मंगल और सूर्य | Mars and Sun
लाल किताब टेवे के तीसरे घर में मंगल के होने से व्यक्ति में साहस की अधिकता होती है. वह शूरवीर होता है और कठिनाईयों से घबराता नहीं है. व्यक्ति में लड़ने की शक्ति होती है. उसे अपने जीवन में कठिनाईयों और परेशानियों का सामना करना पड़ता है. आत्मबल में सदैव वृद्धि रहती है जिसके बल पर वह आगे बढ़ता जाता है. किसी भी स्थिति के अनुकूल रहने की क्षमता उसमें निहीत रहती है. जातक को गुस्सा अधिक आता है जिस कारण वह संबंधों में दूरी को झेलता है.
सूर्य के साथ होने पर मंगल के गुणों के कारण यहां की स्थिति से व्यक्ति के वयवहार में तेजी भी खूब रहती है. जातक बुद्धिमान होता है लेकिन उसका आवेगी होना और क्रोधी होना उसके शुभ गुणों में कमी कर देने जैसा हो सकता है. अपने भाई बंधुओं के साथ उसका झगडा़ हो सकता है उसके स्वभाव में भी एक अंतरनिहीत होने का भाव परिलक्षित होता है. दोनों ग्रह अपना - अपना फल देने वाले बनते हैं. यहां मंगल के प्रभाव से सूर्य को उच्च की स्थिति प्राप्त होती है.
जातक के लाभ में वृद्धि देने वाली होती है. व्यक्ति अपने कार्यों को करने में बाहुबल का इस्तेमाल अधिक कर सकता है. जीवन में आने वाले संघर्षों से उबरने की कोशिश भी करता है. यह स्थान भाई बहनों के सुख को प्रभावित कर सकता है उनके लिए सूर्य की स्थिति मंगल का प्रभाव तनाव और मतभेद देने वाला हो सकता है. मकान और भू संपति भी प्राप्त हो सकती है.
मंगल और चंद्रमा | Mars and Moon
लाल किताब कुण्डली के तीसरे घर में मंगल के साथ चंद्रमा की युति होने पर व्यक्ति को समाज से सम्मान और यश की प्राप्ति होती है. व्यक्ति अक्लमंद होता है और अपनी बौद्धिक क्षमता से कठिन कार्यों को भी सरलता से हल कर लेता है. यहां चंद्रमा के होने से जातक के व्यवहार में कुछ सौम्यता भी आती है किंतु उसकी अधिरता बढ़ सकती है. व्यक्ति को भाई बहनों का सुख प्राप्त होता है और वह उनसे कुछ सहयोग भी पाता है. परंतु पाप ग्रह की दृष्टि पड़ने से संबंधों में तनाव की स्थिति भी उभर सकती है.
इस स्थान में दोनों की युति संबंध व्यक्ति को प्रवासगामी बना सकता है वह यात्राओं में लगा रह सकता है. परिवार से दूर जाकर अपने काम को करता है. यहां कम से कम 33 वर्षों तक व्यक्ति को दोनों के संयुक्त फल मिल सकते हैं और दोनों का शुभ भाग ही अधिक होगा. अगर चंद्रमा बली हो तो मंगल का आधा भाग होगा लेकिन अगर मंगल शुभ हो तो चंद्रमा दो गुना अधिक शुभ फल देने वाला बनता है.
अगर यहां पर मंगल बद हो जाता है तो मंगल का एक तिहाई बुरा या अच्छा भाग चंद्रमा ही देने वाला बनता है. वैसे तो इस घर में मंगल कभी बद नहीं होता. जातक बुद्धिमान धनवान और नीतिवान होता है. यश और सुख की प्राप्ति करता है. लेकिन जातक कुछ गलत कामों से भी धन अर्जित कर सकता है. वह स्वयं में मस्त रहने वाला तथा दूसरों की परवाह से बेखबर रह सकता है.
मंगल और बुध | Mars and Mercury
लाल किताब कुण्डली के तीसरे घर में यदि मंगल के साथ बुध का संबंध बनता है तो यह स्थिति उसके बडे़ भाई के लिए बहुत अनुकूल रह सकती है. इस स्थिति में भाई को समृद्धि मिलती है यदि वह साथ में रहता है तो उसके काम में सफलता मिलती है और साथ बना रहता है. व्यक्ति को माता पिता का सुख भी खूब मिलता है वह उनके साथ से संपन्न रहता है और जीवन में प्रगृत्ति को पाने में सफल होता है. माता पिता उसके सहायक बनेंगे और उसकी आर्थिक स्थिति में भी मददगार होंगे.
अगर मंगल शुभ है तो उसके प्रभाव से बुध और अच्छा हो जाता है और उसके शुभ फल बढ़ जाते हैं. परंतु यदि खराब प्रभाव हो तो बुध दुगना खराब हो जाता है और व्यक्ति को चोरी का भय या आर्थिक हानि उठानी पड़ सकती है. धन दौलत व्यर्थ में खर्च होने लगती है और संपत्ति में नुकसान की स्थिति बनी रहती है. व्यक्ति का मन बुरे कामों को करने की ओर भी अधिक लग सकता है. ऎसी स्थिति से बचने के लिए ग्रह संबंधी उपाय करना अच्छा रहता है.