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अपनी कुंडली से जानें कौन से अशुभ भाव आपके जीवन में बनते हैं बाधा का कारण
ज्योतिष शास्त्र जन्म कुंडली का विश्लेषण में बहुत सी चीजों पर आधारित होता है. कुंडली में कुछ स्थान शुभ होते हैं तो कुछ स्थान अशुभ माने जाते हैं. शुभता एवं शुभता की कमी के कारण ग्रहों का असर काफी गहरे
आपकी कुंडली के योग पूरा करेंगे घर का सपना
घर खरीदने का योग कब होगा आपके लिए पूरा घर खरीदने की इच्छा सभी के दिल में होती है, मन में व्यक्ति के विचार अपने आशियाने की इच्छा को दिखाने वाले होते हैं. इस दुनिया में हर व्यक्ति घर का मालिक होने या
रिश्तों और लव अफेयर में शुक्र की भूमिका क्यों होती है खास
ज्योतिष शास्त्र में शुक्र को प्रेम और विलासिता का ग्रह माना गया है. जबकि पश्चिमी ज्योतिष में शुक्र को एक स्त्री के रूप में चित्रित किया जाता है. वैदिक ज्योतिष अनुसार शुक्र ग्रह का संबंध शुक्राचार्य
सिंह लग्न के लिए मारकेश और उसका फल
सिंह लग्न के लिए दूसरा और सातवां भाव मारक भाव कहलाता है. सिंह लग्न के लिए, द्वितीय भाव में पड़ने वाली राशि कन्या और सातवें भाव में पड़ने वाली कुंभ राशि मारकेश का स्वामित्व पाती है. कन्या राशि का
कर्क लग्न के लिए मारक ग्रह - मारकेश कौन होता है
कर्क लग्न के लिए मारक ग्रह और कब होता है मारक का असर कर्क लग्न के लिए यदि मारक ग्रह की बात की जाए तो कर्क लग्न के दूसरे भाव और सातवें भाव स्थान को मारक स्थान कहा जाएगा. अब कुंडली के दूसरे और सातवें
रिश्तों में जुड़ाव और अलगाव के लिए ग्रहों का असर
रिश्तों और प्यार में नवग्रहों की भूमिका कैसे करती है सहायता जन्म कुंडली में रिश्तों एवं प्रेम कि स्थिति को जानने के लिए प्रत्येक ग्रह की विशेष भूमिका होती है. किसी व्यक्ति के जन्म के समय आकाश में
विष योग - शनि और चंद्र का संगम क्यों होता है इतना घातक ?
जन्म कुंडली में शनि और चंद्र का एक साथ एक भाव में होना विष योग का निर्माण करता है. यह एक घातक योग होता है. इस योग के खराब असर अधिक देखने को मिलते हैं. जिस भाव में इस योग का निर्माण होता है उस भाव से
बंधन योग, कुंडली का ऎसा योग जो जेल या कारावास के लिए बनता है मुख्य कारण
ज्योतिष में ग्रहों की स्थिति अनुसर बनने वाले कुछ योग इतने विशेष हो जाते हैं जिनका जीवन पर गहरा असर पड़ता है. धन की कमी के लिए बनने वाला केमद्रूम योग आर्थिक स्थिति को कमजोर बनाता है, धन देने वाला
ग्रहों में दिशाओं की शक्ति और दिग्बल दिलाता है सफलता
जन्म कुंडली में ग्रह भाव और राशि का प्रभाव काफी महत्वपूर्ण होता है. ग्रहों के क्षेत्र में कारक तत्वों का आधार ही व्यक्ति के लिए विशेष परिणाम देने वाला होता है. ग्रहों में उनका दिशा बल भी बहुत कार्य
विवाह के लिए श्रेष्ठ नक्षत्र मिलान आईये जानें कौन सा नक्षत्र होगा आपके लिए शुभ मिलान
विवाह मिलान में नक्षत्र मिलान एक सबसे महत्वपूर्ण कारक बनता है. नक्षत्रों का एक साथ शुभता लिए होना विवाह के सुखमय होने का आधार भी बनता है. जब हम अपने सहयोगी एवं मित्र स्वरुप नक्षत्र से मिलते हैं तो इस
वैदिक ज्योतिष में सेहत से जुड़े मुख्य कारक
सेहत से जुड़े कई कारकों का वर्णन वैदिक ज्योतिष में मिलता है. सेहत जीवन का एक महत्वपुर्ण मुद्दा है जिसे लेकर कइ बर हम सजग तो कई बार लापरवाह भी दिखाई देते हैं किंतु कुल मिलाकर सेहत को बेहतर बनाए रखने
ज्योतिष में बनने वाले पांच दुर्लभ योग जो कुंडली में होते हैं खास
ज्योतिष में ग्रहों, नक्षत्रों, भावों, राशियों इत्यादि के आधार पर कई तरह के योग बनते हैं जो कुछ शुभ तो कुछ अशुभ स्थिति को पाते हैं . कुछ योग ऎसे होते हैं जो काफी विशेष रुप से व्यक्ति पर अपना असर डालते
मिथुन लग्न के लिए कौन बनता है मारक
कुंडली का प्रत्येक लग्न किसी न किसी मारक ग्रह से प्रभावित अवश्य होता है. मिथुन लग्न की कुंडली होने पर इस कुंडली के दूसरे भाव और सातवें भाव का स्वामी मारक बनता है. मिथुन लग्न के लिए, द्वितीय भाव में
विदेश में निवास के लिए आपकी कुंडली में बनने वाले ये योग होते हैं खास
विदेश में जाना, विदेश यात्रा करना आज के समय में इसका काफी प्रचलन बढ़ गया है. विदेश में यात्रा के अवसर कई तरह से मिल जाते हैं लेकिन जब बात आती है विदेश में ही रहने की तब चीजें काफी मुश्किल सी दिखाई
राशि अनुसार नौकरी का चुनाव क्यों करना अनुकूल होगा
नौकरी में सफल होने के लिए, करियर से संबंधित विचार बहुत जल्द ही कम उम्र में शुरू हो जाता है. करियर बनाने की दिशा में शिक्षा क्षेत्र का चयन पहला कदम होता है. जो इस बात को निर्धारित करने में मदद करता है
वृषभ लग्न के लिए मारक ग्रह और उसका प्रभाव
वृष लग्न शुक्र के स्वामित्व का लग्न है इस लग्न के लिए दूसरे और सातवें भाव को मारक कहा जाता है. दूसरे और सातवें भाव के राशि स्वामी को मारकेश कहा जाएगा. वृष लग्न के लिए द्वितीय भाव में मिथुन राशि आती
मेष लग्न वालों के लिए कौन है मारक ग्रह और उसका जीवन पर प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र में ग्रह और नक्षत्रों का प्रभाव व्यक्ति के जीवन की सभी गतिविधियों पर पड़ता है. इन सभी के अच्छे और खराब फल व्यक्ति पर पड़ते हैं. कुछ न कुछ उतार-चढाव हर व्यक्ति के जीवन को अवश्य
चंद्रमा के उच्च अवस्था और नीच अवस्था के पीछे के ज्योतिषिय कारण
चंद्रमा की गति व्यक्ति के मन और स्वभाव को बहुत अधिक प्रभावित करती है. ज्योतिष अनुसार चंद्रमा का असर तेजी से पड़ता है. चंद्रमा किसी भी राशि में लगभग सवा दो दिन तक रहता है उसके पश्चात आगे बढ़ जाता है.
विद्यारंभ संस्कार मुहूर्त : कब करें बच्चे की शिक्षा का आरंभ :
शिक्षा शुरू करने में मुहूर्त का महत्व शिक्षा का प्रभाव जीवन के विकास और निर्माण दोनों में सहायक होता है. भारतीय संस्कृति में शिक्षा का महत्व प्राचीन काल से ही रहा है. वेदों में वर्णित सूक्तों द्वारा
राहु और चंद्रमा का कुंडली के सभी भावों में प्रभाव
जन्म कुंडली में राहु और चंद्रमा की युति अत्यधिक संवेदनशील और मानसिक स्वभाव के कारण कुछ अत्यधिक भावनात्मक स्थितियों को जन्म दे सकती है. राहु एक शक्तिशाली छाया ग्रह है, और जब चंद्रमा के साथ जुड़ता है,