Articles in Category Puja and Rituals

विवाह पंचमी: क्यों है विशेष मार्गशीर्ष माह पंचमी

वैवाहिक जीवन व्यक्ति को मनचाहा सुख प्रदान करता है. मार्गशीर्ष माह में आने वाली पंचमी तिथि को विवाह पंचमी के नाम से जाना जाता है. शास्त्रों के अनुसार इस दिन श्री राम और सीता जी का विवाह समारोह मनाया

एकादशी जन्म कथा : क्यों और कब हुआ एकादशी का जन्म और कैसे बनी मोक्ष देने वाली

एकादशी तिथि को उन विशेष तिथियों में स्थान प्राप्त है जिनके द्वारा व्यक्ति मोक्ष की गति को पाने में भी सक्षम होता है. एक माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की एकादशी और कृष्ण पक्ष की एकादशी दोनों का ही विशेष

मगसर अमावस्या : अर्थ, महत्व और लाभ

मगसर अमावस्या को मार्गशीर्ष माह के दौरान मनाया जाता है. यह अमवास्य तिथि हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष अर्थात मगसर महीने में नवंबर-दिसंबर के कृष्ण पक्ष में आती है, मगसर अमावस्या का दूसरा नाम अगहन

सुब्रहमन्य षष्ठी : सुब्रहमन्य षष्ठी कथा और पूजा महत्व

हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को सुब्रहमन्य षष्ठी के नाम से मनाया जाता है. सुब्रहमन्य भगवान का पूजन इस दिन भक्ति भाव के साथ किया जाता है. शिव के दूसरे पुत्र को

अगहन एकादशी : मार्गशीर्ष माह की विशेष एकादशी

अगहन माह एकादशी अगहन माह में आने वाली एकादशी तिथि को बहुत ही शुभ और खास माना गया है. चतुर्मास में हर प्रबोधनी के पश्चात आने वाली ये एकादशी श्री हरि पूजन और एकादशी के जन्म को दर्शाती है. अगहन माह में

अगहन अमावस्या : साल की सबसे खास अमावस्या

अगहन मास भक्ति और समर्पण से भरा होता है. ऎसे में इस माह में आने वाली अमावस्या को अगहन अमावस्या के नाम से जाना जाता है. साल भर में आने वाली सभी अमावस्या में से विशेष यह अगहन अमावस्या काफी महत्वपूर्ण

गणाधिप संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि

मार्गशीर्ष माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी का दिन गणाधिप संकष्टी चतुर्थी के रुप में पूजा जाता है. इस दिन भगवान श्री गणेश जी का पूजन विधि विधान के साथ करते हैं. भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और

त्रिपुरारी पूर्णिमा : जानें त्रिपुरारी पूर्णिमा कथा और महत्व

त्रिपुरारी पूर्णिमा एक ऐसा त्यौहार है जो हिंदुओं, सिखों और जैनियों द्वारा की पूर्णिमा पर मनाया जाता है. यह उत्सव मनाने वालों के लिए साल का सबसे पवित्र महीना है. त्रिपुरी पूर्णिमा को बहुत से नामों के

बैकुंठ चौदस : जानें चतुर्दशी स्त्रोत और पूजा महत्व

बैकुंठ चतुर्दशी आरती कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को बैकुंठ चौदस के रुप में मनाया जाता है. चतुर्दशी तिथि का ये समय बहुत ही विशेष होता है. वैकुंठ चौदस के दिन  के नाम से जाना जाता है. इस

कार्तिक एकादशी : मांगलिक कार्यों के आरंभ होने का समय

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कार्तिक शुक्ल एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस दिन को देवउठनी एकादशी, देवउत्थान एकादशी, देवउठनी ग्यारस, प्रबोधिनी एकादशी आदि नामों से जाना जाता है. इस दिन

देव दिवाली : देवताओं की दीपावली

देव दिवाली 2024 महत्वपूर्ण तिथि हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली मनाई जाती है. देव दीपावली कोप देवताओं की दीपावली के पर्व नम से जान अजाता है. मान्यताओं के अनुसर इस दिन देवताओं दीपावली का

कार्तिक पंचक : पंचक सबसे अधिक शुभ और पूजनीय समय

पंचक एक ऎसा समय माना जाता है जिसे अनुकूल कम ही कहा गया है. लेकिन कार्तिक मास में आने वाले पंचक की स्थिति उन पंचक से भिन्न होती है जो पंचांग गणना के अनुसार निर्मित होते हैं. कार्तिक माह में आने वाले

कार्तिक दुर्गाष्टमी ज्योतिष : कार्तिक माह की मासिक दुर्गाष्टमी

कार्तिक माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन रखा जाता है. कार्तिक माह में रखा जाने वाला दुर्गा अष्टमी का व्रत बहुत खास होता है. इस दिन भक्त देवी के अष्ट रुपों की पूजा करते हैं ओर नव रुप

जगद्धात्री पूजा कब मनाई जाएगी और इसका महत्व क्या है

जगद्धात्री पूजा: देवी दुर्गा का स्वरुप कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष में देवी दुर्गा के एक स्वरुप का पूजन जगद्धात्री पूजा के नाम से किया जाता है. जगद्धात्री पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को

कंद षष्ठी - छह दिवसीय उत्सव

कंद षष्ठी - छह दिवसीय उत्सव कंद षष्ठी भारत के दक्षिण भाग में धूमधाम से मनाया जाने वाला पर्व है जो भगवान मुरुगन को समर्पित है. कंद षष्ठी को स्कंद षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है. कंद षष्ठी, जिसे कंदा

नाग चतुर्थी पर्व : कार्तिक नागुला चविथी

कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन नाग चतुर्थी का उत्सव मनाया जाता है. लोक मान्यताओं में इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है. कार्तिक महीने में शुक्ल पक्ष के चौथे दिन को नाग चतुर्थी जिसे

शारदा पूजा : दीपावली पर होता है देवी शारदा का विशेष पूजन

शारदा पूजा दिवालि के दिन की जाने वाली विशेष पूजा है जो देश भर में भक्ति भाव के साथ की जाती है. विशेष रुप से गुजरात में शारदा पूजा धूमधाम से मनाया जाता है जिसे चोपड़ा पूजा के नाम से भी जाना जाता है.

केदार गौरी व्रत और पूजा विधि

केदार गौरी व्रत को दीपावली के दिन किया जाता है. शास्त्रों के अनुसार यह व्रत देवी पार्वती ने रखा था. देवी ने जब भगवान का आधा शरीर पाया तब भगवान अर्धनारीश्वर कहलाए. कथाओं के अनुसार एक बार माता पार्वती

कमला जयंती : दस महाविद्या पूजा

तांत्रिक लक्ष्मी कमला जयंती 2024 दस महाविद्याओं में से एक देवी कमला को सुख समृद्धि प्रदान करने वाल लक्ष्मी माना गया है. देवी शत्रुओं को परास्त करके भक्तों को निर्भय होने का वरदान देती हैं. कार्तिक

धनतेरस का ज्योतिष महत्व और राशि अनुसार प्रभाव-उपाय

धनतेरस का समय कई मायनों में विशेष रहा है जिसे धार्मिक रुप से विशेष माना जाता है और इस दिन का ज्योतिषिय महत्व भी बहुत रहा है. इस समय पर ग्रहों की स्थिति का प्रभाव कई मायनों में विशेष होता है. अपनी