Articles in Category hindu calendar
निर्जला एकादशी व्रत | Nirjala Ekadashi Fast
हिन्दु माह के दौरान एकादशी तिथि का बहुत महत्व माना जाता है. इसमें भी निर्जला एकादशी को विशेष स्थान प्राप्त है. एकादशी तिथि को भगवान कृष्ण को भी अति प्रिय रहती है. एकादशी तिथि में भगवान कृष्ण का पूजन
ज्येष्ठ माह का महत्व और इसकी महिमा के बारे में जानिए विस्तार से
हिन्दू पंचाग के अनुसार ज्येष्ठ मास हिन्दू वर्ष का तीसरा माह है. हिन्दी माह में हर माह की एक विशेषता रही है. सभी की कोई न कोई खासियत होती ही है. जीवन में आने वाले उतार-चढा़वों में ये सभी माह कोई न कोई
जानिए, दशमी तिथि का महत्व और इसमें किए जाने वाले कार्य
सूर्य अपने अंशों से जब 12 अंश आगे जाता है, तो एक तिथि का निर्माण होता है. इसके अतिरिक्त सूर्य से चन्द्र जब 109 अंशों से लेकर 120 अंश के मध्य होता है. उस समय चन्द्र मास अनुसार शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि
जानिए क्यों है इतना महत्वपूर्ण माघ माह और इसके महव के बारे में
हिन्दूओं का एक अन्य पवित्र माह माघ मास है, इस माह का महत्व धार्मिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण रहा है. इस माह के दौरान हर दिन किसी न किसी रुप में पूजा, पाठ, जप, तप, दान इत्यादि की महत्ता को विस्तार
सावन का पहला सोमवार 2025| First Monday of Sawan Maas | Kanwar Yatra | Importance of Baidyanath Dham in Sawan
सावन माह व्यक्ति को कई प्रकार के संदेश देता है. सावन के माह में आसमान पर हर समय काली घटाएँ छाई रहती हैं. यह घटाएँ जब बरसती है तब गरमी से मनुष्य को राह्त मिलती है. यह माह हमें जीवन की मुश्किल
जानिए षष्टी तिथि का महत्व और इसकी विशेषता
चन्द्र मास के दोनों पक्षों की छठी तिथि, षष्टी तिथि कहलाती है. शुक्ल पक्ष में आने वाली तिथि शुक्ल पक्ष की षष्टी तथा कृष्ण पक्ष में आने वाली कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि कहलाती है. षष्ठी तिथि के स्वामी
जानिए आषाढ़ माह के महत्व के बारे में विस्तार
आषाढ माह हिन्दू पंचाग का चौथा माह है. यह बरसात के आगमन और मौसम के बदलाव को दिखाता है. आषाढ़ मास भगवान विष्णु को बहुत प्रिय रहा है. इस माह में अनेकों उत्सव एवं पर्वों का आयोजन होता है. इस माह में भी
जानिए, पूर्णिमा तिथि और इसके महत्व के बारे में विस्तार से
पूर्णिमा तिथि जिसमें चंद्रमा पूर्णरुप में मौजूद होता है. पूर्णिमा तिथि को सौम्य और बलिष्ठ तिथि कहा जाता है. इस तिथि को ज्योतिष में विशेष बल महत्व दिया गया है. पूर्णिमा के दौरान चंद्रमा का बल अधिक
जानिए, सप्तमी तिथि का महत्व और इसकी विशेषता
एक हिन्दू तिथि सूर्य के अपने 12 अंशों से आगे बढने पर तिथि बनती है. सप्तमी तिथि के स्वामी सूर्य देव है, तथा प्रत्येक पक्ष में एक सप्तमी तिथि होती है. सप्तमी तिथि को शुभ प्रदायक माना गया है. इस तिथि
माता वैभव लक्ष्मी व्रत विधि | Mata Vaibhav Lakshmi Vrat Method - Vaibhav Laxmi Fast - Vaibhav Lakshmi Pooja (Mantra) | Vaibhav Lakshmi Vratam
माता लक्ष्मी की कृ्पा पाने के लिये शुक्रवार के दिन माता वैभव लक्ष्मी का व्रत किया जाता है. शुक्रवार के दिन माता संतोषी का व्रत भी किया जाता है. दोनों व्रत एक ही दिनवार में किये जाते है. परन्तु दोनों
जानिए तृतीया तिथि का महत्व
| Tritiya Tithi | Tritiya Meaning | What is Tithi in Hindu Calender | How is Tithi Calculated तृतीया तिथि की स्वामिनी गौरी तिथि है. इस तिथि में जन्म लेने वाले व्यक्ति का माता गौरी की पूजा करना
चतुर्दशी तिथि -हिन्दू कैलेण्डर तिथि | Chaturdashi Tithi - Hindu Calendar Tithi
चतुर्दशी तिथि के स्वामी देव भगवान शिव है. इस तिथि में जन्म लेने वाले व्यक्तियों को नियमित रुप से भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए. यह तिथि रिक्ता तिथियों में से एक है. इसलिए मुहूर्त कार्यो में सामान्यत:
जानिए, कार्तिक माह का महत्व और इसकी विशेषता के बारे में
कार्तिक माह हिन्दू कैलेंडर का 8वां महिना है. शास्त्रों में कहा भी गया है कि कार्तिक के समान दूसरा कोई मास नहीं है. तुला राशि पर सूर्य का गोचर होने पर कार्तिक माह का आरंभ हो जाता है. कार्तिक का
अष्टमी तिथि
चन्द्र मास में सप्तमी तिथि के बाद आने वाली तिथि अष्टमी तिथि कहलाती है. चन्द्र के क्योंकि दो पक्ष होते है, इसलिए यह तिथि प्रत्येक माह में दो बार आती है. जो अष्टमी तिथि शुक्ल पक्ष में आती है, वह शुक्ल
अष्टमी तिथि - हिन्दू कैलेण्डर तिथि | Ashtami Tithi - Hindu Calendar Tithi । Hindu Calendar Date । Ashtami Tithi Yoga
चन्द्र मास में सप्तमी तिथि के बाद आने वाली तिथि अष्टमी तिथि कहलाती है. चन्द्र के क्योंकि दो पक्ष होते है. इसलिए यह तिथि प्रत्येक माह में दो बार आती है. जो अष्टमी तिथि शुक्ल पक्ष में आती है, वह शुक्ल
चतुष्पद करण
11 करणों में एक करण चतुष्पद नाम से है. चतुष्पद करण कठोर और असामान्य कार्यों के लिए उपयुक्त होता है. इस करण को भी एक कम शुभ करण की श्रेणी में ही रखा जाता है. ऎसा इस कारण से होता है क्योंकि अमावस तिथि
द्वादशी तिथि
द्वादशी तिथि अर्थात बारहवीं तिथि. इस तिथि के दौरान सूर्य से चन्द्र का अन्तर 133° से 144° तक होता है, तो यह शुक्ल पक्ष की द्वादशी होती है और 313° से 324° की समाप्ति तक कृष्ण द्वादशी तिथि होती है. इस
रविवार के दिन क्या कार्य करना शुभ है:? | Auspicious Works Done on Sunday
"दैनिक जीवन में प्रतिदिन के कार्यो में शुभता बनी रही. जिसके लिये कार्य के लिये शुभ मुहूर्त निकालने के लिये अत्यधिक मेहनत भी न करनी पडे" इस प्रकार का विचार सभी के मन में आता है. परन्तु इस समस्या का
त्रयोदशी तिथि
त्रयोदशी तिथि – हिन्दू कैलेण्डर तिथि त्रयोदशी तिथि हिन्दु माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष दोनों समय पर आती है. अन्य तिथियों की भांति ही इस तिथि का भी अपना एक अलग महत्व रहा है. इस तिथि का
गुरुवार व्रत | Thursday Vrat Method - Aarti | Thursday Fast in Hindi - Guruvar Vrat (Brihaspati Vrat)
गुरुवार का व्रत विशेष रुप से विवाह मार्ग की बाधाओं में कमी करने के लिये किया जाता है. देव गुरु वृ्हस्पति धन के कारक ग्रह है, इसलिये इस दिन माता लक्ष्मी जी की पूजा उपासना करने से व्यक्ति की आर्थिक