शनि की चाल में जब बदलाव होता है तो वक्री अवस्था का असर काफी चीजों को बदल देता है. शनि एक लम्बे समय तक मकर राशि में रहे ओर कुंभ में आए लेकिन वक्री होकर एक बार फिर से मकर में ही जाने वाले हैं. अब इस समय के दौरान जिन
                                    
                                
                                        वक्री ग्रहों को वैदिक ज्योतिष में शक्त अवस्था में माना गया है अर्थात वक्री ग्रह सबसे अधिक शक्तिशाली होते हैं. वक्री ग्रह बार-बार प्रयास कराते हैं. एक ही कार्य को करने के लिए व्यक्ति को कई बार प्रयास करने पर सफलता मिलती