कालसर्प योग
Dr. Bhojraj Dwivedi
फलित ज्‍योतिष में कालसर्प योग को गंभीर रूप से मृत्‍युकारी माना गया है। सामान्‍यत जन्‍म कुंडली में जब सारे ग्रह राहु केतु के बीच कैद हो जाते हैं तो काल सर्पयोग की स्थिति बनती है। जोMore Info
कालसर्प योग शांति और घाट विवाह पर शोधकार्य
Dr. Bhojraj Dwivedi
भोजराज द्विवेदी द्वारा विचरित 'कालसर्प योग शांति एवं घट-विवाह पर शोधकार्य' शीर्षक पुस्‍तक का यह नवीन संस्‍करण निश्चित रूप से कालसर्पयोग से संबंधित भ्रांतियों को दूर करेगा। सर्पोंMore Info
मांगलिक दोष कारण और निवारण
Dr. Bhojraj Dwivedi
मंगल पर विस्‍तृत फलादेश ‘भोजसंहिता’ के मंगलखंड’ में मिलेगा। इस पुस्‍तक में मंगल संबंधी सभी दोषों का निवारण घटविवाह के माध्‍यम से बताया गया है। घटविवाह में प्रायश्चितMore Info
मंत्र शक्ति और साधना
Dr. Bhojraj Dwivedi
मंत्र और साधना में ऐसी आध्‍यात्मिक शक्ति सम्मिलित होती है जो एक बार भगवान (ईश्‍वर) को भी इंसान के सन्‍मुख लाकर खड़ा कर दे। मंत्र शब्‍द का अर्थ होता है किसी भी देवता को संबोधित कियाMore Info
मानवता का एकमात्र मित्र शनि
कर्मों के फल ईश्‍वर देता है और माध्‍यम बनाता है ग्रहों को। विशेष रूप से शनि को अपने गलत कर्मों के फल को व्‍यक्ति से भुगतवाकर शनि व्‍यक्ति के मन में इस संसार के सर्वत्र दुखमय होनेMore Info
नाड़ी ग्रंथ भविष्य
Shashikant Oak
नाड़ी शास्‍त्र भारतीय तथा साहित्‍य का अनमोल खजाना है। अनेक महर्षियों ने आज से हजारों वर्ष पूर्व, लाखों-करोड़ों लोगों के लिए तमिल भाषा में लिखे नाड़ी भविष्‍य को प्राचीन ताड़ पत्रों परMore Info
नीच भंग राजयोग
Ajay Bhambi
नीच भंग राजयोग की श्रेणियों में कई लोग आते हैं जो हम सबके आसपास होते हैं। आप चाहें तो उन्‍हें पहचान भी सकते हैं। एक श्रेणी में वो लोग होते हैं जो अपनी पीड़ा, असुविधा, संघर्ष को निहायत हीMore Info
पांव तले भविष्य
Dr. Bhojraj Dwivedi
क्‍या हाथ की रेखाओं की तरह पादलत या पांव की-रेखाओं के माध्‍यम से मानव का भूत-भविष्‍य जाना जा सकता है? यदि हां तो पांव के तलवे व उसकी रेखाओं द्वारा भविष्‍य-कथन की परम्‍परा कब सेMore Info
प्रश्न ज्योतिष
Radha Krishna Shrimali
प्रश्‍न ज्‍योतिष, प्रश्‍नकर्ता की जिज्ञासा, उत्‍सुकता, उत्‍कण्‍ठा, इच्‍छा, शंका अथवा चिंता या अन्‍याय प्रश्‍नों का समाधान इस शास्‍त्र मेंMore Info
राहु केतु एवं ग्रहण विचार
Dr. Bhojraj Dwivedi
राहु-केतु के बारे में भ्रमपूर्ण कथाएं, किंवदंतियां यत्र-तत्र-सर्वत्र व्‍याप्‍त हैं, जिसका सत्‍या सत्‍य अंवेषण, वैज्ञानिकी स्‍पष्‍टीकरण आज के युग की मांग है। प्रस्‍तुतMore Info
सर्वतो रूद्राक्ष
Sarvato RudrakshMore Info
षट पंचाशिका
Dr. Bhojraj Dwivedi
प्रश्‍नविद्या ज्‍योतिष-शास्‍त्र की सर्वाधिक चमत्‍कारी विद्याओं में से एक प्रश्‍नकर्ता की जिज्ञासा, इच्‍छा, उत्‍कंठा, शंका या चिंता का समाधान इस शास्‍त्र मेंMore Info
स्त्रोत शक्ति
Radha Krishna Shrimali
यंत्र-मंत्र-तंत्र की अद्भुत शक्ति में स्‍तोत्रों की अपनी शक्ति है, अपना चमत्‍कार है। अपना बल और वर्चस्‍व स्‍तोत्र का वह माध्‍यम है, जिसकी सहायता से निर्बल भाग्‍य को सबलMore Info