाई से कर्क में राशि में गोचरस्थ आरंभ होगा. बुध वृष राशि

तुला राशि के लिए जुलाई माह में ग्रहों की स्थिति इस प्रकार रहेगी. राशि स्वामी शुक्र माह आरंभ में वृषभ में होंगे इसके बाद 13 जुलाई को मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे. माह आरंभ में सूर्य का गोचर मिथुन में होगा उसके पश्चात माह मध्य 16 जुलाई से

मिथुन राशि के लिए जुलाई माह में ग्रहों की स्थिति इस प्रकार रहेगी. राशि स्वामी बुध वृष राशि में गोचरस्थ होंगे, 2 जुलाई को बुध वृष से निकल कर मिथुन में होंगे 16 जुलाई को कर्क में जाकर गोचरस्थ होंगे. 5 जुलाई को पूर्व में अस्त होंगे इसके बाद

सिंह राशि के लिए जुलाई माह में ग्रहों की स्थिति इस प्रकार रहेगी. राशि स्वामी सूर्य माह आरंभ में मिथुन में गोचर करेंगे, उसके पश्चात माह मध्य 16 जुलाई से कर्क में राशि में प्रवेश करेंगे तथा गोचरस्थ रहेंगे. माह आरंभ में बुध वृष राशि में

कर्क राशि के जातकों के लिए आर्थिक क्षेत्र में उतार-चढ़ाव बना रहने वाला है. कुछ न कुछ ऐसे मौके सामने दिखाई देंगे जिनके कारण आप लाभ ओर हानि दोनों को देखेंगे. इस समय के दौरान स्थितियां काफी मिलेजुले असर की होगी. अपने लिए इनकम के कुछ नए