Articles in Category horoscope

ग्रहों की शांति के लिए दान करने से जुड़े नियम

दान करने के लिए प्रत्येक ग्रह से जुड़ी चीजों का ज्ञान होना बहुत जरूरी है. यदि ग्रह की शांति के लिए दान करना शुभ है तो कई बार दान की स्थिति नकारात्मक फलों को भी देने वाली हो जाती है. इसके लिए जरूरी है

कन्या लग्न के लिए सभी ग्रह दशा का प्रभाव

कन्या लग्न के प्रभाव से व्यक्ति में संघर्षों से लड़ने की क्षमता होती है. यह राशि पृथ्वी तत्व की राशि मानी जाती है इसलिए यह परिस्थिति से उबरने में सक्षम होती है. बुध इसके लग्न का स्वामी होता है. बुध

आपकी कुंडली के विभिन्न भावों में चंद्रमा और बुध की युति

बुध के साथ चंद्रमा की युति दो शुभ ग्रहों की युति का योग होती है. चंद्रमा और बुध दोनों को ही ज्योतिष शास्त्र में शुभ ग्रहों के रुप में देखा जाता है. इसके अलावा इन दोनों ग्रहों का आपसी संबंध भी बहुत

शुक्र का सिंह राशि प्रवेश, सभी राशियों को करेगा प्रभावित

शुक्र के सिंह राशि में प्रवेश के साथ ही कई तरह के बदलाव सभी को दिखाई देंगे. सिंह राशि में शुक्र का प्रवेश नई संभावनाओं को देने वाला होगा. जिस समय शुक्र सिंह राशि में गोचर करेगा उस समय एक प्रकार की

कुंडली के सातवें घर में बैठा ग्रह करता पार्टनर की भविष्यवाणी

ज्योतिष शास्त्र आपको आपके भावी पति-पत्नी के स्वभाव और विशेषताओं को देखने में मदद करता है और यह आपको यह जानने में भी मदद करता है कि आपका अपने पति या पत्नी के साथ किस प्रकार का संबंध होगा. ज्योतिष

भकूट कैसे देता है सफल विवाह की गारंटी ?

विवाह मिलान से जुड़े ज्योतिषीय नियमों में एक नियम भकूट भी है. भकूट का उपयोग वैवाहिक सुख को देखने हेतु विशेष रुप से किया जाता है. विवाह मिलान में भकूट मिलान का बेहद महत्व होता है. भकूट की स्थिति पर

जन्म कुंडली में भाव स्वामी के अस्त होने का प्रभाव

कुंडली में अस्त ग्रह की स्थिति कई मायनों में असर दिखाती है. अस्त अगर शुभ ग्रह हुआ है तो उसके फल पाप ग्रह के अस्त होने से विपरित होंगे. अस्त ग्रह सामान्य रह सकता है तो कहीं वह विद्रोह की स्थिति को भी

जन्म कुंडली में शुभ अशुभ राज योग क्या दर्शाता है?

ज्योतिष शास्त्र कहता है कि राज योग एक ऐसा योग है जो व्यक्ति को राजा जैसा भाग्य प्रदान करता है, इस कारण से ही इसे राजयोग कहा गया है. जिसकी कुंडली में यह योग होता है उस व्यक्ति को कई तरह के फल प्राप्त

गुरु का अष्टकवर्ग में निर्बल होने का फलकथन

अष्टकवर्ग में त्रिकोण शोधन एक महत्वपूर्ण शोधन होता है. यह ग्रह की स्थिति एवं उसकी क्षमता को दर्शाता है. अष्टकवर्ग के सिद्धांतों का सही प्रकार से उपयोग करने के बाद कुण्डली की विवेचना करने में ओर उसके

कर्क लग्न के लिए सभी ग्रहों का दशा फल

कर्क लग्न को एक अत्यंत ही शुभ लग्न के रुप में जाना जाता है. यह चंद्रमा के स्वामित्व की राशि का लग्न होता है. इस पर चंद्रमा के गुणों के साथ राशि गुणों का भी गहरा असर देखने को मिलता है. कर्क लग्न में

राहु का अपने शत्रु और मित्र ग्रह नक्षत्र के साथ आप पर पड़ने वाला प्रभाव

नक्षत्रों की भूमिका को ज्योतिष में बेहद महत्वपूर्ण माना गया है. यदि ज्योतिष में कृष्णमूर्ति पद्धिति की बत की जाए तो उसमें नक्षत्रों का ही बोलबाला रहा है. हर प्रकार की भविष्यवाणि में नक्षत्र की स्थिति

सभी लग्नों के लिए चंद्रमा का छठे भाव में होने का रहस्य

वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा का महत्व बहुत ही व्यापक रुप से माना गया है. यह मन, भावना, संवेदनशीलता को सबसे अधिक प्रभावित करने वाला ग्रह है. सूर्य के बाद दूसरा सबसे महत्वपूर्ण ग्रह चंद्रमा माना जाता है.

करियर में अच्छी सफलता के ज्योतिषीय योग क्या हैं

करियर किसी भी क्षेत्र में हो उसमें सफलता की चाह ओर एक अच्छी प्रगत्ति को पाने का संघर्ष सभी के द्वारा जारी रहता है. ऎसे में कौन सा करियर विकल्प रुचियों के अनुरूप हो और उसमें सफलता का प्रयास भी

आठवें भाव में शनि कैसे देता है अपना प्रभाव

कुंडली में यदि आठवें भाव को एक चुनौतिपूर्ण स्थान माना गया है वहीं शनि की आठवें भाव उपस्थिति को बेहद अनुकूल माना गया है. वैदिक ज्योतिष में एक विशेष स्थान माना जाता है. आठवां घर परंपरागत रूप से

कारकांश और उसका कुण्डली में भाव महत्व

कारकांश आत्मकारक और नवमांश का आपसी संबंध दर्शाता है. इस कुंडली की मजबूती और नवांश की शक्ति के आपसी संबंध की भी व्याख्या करने वाला होता है. कारकांश D9 में वह राशि है जहां D1 का आत्मकारक ग्रह स्थित है,

मीन लग्न में सभी ग्रहों का प्रभाव

मीन लग्न में सभी ग्रहों का प्रभाव मीन लग्न को एक शुभ, कोमल उदार लग्न के रुप में जाना जाता है. मीन लग्न का स्वामी बृहस्पति होता है जो ज्ञान का सूचक है. इस लग्न में जन्मे व्यक्ति का व्यवहार एवं गुणों

राहु का मेष राशि में होने का प्रभाव

राहु एक ऎसा छाया ग्रह है जो अपनी शक्ति के द्वारा किसी भी ग्रह को प्रभावित कर पाने में सक्षम होता है. यह एक ऎसा ग्रह है जिसका असर व्यक्ति के जीवन में उन घटनाओं को लाने के लिए जिम्मेदार होता है जिनके

ज्योतिष अनुसार जानें अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता

ज्योतिष अनुसार स्वास्थ्य के विषय में कई तरह के मुद्दों को समझ पाना संभव होता है. यदि सेहत अच्छी हो तो व्यक्ति एक लम्बी आयु का सुख अच्छे स्वास्थ्य के रुप में देख पाता है. स्वास्थ्य ही धन है, अच्छे

बुध का आत्मकारक होना वाणिज्य में देता है सफलता

बुध को वैश्य वर्ग का माना गया है, अर्थात व्यापार से संबंधित ग्रह के रुप में बुध को विशेष रुप से देखा जाता है. बुध की स्थिति कुंडली में एक अच्छे वाणिज्य को दर्शाने वाली होती है. बुध एक ऎसा ग्रह है जो

सूर्य के आत्मकारक होने पर प्रतिष्ठा के साथ मिलती हैं राजनीतिक सफलता

आत्मकारक ग्रह जीवन में इच्छाओं के साथ आकांक्षा को दर्शाता है. यह ग्रह मुख्य ग्रह है जिसके माध्यम से कुंडली के अन्य ग्रहों के बल का आंकलन किया जाता है. यदि आत्मकारक कमजोर या पीड़ित है, तो जीवन में गलत