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कर्क लग्न का तीसरा नवांश | Third Navamsha of Cancer Ascendant
कर्क लग्न का तीसरा नवांश कन्या राशि का होता है. इस नवांश के स्वामी बुध हैं. इस नवांश के होने से जातक का रंग साफ और गोरा होता है. आंखें सुंदर तथा पैनी दृष्टि होती है व शरीर कोमल होता है. जातक में अधिक परिश्रम करने कि चाह
कर्क लग्न के दूसरे नवांश की विशेषताएं
कर्क लग्न का दूसरा नवांश सिंह राशि का होता है, जिसके स्वामी सूर्य होते हैं. इस नवांश में जन्मा जातक सौंदर्य व जोश से युक्त होता है. जातक का रंग गुलाबीपन लिए हुए साफ होता है.आंखें मोटी व तेजवान होती हैं. शरीर से मजबूत व
कर्क लग्न का पहला नवांश | First Navamsha of Cancer Ascendant
कर्क लग्न का पहला नवंश वर्गोत्तम होता है. यह कर्क राशि का ही होता है. इस नवांश में जन्में जातक के जीवन में स्वयं की स्थिति का ही आधार बना रहेगा. अर्थात वह कुध के विषयों से ही अधिक सोच विचार करेगा. अन्य स्थिति पर उसका
मिथुन लग्न का नौवां नवांश | Ninth Navamsha of Gemini Ascendant
मिथुन लग्न का नौवां नवांश मिथुन का ही होता है इस कारण से यह वर्गोत्तम स्थिति को पाता है. यह स्थिति काफी अच्छी मानी गई है इस नवांश के फलस्वरूप जातक को बुध से संबंधित फलों की प्राप्ति होती है. यह नवांग लग्न जातक को उत्तम
मिथुन लग्न का आठवां नवांश | Eighth Navamsha of Gemini Ascendant
मिथुन लग्न का आठवां नवांश वृष राशि का होता है. इस राशि के नवांश स्वरूप जातक देखने में हष्ट-पुष्ट व बलशाली होता है.गठा हुआ शरीर होता है. इस नवांश के स्वामी ग्रह शुक्र हैं इसमें जन्मे जातक की त्वचा कोमल और सुंदर होती है.
मिथुन लग्न के छठे नवमांश का फल
मिथुन लग्न का छठा नवांश मीन राशि का होता है जिसके स्वामी ग्रह बृहस्पति हैं. मिथुन लग्न का यह नवांश काफी अनुकूल फल देने वाला होता है. इसके प्रभाव से जातक का व्यक्तिव आकर्षण से युक्त होता है और जातक दूसरों को प्रभावित
मिथुन लग्न का 5वां नवांश और उसका प्रभाव
मिथुन लग्न का पांचवां नवांश कुम्भ राशि का होता है. इस नवांश के स्वामी ग्रह शनि हैं जिनके अनुरूप इस नवांश पर शनि का प्रभाव भी परिलक्षित होता है. पांचवें नवांश में जन्म होने के कारण जातक का चेहरा बडा़ और आभा से युक्त होगा
मिथुन लग्न का सातवां नवांश | Seventh Navamsha of Gemini Ascendant
मिथुन लग्न के सातवें नवांश में मेष राशि आती है. इस नवांश के स्वामी ग्रह मंगल हैं. मिथुन राशि के सातवें नवांश में जन्मा जातक मंगल के प्रभाव से पूर्ण होता है. जिसके फलस्वरूप जातक का कद लम्बा और रंग साफ होता है. चेहरा
मिथुन लग्न का चौथा नवांश और इसका प्रभाव
मिथुन लग्न का चौथा नवांश मकर राशि का होता है. मकर राशि का स्वामी शनि है इस लिए इस नवांश लग्न पर शनि का स्वामित्व रहता है. इस नवांश लग्न के प्रभावस्वरूप जातक का मस्तक चौडा़ तथा आंखे सुंदर होती हैं. घने व सुंदर बाल होंगे.
जानिये मिथुन लग्न के तीसरे नवांश का फलकथन
मिथुन लग्न का तीसरा नवांश धनु राशि का होता है और इसके स्वामी ग्रह बृहस्पति हैं. इस नवांश के होने से जातक में साहस की कमी नहीं होती है. जातक अपने परिश्रम और मेहनत के बल पर आगे बढ़ता रहता है. जीवन में कुछ न कुछ परिवर्तनों
जानें - मिथुन लग्न के दूसरे नवांश का फल
मिथुन लग्न का दूसरा नवांश वृश्चिक राशि का होता है. इस नवांश के प्रभाव स्वरूप जातक की कद काठी सामान्य होती है, चेहरे पर लालिमा रहती है और वाणी में काफी तेज रहता है. आंखे गोल तथा शरीर सामान्य होता है. तेज चलने वाला और
मिथुन लग्न का पहला नवांश | First Navamsa of Gemini Ascendant
जन्म कुण्डली में भाव और भावेश की स्थिति का विचार नवांश से भी किया जाता है. यह नवांश भाव के सूक्ष्म विश्लेषण का आधार होता है. इससे भाव व ग्रहों के बल का अनुमान लगाने में सहायता मिलती है. जीवन में मिलने वाली शुभता या
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