आरुणि ऋषि | Sage Aruni | Rishi Aruni | Rishi Upmanyu | Uddalaka Aruni
गुरू भक्त आरुणि | Guru Bhakt Aruni
ऋषि धौम्य, वन में आश्रम बनाकर रहा करते थे यह विद्वान वेदों के ज्ञाता और अनेक विद्याओं में कुशल और पारंगत थे. उनके पास बहुत से बालक शिक्षा ग्रहण करने आते थे इन्हीं सभी शिष्यों में से एक आरुणि नाम का एक शिष्य भी था. वह एक आज्ञाकारी शिष्य था तथा सदा अपने गुरु धौम्य के आदेशों का पालन किया करता था. पढने में सामान्य ही था किंतु आज्ञाकारी बहुत था. उसके इसी गुणों के कारण वह अपने गुरु का योग्य शिष्य था.
उसकी गुरू भक्ति के संदर्भ में एक कथा प्रचलित है जिसके अनुसार जब एक बार घनघोर वर्षा होने लगी तो आश्रम में चारों ओर जल का भराव होने लगा. आश्रम के पास जो खेत थे वह भी जल में डुबने लगे. यह दशा देखकर ऋषि धोम्य को चिन्ता होने लगी की यदि खेतों में अधिक जल भर गया तो फ़सल नष्ट हो जाएंगी इस कारण बहुत नुकसान होगा तब वह अपने शिष्य आरुणि को खेतों में जाने को कहते हैं ताकी वह देख सके की वहां पानी जमा तो नहीं हो रहा या खेतों पर लगाई बाड़ तो नहीं टूट गइ यदि ऐसा हो गया है तो वह उस जाकर बंद कर दे.
ऋषि धौम्य का आदेश पाकर आरुणि खेतों की ओर निकल पड़ते हैं वह चारों ओर नज़र देखते हैं तभी एक जगह वह एक मेंड़ को टूटा देखते हैं जिस कारण पानी बड़े वेग से खेतों में आने लगता है. आरुणि उस नाले या मेंड़ को रोकने का प्रयास करते हैं परंतु बहुत परिश्रम करने पर भी वह नाला ठीक नहीं हो पाता. तब आरुणि को एक उपाय सूझता है और वह स्वंय उस स्थान पर लेट जाते हैं इस कारण जल का बहाव रुक जाता है, धीरे-धीरे वर्षा कम होने लगी.
इस प्रकार वह जल को रोक देता है. रात होने लगती है व शिष्य के न लौटने पर ऋषि धौम्य को चिंता सताने लगती है तब ऋषि धौम्य अपने कुछ शिष्यों को साथ लेकर आरुणि को खोजने के लिए खेतों की ओर चल देते हैं. खेत पर उसे ढूंढने पहुंचे तो देखते हैं कि आरुणि पानी को रोके मेड़ के पास लेटा हुआ है उसे देखते ही गुरुजी भावविभोर हो जाते हैं.
वह उसे उठाकर गले से लगा लेते हैं. वह उसे कहते हैं कि तुम एक आदर्श शिष्य के रूप में सदा याद किए जाओगे तथा मैं तुम्हें आशीर्वाद देता हुँ कि तुम दिव्य बुद्धि प्राप्त करोगे तथा सभी शास्त्रों में निपुण होगे. आज से तुम्हारा नाम उद्दालक के रूप में प्रसिद्ध होगा जिसका अर्थ है जल से निकला या उत्पन्न हुआ. इस कारण आरुणि ऋषि को उद्दालक के नाम से जाना गया तथा बिना पढ़े ही इन्हें सारी विद्याएं प्राप्त हो गईं.
ऋषि उद्दालक अरुणी संबंधी अन्य तथ्य | Other Information related to Saint Uddalak Aruni
कठ उपनिषद में उद्दालक अरुणि के विषय में बताया गया है कि वह एक महान ऋषि थे जिन्हें वाजश्रवस के नाम से भी जाना जाता था यह अनेक यज्ञ एवं दान पुण्य किया करते थे. वहीं दूसरी ओर Chāndogya उपनिषद के अनुसार, उद्दालक अरुणि का बेटा था और इसलिए उद्दालक अरुणी के रूप में जाने गए.