नव ग्रहों का गोचर प्रभाव बहुत महत्व रखता है. हर बार ग्रहों की स्थिति में आने वाला बदलाव जीवन पर गहरे असर डालता है. देश दुनिया ओर जीवन पर पड़ने वाले असर इन ग्रहों के द्वारा प्रभावित होते हैं. आइये जान लेते हैं 2025 में
ज्योतिष में ग्रहों में होने वाले बदलाव की छोटी से छोटी घटना का भी बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ता है. ग्रहों के प्रभाव को बारीकी से समझने के लिए उनकी हर-पल की खबर होना अत्यंत आवश्यक होता है. ऎसे में किसी ग्रह का मार्गी अवस्था
वक्री ग्रहों के बारे में यह विचार करना की वह किस प्रकार के फलों को देने वाले होते हैं, इस तथ्य की पुष्टी में कई विचारों का समावेश मिलता है. इसके विषय में प्राचीन ज्योतिषी ग्रंथों में कुछ बातें कहीं गई हैं कुछ के अनुसार
नवग्रहों में बृहस्पति ग्रह सबसे बड़ा और प्रभावशाली माना गया है. गुरू को शुभ ग्रहों के रूप में मान्यता प्राप्त है. गुरू को शुभता, सत्यता, न्याय, सद्गुण व सुख देने वाला गह माना गया है. इस ग्रह को कुण्डली में द्वितीय,
वक्री ग्रहों की दशा में देशाटन, व्यसन एवं अत्यधिक भागदौड. जन्मांग में जो ग्रह वक्री होता है वह अपनी दशा एवं अन्तरदशा में प्रभावशाली फल प्रदान करने वाला बनता है. बुध ग्रह के वक्री होने पर मिलेजुले प्रभावों को देखा जा
ज्योतिष के अनुसार सभी ग्रह भ्रमण करते हुए विभिन्न प्रकार की गति को में चलते हैं जैसे कि तेज चलना या मंद गति से चलना, वक्री या अति वक्री, मध्यम गति या कुटिल गति इत्यादि. ग्रहों का अपने भ्रमण पथ पर उल्टी गति से चलना