Articles in Category jyotish
राहु और चंद्रमा का कुंडली के सभी भावों में प्रभाव
जन्म कुंडली में राहु और चंद्रमा की युति अत्यधिक संवेदनशील और मानसिक स्वभाव के कारण कुछ अत्यधिक भावनात्मक स्थितियों को जन्म दे सकती है. राहु एक शक्तिशाली छाया ग्रह है, और जब चंद्रमा के साथ जुड़ता है,
सूर्य और शनि युति : विरोध और संघर्ष का करना पड़ता है सामना
जब दो ग्रह एक ही राशि में होते हैं तो युति योग का निर्माण करते हैं, जिससे कुंडली पर इनका गहरा असर पड़ता है. यह संयोग अक्सर भाग्य पर अचानक होने वाले और अनिश्चित प्रभाव डालता है, जिससे आपकी कुंडली में
शादी से पहले कुंडली मिलान क्यों है जरूरी ?
शादी से पहले कुंडली मिलान करने के कारण जिनसे विवाह में नही आती बाधाएं ज्योतिष शास्त्र में एक व्यक्ति के जीवन के प्रत्येक पक्ष को समझने में मदद मिलती है. इसी में एक महत्वपूर्ण चीज विवाह भी है. विवाह
सूर्य और बृहस्पति का एक साथ होना बनाता है साधन संपन्न
सूर्य और बृहस्पति का योग शुभस्थ स्थिति का कारक माना गया है. यह दोनों ही ग्रह बुद्धि, ज्ञान और आत्मिक विकास के लिए उत्तम होते हैं. ज्योतिष के संदर्भ में सूर्य राजा है और वहीं सष्टि में जीवन के विकास
नाड़ी दोष क्या होता है और इसका प्रभाव जीवन पर कैसे पड़ता है
ज्योतिष शास्त्र विज्ञान पर आधारित शास्त्र होता है. इन्हीं पर आधारित होता है हमारे जीवन का सभी फल इसी में एक तथ्य नाड़ि ज्योतिष से जुड़ा है. नाड़ी दोष विशेष रुप से कुंडलियों के मिलान के समय पर अधिक
संतान जन्म से संबंधित महत्वपूर्ण ज्योतिष सूत्र
ज्योतिष शास्त्र से जानें संतान सुख में आईवीएफ और दत्तक संतान फल बच्चों की इच्छा एवं उनके सुख को पाना दंपत्ति का पहला अधिकार होता है. विवाह पश्चात संतान जन्म द्वारा ही जीवन के अगले चरण का आरंभ होता
केतु क्यों है मोक्ष का कारक ? जाने सभी 12 भावों में इसके होने का फल
वैदिक ज्योतिष में केतु को अलगाव, ज्ञान, रहस्य, ध्यान और सबसे महत्वपूर्ण वैराग्य के कारक के लिए माना जाता है. केतु कर्म का प्रतिनिधित्व करता है, यह हमारे पिछले जन्मों के कर्मों के फल को दर्शाता है.
जन्म कुंडली का आठवां भाव रहस्य स्थान जाने इससे जुड़ी हर बात
जन्म कुंडली का आठवां भाव रहस्यों का स्थान कुंडली के बारह भावों अपने आप में पूर्ण अस्तित्व को दर्शाते हैं. इन सभी भावों में एक भाव ऎसा भी है जो आयु मृत्य और रहस्य का घर होकर सभी आचार्यों के लिए एक
शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष जानें इस खगोलिय घटना के बारे में विस्तार से
हिंदू पंचांग में शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष महत्व हिंदू पंचांग को ज्योतिष फलकथन एवं खगोलिय गणना इत्यादि हेतु उपयोग में लाया जाता है. हिंदू धर्म में मौजूद समस्त व्रत त्यौहार एव्म धार्मिक क्रियाकला
कुंडली अस्त ग्रह कैसे और कब देता है अपना प्रभाव
ज्योतिष में ग्रहों की अस्त स्थिति काफी महत्वपूर्ण रह सकती है. सूर्य का प्रभाव ही ग्रहों को अस्त करने के लिए महत्वपूर्ण कारक बनता है. सूर्य के समीप आकर सभी ग्रहों का असर कमजोर हो जाता है. सुर्य के
राहु की ग्रह युति कब बनती है ग्रहण और कब देती है शुभ फल
राहु - सूर्य राहु और सूर्य का संबंध कुण्डली में ग्रहण योग का निर्माण करता है. इसके प्रभाव स्वरुप पिता एवं संतान के मध्य वैचारिक मतभेद की स्थिति रह सकती है. संतान की जन्म कुण्डली में यह योग होने पर
मकर राशि के लिए मार्च 2023 मासिक राशिफल
मकर राशि वालों के लिए मार्च माह का समय कुछ उत्साह में वृद्धि वाला और नए अवसर को दिलाने वाला होगा. इस समय के दौरान राशि स्वामी की मजबूत स्थिति के साथ ही सुख और लाभ की स्थिति भी मजबूत अवस्था में दिखाई
जानिये, मंगल के सिंह राशि गोचर का कैसा रहेगा आप पर प्रभाव
1 जुलाई 2023 को मंगल सिंह राशि में प्रवेश करने वाले हैं. मंगल का सिंह राशि में गोचर बहुत ही प्रभावशाली रहेगा क्योंकि पिछले काफी समय से मंगल कर्क राशि में गोचरस्थ थे और कर्क राशि में होने के कारण मंगल
अब होंगे राहु अपनी उच्च राशि में, बदल जाएगी राहु की चाल
राहु अभी तक एक लम्बे समय से मिथुन राशि में गोचरस्थ थे. पर अब वह मिथुन से निकल कर वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे और फिर वहीं पूरा डेढ़ साल का समय बिताएंगे. राहु को छाया ग्रह का रुप कहा गया है. ऎसे में इस
शनि के गोचर का मिथुन राशि पर क्या पड़ेगा असर, जानिए विस्तार से
शनि का गोचर ज्योतिशः की दृष्टि से एक अत्यंत महत्वपूर्ण घटना होती है. शनि और गुरु ऎसे ग्रह हैं जिनके राशि परिवर्तन को लेकर सभी में जिज्ञासा रहती है क्योंकि इन दो ग्रहों की जीवन पर बहुत गहरी छाप पड़ती
वृषभ राशि वालों के लिए कैसा रहेगा शनि का गोचर
शनि का मकर राशि में गोचर सभी बारह राशियों पर अलग-अलग रुप से पड़ेगा. इसके अलाव शनि का गोचर अनेक घटनाओं को भी प्रभावित करने वाला होगा. सामाजिक एवं राजनीतिक स्तर पर भी ये विश्व पर असर डालने वाला होगा.
शनि का मकर राशि में गोचर मेष राशि वालों के लिए कैसा रहेगा
शनि का गोचर प्रत्येक राशि के लिए अढाई वर्ष का समय लेता है. सभी ग्रहों में शनि ग्रह ही ऎसे ग्रह हैं जो किसी भी राशि में सबसे अधिक समय लेते हैं. इस गोचर में शनि का वक्री-मार्गी गति के साथ गोचर करना भी
नव संवत्सर 2078 कैसा रहेगा हम सभी के लिए, आईये जानते हैं विस्तार से
13 अप्रैल 2021 को नव विक्रम संवत का आरंभ होगा. 2078 का नव संवत्सर “राक्षस” नाम से पुकारा और जाना जाएगा. इस वर्ष संवत के राजा मंगल होंगे और मंत्री भी मंगल ही होंगे. राक्षस नामक संवत के प्रभाव से विकास
चोर संबंधी प्रश्न | Thief Related Question
चोरी के प्रश्न में चोर के स्वरुप तथा अन्य बातों का पता चल जाता है यदि कुण्डली का विश्लेषण भली-भाँति किया जाए. इसके लिए लग्न, चन्द्रमा तथा अन्य संबंधित भाव का बारीकी से अध्ययन करना चाहिए. आइए इस कडी़
प्रवासी अथवा खोये व्यक्ति से संबंधित प्रश्न | Questions Related to Migrating or Missing Person
जीवन में अनेक समस्याएँ तथा कठिनाइयाँ उभरकर सामने आती हैं. कई व्यक्ति इन कठिनाईयों को बिना मानसिक परेशानियों के झेलते हैं और कई जातक परेशान हो जाते हैं. इन परेशानियों के कारण कई बार घर - परिवार में