Articles in Category vedic astrology
पूर्वाषाढा नक्षत्र विशेषताएं | Characteristics of Purva Ashadha Nakshatra | Poorvashaha Nakshatra Career
पूर्वाषाढा नक्षत्र को जल नक्षत्र कहा जाता है. इस नक्षत्र के स्वामी शुक्र है. इसलिए इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति के स्वभाव और आचार-विचार पर शुक्र का प्रभाव देखने में आता है. इस नक्षत्र में
मालव्य योग - पांच महापुरुष योग | Malavya Yoga - Pancha Mahapurusha Yoga | How is Malavya Yoga Formed
पांच महापुरुष योगों को पंच-महापुरुष योग भी कहते है. यह योग पांच श्रेष्ठ योगों का समूह है. पांच महापुरुष योग में रुचक योग, हंस योग, मालव्य योग, भद्र योग व शश योग आते है. इन पांचों योगों को एक साथ पंच
तीसरा भाव क्या है | Prakrama Bhava Meaning | Third House in Horoscope | 3rd House in Indian Astrology
तृतीय भाव पराक्रम भाव भी कहलाता है. इस भाव के अन्य कुछ नाम अपिक्लिम भाव, उपचय भाव, त्रिषडय भाव है. तृ्तीय भाव से व्यक्ति की ताकत, साहस, दीर्घायु, छोटे भाई, दृ्ढता, छोटी यात्राएं, लेखन, सम्बन्ध,
विशाखा नक्षत्र | Vishakha Nakshatra Characteristics | Vishakha Nakshatra Business
विशाखा नक्षत्र ज्योतिष शास्त्र के 27 नक्षत्रों में से 16वां नक्षत्र है. इस नक्षत्र के स्वामी गुरु है. गुरु का स्वामित्व होने के कारण इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्तियों को ज्ञान अर्जन में विशेष
हस्त नक्षत्र विशेषताएं | Characteristics of Hast Nakshatra । How to Find Hast Nakshatra
हस्त नक्षत्र चन्द्र का नक्षत्र है. इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्तियों के स्वभाव में चन्द्र के गुण स्वत: होते है. 27 नक्षत्रों में हस्त नक्षत्र 13वां नक्षत्र है. इस नक्षत्र का व्यक्ति स्वभाव से
मूलाधार । प्रथम चक्र । First Chakra | Base chakra | Base Chakra Location | First Chakra Issues | Muladhara Chakra | Chakras
शरीर में मौजूद प्रत्येक चक्र शरीर के अलग-अलग अंगों में स्थित हैं इसमें से एक चक्र है मूलाधार चक्र. मूलाधार को मूल आधार, अधार, प्रथम चक्र, बेस या रूट चक्र भी कहते हैं. यह हमारे शरीर का प्रथम चक्र तथा
सौरमण्डल | Solar System
सौरमण्डल के सन्दर्भ में कुछ आवश्यक बातों को आपके लिए समझना आवश्यक है. ग्रह और नक्षत्रों के विभाजन के विषय में आपने पिछले अध्यायों में जानकारी हासिल की है. इसके अतिरिक्त सौरमण्डल से जुडी़ कुछ बातों को
कन्या राशि का स्वामी कौन है | Virgo Sign Meaning | Virgo - An Introduction | Mercury is the Lord of Virgo
कन्या राशि, राशिभचक्र की छठवीं राशि है. यह राशि व्यापार कार्य करने वाले व्यक्तियों की राशि मानी जाती है. इसका कारण इस राशि के व्यक्तियों में सामान्य से अधिक बुद्धि का होना, और इस राशि के व्यक्तियों
डोलोमाईट उपरत्न | Dolomite Gemstone - Dolomite Meaning - Dolomite, Metaphysical Properties - Dolomite, Healing Crystals
इस उपरत्न की खोज 1791 में हुई थी. इस उपरत्न को फ्रेन्च खनिज-विज्ञानी डियोदैट-दे-डोलोमियू(Deodat de Dolomieu) ने आल्प्स(Alps) में भ्रमण करते हुए खोजा था. उन्हीं के नाम पर इस उपरत्न का नाम डोलोमाईट पड़
जानिए कुण्डली में धन योग कैसे बनता है
घर में बालक का जन्म् होने पर बालक की कुण्डली बनवाई जाती है. कुण्डली में ग्रहों की स्थिति से बन रहे योगों की जानकारी प्राप्त की जाती है. ( sematext ) तथा सभी शुभ – अशुभ योगों के अलावा कुण्डली
शकुनि करण
पंचांग का एक महत्वपूर्ण अंग करण है. करण 11 होते हैं और हर 1 तिथि में 2 करण आते हैं. प्रत्येक करण का अपना एक अलग प्रभाव होता है. व्यक्ति के जीवन और उसके कार्यों पर करणों का प्रभाव भी स्पष्ट होता है.
अम्बर रत्न के फायदे
अम्बर उपरत्न विभिन्न रंगों में उपलब्ध होता है. यह पीले रंग से लेकर लाल रंग तक के रंगो में पाया जाता है. परन्तु अम्बर उपरत्न का रंग सामान्यतया शहद के रंग जैसा होता है. इसी रंग का अम्बर अधिक प्रचलित
सिन्हेलाईट उपरत्न | Sinhalite Gemstone | Sinhalite - Metaphysical Properties
इस उपरत्न का यह नाम सिंहला नाम पर पडा़ है. सीलोन द्वीप को संस्कृत में सिंहला या सिंहली कहते थें. वर्तमान श्रीलंका का यह प्राचीन नाम है. यह उपरत्न इस द्वीप पर पाए जाने से सिन्हेलाईट कहलाता है. इस
वणिज करण
सूर्य से बारह अंशों की दूरी पर तिथि बनती है, तथा सूर्य से छ: अंशों कि दूरी पर करण बनता है. इस प्रकार एक तिथि में दो करण होते है. करण ज्योतिष शास्त्र में पंचाग का भाग है, व इसे मुहूर्त कार्यों में
हीमेटाइट उपरत्न । Haematite | Hematite Gemstone - Meaning | Hematite - Metaphysical Properties | Hematite - History
यह आसानी से उपलब्ध होने वाला उपरत्न है. यह अपारदर्शी होता है. यह आयरन आक्साइड से बना खनिज है. यह हल्के काले रंग से गहरे काले रंग तक के रंगों में पाया जाता है. भूरे रंग, भूरे व लाल रंग के मिश्रण तथा
चक्र-समुद्र-गोल योग - नभस योग | Chakra Yoga - Nabhasa Yoga | Samudra Yoga Results | Gol Yoga Results
चक्र योग भी 32 नभस योगों में से एक है. इस योग की यह विशेषता है, कि जब लग्न भाव से सभी ग्रह विषम भावों में हो, तो चक्र योग बनता है. कुण्डली के विषम भाव 1, 3, 5, 7, 9, 11 भावों को कहा जाता है. चक्र योग
जानिए, बुधादित्य योग कैसे बदलता है आपका जीवन
कुण्डली में ग्रहों अपनी विशेष स्थिति में होने पर विशेष रुप से शुभ या अशुभ फल देने वाले हो जाते है. इस स्थिति को योग कहा जाता है. योग बनाने वाले ग्रहों की फल देने की क्षमता बढ जाती है. योग शुभ हो तो
रज्जू-मूसल-नल योग | Moosal Yoga | Nabhas Yoga | Moosal Yoga Results | Rajju Yoga | Nal Yoga Results
नभस योग कुण्डली में बनने वाले अन्य योगों से भिन्न है. यह माना जाता है, कि नभस योगों की संख्या कुल 3600 है. जिनमें से 1800 योगों को सिद्धान्तों के आधार पर 32 योगों में वर्गीकृ्त किया गया है. इन योगों
कमल-पक्षी-गदा योग का फल
कमल योग नभस योगों की श्रेणी में आता है. भिन्न भिन्न राशियों में ग्रहों की स्थिति से नभस योग बनते है. नभस योग 1800 प्रकार से बनते है. इन योगों के नाम इनके द्वारा बनने वाली आकृति के अनुरुप रखे गये है.
पाइराइट उपरत्न | Pyrite | Pyrite Gemstone Meaning | Pyrite - Healing And Metaphysical Abilities | Fool's Gold Gemstone
इस उपरत्न का यह नाम ग्रीक शब्द पाइर(Pyr) से बना है जिसका अर्थ है - आग. यह एक ऎसा खनिज है जो सोने के साथ विलक्षण समानता रखता है. यह उपरत्न सोने का भ्रम पैदा करता है और व्यक्ति इसकी चमक देखकर धोखा जाते