योगिनी दशा क्रम के अगले चरण में उल्का दशा आती है. उल्का दशा की समय अवधि 6 वर्ष की मानी गई है. इस समय के अनुसार जातक को योगिनी दशा फलों की प्राप्ति होती है. शनि से संबंधित इस दशा में व्यक्ति को संघर्ष की स्थिति का सामना
भद्रिका दशा को बुध की दशा के रूप में जाना जाता है इस दशा की कुल अवधि पांच वर्ष की मानी गई है. यह दशा शुभ ग्रह की दशा होती है इसलिए इस दशा में जातक को शुभ फलों की प्राप्ति होती है. यह दशा परिवार में स्नेह एवं प्रेम की
भ्रामरी दशा योगिनि दशा में चौथे स्थान पर आती है. यह मंगल की दशा होती है. मंगल से प्रभावित इस दशा में व्यक्ति के भीतर पराक्रम एवं परिश्रम द्वारा समाज में अपना स्थान अर्जित करने की कोशिश में प्रयासरत रहता है. यह दशा
योगिनी दशाओं में मंगला नामक योगिनी दशा सर्वप्रथम होती है. इस दशा की समय अवधि 1 वर्ष की मानी गई है. इस दशा में चंद्रमा की भूमिका होती है यही इस दशा का स्वामित्व रखते हैं. यह शुभ ग्रह की दशा होने के कारण मन में शीतलता व