Articles in Category Puja and Rituals
करक चतुर्थी कथा और महत्व
करक चतुर्थी का उत्सव कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी में मनाया जाता है. करक चतुर्थी की रस्में क्षेत्र के हिसाब से अलग-अलग हों, लेकिन सार एक ही है जो भक्ति, आस्था और विश्वास को दर्शाने वाला समय
मेष संक्रांति 2025 : शुभ मुहूर्त, योग एवं धार्मिक महत्व
सौर पंचांग का आरंभ मेष संक्रांति से होता है. सूर्य जब मीन राशि से निकल कर मेष राशि में प्रवेश करता है, तो मेष संक्रांति होती है. जिस तरह से मीन राशि में सूर्य का होना सौर कैलेंडर का आखिरी महीना होता
विजयादशमी पर राशि अनुसार दान और इसका महत्व
हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को विजयादशमी का त्यौहार मनाया जाता है. इसे दशहरा भी कहते हैं. यह दिन भगवान श्री राम को समर्पित है उनके घर वापसी का दिन है और इसी कारण इस दिन व्यक्ति अपने
काली चौदस : तंत्र साधना के साथ आध्यात्मिक उन्नति का समय
काली चौदस कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. इस तिथि पर मां काली की पूजा करने का विधान है. ऐसा करने से साधक को सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है. साथ ही इस दिन छोटी दिवाली
दुर्गा विसर्जन : दुर्गा पूजा से लेकर विदाई तक का समय
दुर्गा विसर्जन नवरात्रि के अंतिम दिन का प्रतीक है जिसे भक्त उत्साह के साथ मनाते हैं. देश भर के अलग अलग हिस्सों में इसे मनाते हुए देख अजा सकता है. अलग अलग स्थानों में अलग अलग रंग रुप लिए ये दिन विशेष
दर्श अमावस्या क्यों मनाई जाती है?
हर माह आने वाली अमावस्या को दर्श अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. प्रत्येक माह आने वाले कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को दर्श अमावस्या के नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि इस अमावस्या पर पितरों का
शिव वास और इसके नियम
शिव वास अपने नाम के अनुरुप भगवान शिव के निवास स्थान की स्थिति को बताता है. शिव वास की स्थिति को जानकर भगवान शिव के रुद्राभिषेक को करना शुभफल देने वाला होता है. शिव वास के नियमों के द्वारा जान सकते
अमावस्या योग ज्योतिष के नजरिये से शुभ अशुभ प्रभाव
ज्योतिष अनुसार किसी भी राशि में सूर्य और चंद्रमा की युति का अंशात्मक रुप से करीब होना अमावस्या तिथि और अमावस्या योग कहा जाता है. धर्म शास्त्रों और ज्योतिष शास्त्र अनुसार अमावस्या का महत्व बहुत ही
एकादशी श्राद्ध कथा : पितृ श्राप से मुक्ति की कथा
एकादशी तिथि को बहुत ही शुभ समय माना गया है. आश्विन मास में आने वाली कृष्ण पक्ष की एकादशी एक अत्यंत ही उत्तम दिवस है इस समय को एकादशी व्रत, ग्यारस श्राद्ध, इंदिरा एकादशी, एकादशी श्राद्ध तिथि इत्यादि
आश्विन पूर्णिमा : व्रत कथा और आश्विन पूर्णिमा के रहस्य
आश्विन मास की पूर्णिमा को आश्विन पूर्णिमा कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार इसी पूर्णिमा के दिन समुद्र मंथन से देवी लक्ष्मी का जन्म हुआ था, और इस दिन कई अन्य विशेष घटनाएं घटित हुई जिनके कारण यह दिन
ओणम : राजा बली और भगवान के वामन रुप की कथा
ओणम का त्यौहर दक्षिण भारत के प्रसिद्ध त्यौहारों में से एक है. उत्तर भारत पंचाग अनुसार यह त्यौहार भाद्रपद माह के दौरान आता है. भादो माह की द्वादशी के करीब इस पर्व को मनाया जाता है और दक्षिण भारत के
पार्श्व एकादशी: पार्श्व एकादशी कब मनाई जाती है ?
पार्श्व एकादशी हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी के दिन मनाई जाती है.. एकादशी का यह दिन विशेष फल प्रदान करता है. यह पुण्य व्रतों में से एक है जब भक्त को प्रभु का
रांधण छठ - रंधन छठ व्रत कथा
रांधण छठ इसे ललही छठ और हलछठ व्रत भी कहते हैं. इसके अलावा इसे हलषष्ठी, हरछठ व्रत, चंदन छठ, तिनछठी, तिन्नी छठ, कमर छठ या खमर छठ भी कहते हैं. इस दिन को माताओं द्वारा विशेष रुप से पूजा जाता है. माता और
आदि अमावस्या : क्यों और कब मनाई जाती है आदि अमावस्या जानें इसका महत्व
पंचांग गणना अनुसार प्रत्येक माह में अमावस्या का आगमन होता है. यह अमावसाय तिथि कृ्ष्ण पक्ष के अंतिम दिन में मनाई जाती है जिसके पश्चात शुक्ल पक्ष का आरंभ होता है. अमावस्या को कई नामों से पुकारा जाता
वराह जयंती के दिन जरूर करें राशि अनुसार उपाय मिलेगा सफलता का आशीर्वाद
भगवान वराह भगवान विष्णु के अवतार हैं और इस शुभ दिन पर उनके भक्तों द्वारा उनकी पूजा की जाती है. यह त्यौहार बहुत महत्व रखता है विशेष रुप से दक्षिण भारत में इस पर्व का महत्व काफी खास माना गया है. इस्थ
जानें क्यों मनाई जाती है तीन साल बाद विभुवन संकष्टी चतुर्थी
गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार होता है. इसे विशेष गणेश चतुर्थी व्रतों में से एक के रूप में भी बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. इसे अत्यधिक भक्ति के साथ मनाया जाता
रक्षा बंधन विशेष: राशि के अनुसार राखी का रंग
रक्षाबंधन का पर्व एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है. यह सावन माह में आने वाली पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. श्रावण माह के सबसे प्रमुख त्यौहार की श्रेणी में इसका अग्रीण स्थान है. राखी भाई बहन के
श्रावण अधिकमास अमावस्या : विशेष योग राशि उपाय
सावन माह में आने वाले अधिकमास के दौरान मनाई जाने वाली अमावस्या को श्रावण अधिकमास अमावस्या के नाम से जाना जाता है. श्रावण अधिक मास का होना सावन समय की अधिकता को बताता है. इस समय पर श्रावण माह में दो
मलमास में आने वाली गणेश चतुर्थी क्यों है इतनी विशेष
गणेश चतुर्थी, का समय भगवान श्री गणेश के जन्म का समय माना जाता है. यह हर माह में मनाई जाती है लेकिन जब मलमास आता है तो यह चतुर्थी पूजन बहुत अधिक महत्वपूर्ण होता है. इस दिन पर व्रत उपवास एवं अन्य
अधिकमास दुर्गाष्टमी, दुर्गा पूजन का विशेष समय
हिंदू वैदिक कैलेंडर के अनुसार, हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दौरान मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत रखा जाता है. लेकिन अधिक मास के समय आने वाली मासिक दुर्गाष्टमी सभी से खास होती है. अधिकमास में