Articles in Category Hindu Gods
भाद्रपद माह में गणेश महोत्सव का ऎतिहासिक और पौराणिक महत्व
गणेश उत्सव का पर्व भादो माह में मनाया जाने वाला एक विशेष त्यौहार है. यह उत्सव भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से प्रारंभ होकर अनंत चतुर्दशी तक चलता है. गणेशोत्सव का त्यौहार उत्साह और आस्था
वराह जयंती के दिन जरूर करें राशि अनुसार उपाय मिलेगा सफलता का आशीर्वाद
भगवान वराह भगवान विष्णु के अवतार हैं और इस शुभ दिन पर उनके भक्तों द्वारा उनकी पूजा की जाती है. यह त्यौहार बहुत महत्व रखता है विशेष रुप से दक्षिण भारत में इस पर्व का महत्व काफी खास माना गया है. इस्थ
वराह जयंती : जब श्री विष्णु ने किया ब्रह्मा के वरदान का अंत
वराह अवतार भगवान विष्णु का एक और अवतार है और भाद्रपद माह के दौरान वराह जयंती मनाई जाती हैश्री विष्णु के रुप वराह को प्रसन्न करने के लिए भक्त इस दिन व्रत एवं पूजा इत्यादि से उनकी पूजा करते हैं. भगवान
जानें क्यों मनाई जाती है तीन साल बाद विभुवन संकष्टी चतुर्थी
गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार होता है. इसे विशेष गणेश चतुर्थी व्रतों में से एक के रूप में भी बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. इसे अत्यधिक भक्ति के साथ मनाया जाता
मलमास में आने वाली गणेश चतुर्थी क्यों है इतनी विशेष
गणेश चतुर्थी, का समय भगवान श्री गणेश के जन्म का समय माना जाता है. यह हर माह में मनाई जाती है लेकिन जब मलमास आता है तो यह चतुर्थी पूजन बहुत अधिक महत्वपूर्ण होता है. इस दिन पर व्रत उपवास एवं अन्य
अधिकमास दुर्गाष्टमी, दुर्गा पूजन का विशेष समय
हिंदू वैदिक कैलेंडर के अनुसार, हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दौरान मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत रखा जाता है. लेकिन अधिक मास के समय आने वाली मासिक दुर्गाष्टमी सभी से खास होती है. अधिकमास में
अधिकमास की पद्मिनी एकादशी व्रत देता है विशेष फल
अधिक मास के दौरान आने वाली एकादशी पदमनी एकादशी के रुप में जानी जाती है. इस एकादशी का समय को सभी प्रकार के शुभ लाभ प्रदान करने वाली एकादशी माना गया है. इस एकदशी के विषय में एक बार धर्मराज युधिष्ठिर ने
गुरु प्रदोष व्रत : सभी प्रकार के दोषों से मुक्ति प्रदान करता है गुरु प्रदोष व्रत
बृहस्पतिवार के दिन आने वाला प्रदोष व्रत गुरु प्रदोष व्रत के रुप में जाना जाता है. प्रत्येक माह आने वाला प्रदोष व्रत भगवान शिव की पूजा का समय होता है. प्रदोष व्रत का फल जीवन को समस्त प्रकार के दोषों
अधिक मास सावन शिवरात्रि ।Adhik Maas Shivratri
सावन माह की शिवरात्रि को सावन शिवरात्रि के रुप में जाना जाता है. श्रावण माह के दौरान आने वाली शिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव के अभिषेक से संबंधित कार्य संपन्न होते है. इस साल सावन माह में अधिकमास
व्यास पूर्णिमा 2024 : वेदों के निर्माता वेद व्यास के जन्मोत्सव के रुप में मनाई जाती है व्यास पूर्णिमा
व्यास पूर्णिमा का समय वेद व्यास जयंती के रुप में हर साल अषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है. इस वर्ष 21 जुलाई 2024 को रविवार के दिन मनाई जाएगी व्यास पूर्णिमा भारतीय संस्कृति में वेदों का बेहद
अधिक मास 2023: श्रावण अधिक मास
अधिक मास एक विशेष अवधि है जो धार्मिक दृष्टि के साथ-साथ धार्मिक गतिविधियों के लिए भी महत्वपूर्ण है. काल गणना की उचित व्याख्या के लिए इस समयावधि को अपनाया जाता है. जिस प्रकार समय गणना के उचित क्रम के
तेलुगु हनुमान जयंती 2024: क्यों मनाते हैं इस हनुमान दीक्षा को
भगवान हनुमान के जन्म से संबंधित कई कथाएं प्रचलित रही हैं. धर्म ग्रंथों में हनुमान जन्मोत्सव के विषय में कई उल्लेख प्राप्त होते हैं. हनुमान जी के जन्म दिवस और तिथि का एक साथ मिलना एक विशेष संयोग
भालचंद्र गणेश चतुर्थी व्रत : जानें क्यों कहलाते हैं श्री गणेश भालचंद
चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को भालचंद्र संकष्टि चतुर्थी के रुप में मनाया जाता है. भगवान गणेश को बाधाओं को दूर करने वाले, कला और विज्ञान के संरक्षक के रुप में स्थान प्राप्त है. बुद्धि और ज्ञान
शनि-त्रयोदशी : जानें शनि त्रयोदशी व्रत विधि और कथा
शनि त्रयोदशी का पर्व पंचाग अनुसार त्रयोदशी तिथि के दिन शनिवार के दिन पड़ने पर मनाया जाता है. शनि त्रयोदशी का समय भगवान शिव और शनि देव के पूजन का विशेष संयोग होता है. इस समय पर भगवान शिव के साथ शनि
नरसिंह द्वादशी 2024 : भगवान का पूजन करने से पूर्ण होंगे सभी मनोरथ
फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी को नरसिंह द्वादशी के रुप में पूजा जाता है. भगवान श्री विष्णु के दो स्वरुप इस दिन विशेष रुप से पूजे जाते हैं. इस दिन भगवान को नृसिंह रुप में और गोंविद रुप
बुध प्रदोष क्या है और इसका महत्व क्यों है इतना खास
बुध प्रदोषम से मिलता है ज्ञान एवं बुद्धि का आशीर्वाद प्रदोष तिथि में रखा जाने वाला व्रत भगवान शिव से संबंधित रहा है. प्रदोष का समय शिव पूजन के लिए अति शुभ एवं विशेष होता है. बुधवार के दिन प्रदोष व्रत
वृश्चिक संक्रांति : जाने इसके महत्व और पूजन विधि के बारे में विस्तार पूर्वक
ज्योतिष में सूर्य का महत्व सर्वोपरी रहा है. प्राचीन भारतीय ज्योतिष में सबसे महत्वपूर्ण दिन चंद्रमा की गति पर आधारित होते हैं, संक्रांति सूर्य की गति का प्रतीक है. प्रत्येक संक्रांति उस संक्रमण काल को
शुक्र प्रदोष व्रत जिससे दूर होते हैं शुक्र ग्रह के दोष
भुगुवारा प्रदोष किसी भी माह के त्रयोदशी तिथि के दिन यदि शुक्रवार पड़ रहा हो तो वह दिन शुक्र प्रदोष व्रत के रुप में जाना जाता है. प्रदोष व्रत विशेष रुप से भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा का समय होता
ललिता सप्तमी, का पूजा समय विधि एवं महत्व
ललिता सप्तमी भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी पर देवी ललिता सप्तमी मनाई जाती है. देवी ललिता जी को भगवान श्री कृष्ण एवं श्री राधा जी के साथ संबंधित किया जाता है. भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी
हरतालिका तीज : भाद्रपद माह कि तृतीया का पर्व देता है सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद
तीज पर्व के रुप में मनाई जाने वाली हरतालिका तीज का समय भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को आता है. इस दिन को हरतालिका व्रत के रुप में मनाया जाता है. यह व्रत विवाहिता एवं कुंवारी कन्याओं सभी के लिए