शिव को शीघ्र प्रसन्न होने वाला देव कहा गया है. शिवरात्रि पर्व त्रयोदशी तिथि, फाल्गुन
मास, कृष्ण पक्ष की तिथि को प्रत्येक वर्ष किया जाता है. वर्ष 2024 में यह व्रत 18 फरवरी में किया जायेगा.
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महाशिवरात्रि का पर्व प्रत्येक वर्ष फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया
जाता है. वैसे तो हिन्दु ग्रंथों तथा मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव को प्रत्येक माह
की चतुर्दशी तिथि प्रिय है परन्तु सभी...
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महाशिवरात्रि का पर्व हिन्दु धर्म को मानने वालों का एक प्रमुख त्यौहार है. भगवान शिव
फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को आधी रात में शिवलिंग के रुप में प्रकट हुए
थे.
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महाशिवरात्रि व्रत के दिन भक्तगण अपनी श्रद्धा तथा सामर्थ्य के अनुसार व्रत तथा पूजन
करते हैं. भगवान शिव के मंदिरों में भक्तों का ताँता सुबह से ही लग जाता है. शिवालयों
में घण्टियों की आवाजों की गूँज सवेरे से ही कानों सुनाई देने लगती है.
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देवों के देव भगवान भोले नाथ के भक्तों के लिये श्री महाशिवरात्रि का व्रत विशेष महत्व
रखता हैं. यह पर्व फाल्गुन कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन मनाया जाता है. वर्ष
2024 में यह शुभ उपवास
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प्राचीन ग्रंथों में महाशिवरात्रि पर्व के बारे में तथा भगवान शिव की शिवलिंग के रुप
में पूजन का प्राचीन ग्रंथों में अनेकों प्रकार से उल्लेख मिलता है. अनेक कथाएँ इस
पर्व के साथ
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हिन्दु कैलेण्डर के अनुसार प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को
महाशिवरात्रि का त्यौहार मनाया जाता है. भगवान शिव हिन्दु देवताओं के प्रमुख देव हैं.
शिव को संहारक, महेश, भोलेनाथ, रुद्र अनेकों नाम से पुकारा जाता है.
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फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है. भगवान शिव के भक्तों के
लिए शिवरात्रि अद्भुत उत्सव एवं आनन्द का दिन होता है. एक कथा के अनुसार देवी पार्वती
ने एक बार भगवान शिव की पूरे मनोयोग से तपस्या की.