Articles in Category Festivals
शिव वास और इसके नियम
शिव वास अपने नाम के अनुरुप भगवान शिव के निवास स्थान की स्थिति को बताता है. शिव वास की स्थिति को जानकर भगवान शिव के रुद्राभिषेक को करना शुभफल देने वाला होता है. शिव वास के नियमों के द्वारा जान सकते
अमावस्या योग ज्योतिष के नजरिये से शुभ अशुभ प्रभाव
ज्योतिष अनुसार किसी भी राशि में सूर्य और चंद्रमा की युति का अंशात्मक रुप से करीब होना अमावस्या तिथि और अमावस्या योग कहा जाता है. धर्म शास्त्रों और ज्योतिष शास्त्र अनुसार अमावस्या का महत्व बहुत ही
पितृ आरती और पितर चालिसा : पितर देवों की आरती से प्रसन्न होंगे समस्त पितृ
पितरों का पूजन वंश को समृद्धि और वंश वृद्धि देने वाला मार्ग होता है. पितरों का पूजन अमावस्या तिथि एवं आश्विन माह के कृष्ण पक्ष के दोरान श्राद्ध पक्ष में किया जाता है. पितरों को मनाने के लिए कई तरह के
आश्विन पूर्णिमा : व्रत कथा और आश्विन पूर्णिमा के रहस्य
आश्विन मास की पूर्णिमा को आश्विन पूर्णिमा कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार इसी पूर्णिमा के दिन समुद्र मंथन से देवी लक्ष्मी का जन्म हुआ था, और इस दिन कई अन्य विशेष घटनाएं घटित हुई जिनके कारण यह दिन
ओणम : राजा बली और भगवान के वामन रुप की कथा
ओणम का त्यौहर दक्षिण भारत के प्रसिद्ध त्यौहारों में से एक है. उत्तर भारत पंचाग अनुसार यह त्यौहार भाद्रपद माह के दौरान आता है. भादो माह की द्वादशी के करीब इस पर्व को मनाया जाता है और दक्षिण भारत के
ज्येष्ठ गौरी पूजा : भाद्रपद माह में होता है ज्योष्ठ गोरी विसर्जन
भाद्रपद माह में आने वाला ज्येष्ठ गोरी विसर्जन का उत्सव भक्ति भाव के साथ मनाया जाता है. ज्येष्ठ गौरी पूजा महाराष्ट्र का एक प्रमुख त्यौहार है, जिसमें मराठी महिलाएँ व्रत रखती हैं और देवी गौरी की पूजा
भाद्रपद माह अष्टमी : राधा अष्टमी और लक्ष्मी पूजन का शुभ योग क्यों है विशेष
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी का दिन बेहद खास माना जाता है. इस दिन को राधा जी के जन्म उत्सव के रुप में मनाते हैं और साथ में इस दिन को देवी लक्ष्मी जी के विशेष पूजन एवं व्रत के आरंभ होने का समय
कब मनाई जाती है आश्विन संक्रांति ? पितरों को क्यों प्रिय है आश्विन संक्रांति
क्या है आश्विन संक्रांति संक्रांति को देवता माना जाता है. भारत वर्ष में ही संक्रांति का समय बेहद विशेष माना गया है. आश्विन संक्रांति के दिन स्नान करना, भगवान सूर्य को नैवेद्य अर्पित करना, दान
रांधण छठ - रंधन छठ व्रत कथा
रांधण छठ इसे ललही छठ और हलछठ व्रत भी कहते हैं. इसके अलावा इसे हलषष्ठी, हरछठ व्रत, चंदन छठ, तिनछठी, तिन्नी छठ, कमर छठ या खमर छठ भी कहते हैं. इस दिन को माताओं द्वारा विशेष रुप से पूजा जाता है. माता और
चन्दन षष्ठी व्रत कथा : चंदन षष्ठी व्रत पूजा महत्व
चन्दन षष्ठी व्रत : भगवान बलभद्र का जन्मोत्सव चंदन षष्ठी का उत्सव भादो माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी के दिन रखा जाता है. जन्माष्टमी से पहले आने वाले इस उत्सव के दिन भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई बल भद्र
श्रावण पुत्रदा एकादशी : कुंडली के पंचम भाव को बनाती है शुभ
व्रत त्यौहारों का मनाया जाना सनातन परंपरा में किसी न किसी कारण के शुभ फलों को देने वाला होता है. व्रत त्यौहारों का संबंध ज्योतिष के साथ जुड़ा हुआ माना गया है. ज्योतिष अनुसार कुछ विशेष भावों की शुभता
आदि अमावस्या : क्यों और कब मनाई जाती है आदि अमावस्या जानें इसका महत्व
पंचांग गणना अनुसार प्रत्येक माह में अमावस्या का आगमन होता है. यह अमावसाय तिथि कृ्ष्ण पक्ष के अंतिम दिन में मनाई जाती है जिसके पश्चात शुक्ल पक्ष का आरंभ होता है. अमावस्या को कई नामों से पुकारा जाता
भाद्रपद पूर्णिमा के दिन ग्रहों की शुभता के लिए राशि अनुसार करें दान
भाद्रपद माह की पूर्णिमा के दिन राशि अनुसर यदि पूजा और दान कार्य किया जाए इस दिन का विशेष लाभ भक्तों को प्राप्त होता है. भाद्रपद पूर्णिमा का दिन अनेक कार्यों हेतु बेहद शुभ माना जाता है. इस दिन पर कुछ
क्यों मनाया जाता है दस दिनों तक गणेश उत्सव ?
भगवान गणेश के जन्म का उत्सव भाद्रपद माह के दौरान कई दिनों तक मनाया जाता है. यह उत्सव भाद्रपद मास की चतुर्थी से प्रारंभ होकर भाद्रपद मास की अनंत चतुर्दशी तक चलता है. दस दिनों तक मनाए जाने वाले इस
भाद्रपद माह में मनाई जाती है वामन एकादशी जानें पूजा और महत्व 2024
वामन एकादशी : भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को वामन एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस एकादशी का व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. यह व्रत भगवान के वामन रुप के साथ राजा बली के
ललिता सप्तमी पर करें राशि अनुसार पूजन 2024
ललिता को महात्रिपुरसुंदरी, षोडाशी और कामेश्वरी के नाम से भी जाना जाता है, यह देवी का सर्वोच्च रूप है. देवी का कोई अन्य रूप ललिता या तांत्रिक पार्वती जितना महत्वपूर्ण नहीं है. इन्हें श्री महाविद्या के
भाद्रपद माह में गणेश महोत्सव का ऎतिहासिक और पौराणिक महत्व
गणेश उत्सव का पर्व भादो माह में मनाया जाने वाला एक विशेष त्यौहार है. यह उत्सव भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से प्रारंभ होकर अनंत चतुर्दशी तक चलता है. गणेशोत्सव का त्यौहार उत्साह और आस्था
वराह जयंती : जब श्री विष्णु ने किया ब्रह्मा के वरदान का अंत
वराह अवतार भगवान विष्णु का एक और अवतार है और भाद्रपद माह के दौरान वराह जयंती मनाई जाती हैश्री विष्णु के रुप वराह को प्रसन्न करने के लिए भक्त इस दिन व्रत एवं पूजा इत्यादि से उनकी पूजा करते हैं. भगवान
जानें क्यों मनाई जाती है तीन साल बाद विभुवन संकष्टी चतुर्थी
गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार होता है. इसे विशेष गणेश चतुर्थी व्रतों में से एक के रूप में भी बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. इसे अत्यधिक भक्ति के साथ मनाया जाता
रक्षा बंधन विशेष: राशि के अनुसार राखी का रंग
रक्षाबंधन का पर्व एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है. यह सावन माह में आने वाली पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. श्रावण माह के सबसे प्रमुख त्यौहार की श्रेणी में इसका अग्रीण स्थान है. राखी भाई बहन के