मंत्र शक्ति और साधना
Dr. Bhojraj Dwivedi
Tags : vedic astrology, astrology,
Categories : Vedic Astrology,
मंत्र और साधना में ऐसी आध्यात्मिक शक्ति सम्मिलित होती है जो एक बार भगवान (ईश्वर) को भी इंसान के सन्मुख लाकर खड़ा कर दे। मंत्र शब्द का अर्थ होता है किसी भी देवता को संबोधित किया गया प्रार्थना पूरक वेद मंत्र के भीतर ऐसी गूढ़ शक्ति छिपी है जो वाणी से प्रकाशित नहीं की जा सकती बल्कि शक्ति से वाणी स्वयं प्रकाशित होती है।
मंत्रों से जीव की चेतना जीवंत, ज्वलंत और जाग्रत हो उठती है। साधना इंसान का लीनता का भाव है। जितने दिन इंसान साधना में लीन होता है, उतने ही दिन इंसान को साधना के नियमों का पालन करना होता है। यह नियम, साधना, में बाधा न जाएं प्रकृति द्वारा ही बनाए गए हैं।
किसी भी प्रकार की मंत्र, साधना प्रारंभ करने के लिए गुरु की आवश्यकता होती है। मनुष्य को अपने जीवन में एक ही गुरु से संपूर्ण ज्ञान प्राप्त नहीं होता। मंत्र साधना में गुरु का क्या स्थान एवं महत्व है, इसकी व्यापक जानकारी इस पुस्तक में दी गई है।