लाल किताब कुण्डली में ग्रहों व राशियों के महत्व को बहुत स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है. यहां राशियों के स्वामी हैं जिसमें मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल हैं. वृष और तुका के स्वामी शुक्र हैं, मिथुन और कन्या के
लाल किताब के अनुसार जब कोई ग्रह किसी भाव में अकेला स्थित होता है या किसी और ग्रह से दृष्ट भी नही हो तो वह शुभ प्रभाव वाला होगा. यहां अकेले ग्रह से अर्थ यह है कि उस ग्रह को कोई भी अन्य ग्रह तथा किसी दृष्टि से न देख रह
लाल किताब में ग्रहों की दृष्टि के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण विचार दिए गए हैं जिनके अनुसार ग्रहों के प्रभावों को समझा जा सकता है. वैदिक ज्योतिष दृष्टि ग्रह की होती है भाव की नहीं. दूसरे पूर्ण दृष्टि ही मान्य है आधी-अधूरी