Articles in Category jyotish
शकुनि करण
पंचांग का एक महत्वपूर्ण अंग करण है. करण 11 होते हैं और हर 1 तिथि में 2 करण आते हैं. प्रत्येक करण का अपना एक अलग प्रभाव होता है. व्यक्ति के जीवन और उसके कार्यों पर करणों का प्रभाव भी स्पष्ट होता है.
अम्बर रत्न के फायदे
अम्बर उपरत्न विभिन्न रंगों में उपलब्ध होता है. यह पीले रंग से लेकर लाल रंग तक के रंगो में पाया जाता है. परन्तु अम्बर उपरत्न का रंग सामान्यतया शहद के रंग जैसा होता है. इसी रंग का अम्बर अधिक प्रचलित
सिन्हेलाईट उपरत्न | Sinhalite Gemstone | Sinhalite - Metaphysical Properties
इस उपरत्न का यह नाम सिंहला नाम पर पडा़ है. सीलोन द्वीप को संस्कृत में सिंहला या सिंहली कहते थें. वर्तमान श्रीलंका का यह प्राचीन नाम है. यह उपरत्न इस द्वीप पर पाए जाने से सिन्हेलाईट कहलाता है. इस
वणिज करण
सूर्य से बारह अंशों की दूरी पर तिथि बनती है, तथा सूर्य से छ: अंशों कि दूरी पर करण बनता है. इस प्रकार एक तिथि में दो करण होते है. करण ज्योतिष शास्त्र में पंचाग का भाग है, व इसे मुहूर्त कार्यों में
हीमेटाइट उपरत्न । Haematite | Hematite Gemstone - Meaning | Hematite - Metaphysical Properties | Hematite - History
यह आसानी से उपलब्ध होने वाला उपरत्न है. यह अपारदर्शी होता है. यह आयरन आक्साइड से बना खनिज है. यह हल्के काले रंग से गहरे काले रंग तक के रंगों में पाया जाता है. भूरे रंग, भूरे व लाल रंग के मिश्रण तथा
चक्र-समुद्र-गोल योग - नभस योग | Chakra Yoga - Nabhasa Yoga | Samudra Yoga Results | Gol Yoga Results
चक्र योग भी 32 नभस योगों में से एक है. इस योग की यह विशेषता है, कि जब लग्न भाव से सभी ग्रह विषम भावों में हो, तो चक्र योग बनता है. कुण्डली के विषम भाव 1, 3, 5, 7, 9, 11 भावों को कहा जाता है. चक्र योग
जानिए, बुधादित्य योग कैसे बदलता है आपका जीवन
कुण्डली में ग्रहों अपनी विशेष स्थिति में होने पर विशेष रुप से शुभ या अशुभ फल देने वाले हो जाते है. इस स्थिति को योग कहा जाता है. योग बनाने वाले ग्रहों की फल देने की क्षमता बढ जाती है. योग शुभ हो तो
रज्जू-मूसल-नल योग | Moosal Yoga | Nabhas Yoga | Moosal Yoga Results | Rajju Yoga | Nal Yoga Results
नभस योग कुण्डली में बनने वाले अन्य योगों से भिन्न है. यह माना जाता है, कि नभस योगों की संख्या कुल 3600 है. जिनमें से 1800 योगों को सिद्धान्तों के आधार पर 32 योगों में वर्गीकृ्त किया गया है. इन योगों
कमल-पक्षी-गदा योग का फल
कमल योग नभस योगों की श्रेणी में आता है. भिन्न भिन्न राशियों में ग्रहों की स्थिति से नभस योग बनते है. नभस योग 1800 प्रकार से बनते है. इन योगों के नाम इनके द्वारा बनने वाली आकृति के अनुरुप रखे गये है.
पाइराइट उपरत्न | Pyrite | Pyrite Gemstone Meaning | Pyrite - Healing And Metaphysical Abilities | Fool's Gold Gemstone
इस उपरत्न का यह नाम ग्रीक शब्द पाइर(Pyr) से बना है जिसका अर्थ है - आग. यह एक ऎसा खनिज है जो सोने के साथ विलक्षण समानता रखता है. यह उपरत्न सोने का भ्रम पैदा करता है और व्यक्ति इसकी चमक देखकर धोखा जाते
रविवार के दिन क्या कार्य करना शुभ है:? | Auspicious Works Done on Sunday
"दैनिक जीवन में प्रतिदिन के कार्यो में शुभता बनी रही. जिसके लिये कार्य के लिये शुभ मुहूर्त निकालने के लिये अत्यधिक मेहनत भी न करनी पडे" इस प्रकार का विचार सभी के मन में आता है. परन्तु इस समस्या का
नीचभंग राजयोग
जब कोइ ग्रह अपनी नीच राशि में स्थित होता है, तो वह शक्ति हीन और निर्बल होता है. इस स्थिति में वह ग्रह अपने शुभ फल देने में असमर्थ होता है. किन्तु अन्य ग्रहों की स्थिति, युति, दृष्टि या परस्पर राशि
Petalite Gemstone Meaning | Petalite - Stone Of The Angels | Petalite - Metaphysical, Healing Ability
It is an unique and a rare gem.It is most popular between the gem collectors.It is specially finished made for them.This gemstone is similar to many other gems and created the illusion of many other
आधानादि नक्षत्र । Adhanadi Nakshatra Meaning | Janma Nakshatra | Karma Nakshatra | Vainashik Nakshatra
वैदिक ज्योतिष में 28 नक्षत्रों का उल्लेख मिलता है. सभी नक्षत्रों का अपना विशिष्ट महत्व है. 28 नक्षत्रों में से कोई भी नक्षत्र व्यक्ति विशेष के लिए शुभ तथा अशुभ हो सकता है. जो एक नक्षत्र किसी व्यक्ति
धनु राशि क्या है । Sagittarius Sign Meaning | Sagittarius Introduction | Who is the Lord of The Sagittarius Sign
धनु राशि के व्यक्ति मानवतावादी होते है. उनके स्वभाव में फुर्तीलापन देखने में आता है. इस राशि के व्यक्ति सदैव प्रसन्नचित रहने का प्रयास करते है. वे आशावादी होते है. धनु राशि के व्यक्तियों में उत्तम
गर करण
गर करण को चर करणों की श्रेणी में आता है, हिन्दू पंचाग के पांच अंग है, इसमें तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण है, व कुल 11 करण है, इसमें से प्रारम्भ के सात करणों की आवृति होती रहती है. शेष चार करण स्थिर
जैमिनी स्थिर दशा | Jaimini Sthir Dasha
जैमिनी ज्योतिष में अनेक दशाओं का प्रयोग किया जाता है. उनमें से एक प्रमुख दशा स्थिर दशा भी है. इस दशा का विश्लेषण अप्रिय घटनाओं, स्वास्थ्य तथा जीवन की नकारात्मक जानकारियों के लिए किया जाता है. यह
मनुष्य गण मिलान-अष्टकूट मिलान
हिन्दू धर्म में विवाह करने से पूर्व वर-वधू दोनों की कुण्डलियों का मिलान किया जाता है. कुण्डलियों के इस मिलन को अष्टकूट मिलान के नाम से जाना जाता है. कुण्डली मिलान का प्रचलन उत्तरी भारत और दक्षिण भारत
त्रयोदशी तिथि
त्रयोदशी तिथि – हिन्दू कैलेण्डर तिथि त्रयोदशी तिथि हिन्दु माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष दोनों समय पर आती है. अन्य तिथियों की भांति ही इस तिथि का भी अपना एक अलग महत्व रहा है. इस तिथि का
चन्द्र प्रज्ञाप्ति - ज्योतिष इतिहास | Chandra Pragyapati | Jyotishkarandka | Jyotishkarandka | Jyotisha History
चन्द्र प्रज्ञाप्ति ग्रन्थ में सूर्य और चन्द्र दोनों का वर्णन किया गया है. चन्द्र प्रज्ञाप्ति ग्रन्थ विशेष रुप से "छाया साधना" पर आधारित है. इस ग्रन्थ में 25 प्रकार की छाया बताई गई है. इन छायाओं का