चंद्रमा की शुक्र के द्रेष्काण में स्थिति का आंकलन | Analysis of Moon In Venus Drekkana
जातक के जीवन में ग्रहों की द्रेष्काण में स्थिति उसके जीवन पर बहुत प्रभाव डालने वाली होती है. ग्रह का समक्षेत्री, मित्र क्षेत्री होना स्वराशि में होना बहुत अनुकूल फल देने में सक्षम माना जाता है. जातक के जीवन में आने वाले उतार-चढावों को वर्गों में ग्रहों की स्थिति से समझा जा सकता है. चंद्रमा का शुक्र के द्रेष्काण में होना उसे तो सम भाव देता है किंतु शुक्र के लिए यह शत्रु स्थिति होती है. इसलिए इस परिस्थिति में चंद्रमा का प्रभाव उतना प्रतिफलित नहीं होगा जितना होना चाहिए. किंतु फिर भी जातक को आर्थिक रूप स्तर पर संतोषजनक फल मिल सकते हैं. जातक की महत्वकांक्षाएं बहुत प्रबल होती हैं जिन्हें पूरा करना व प्राप्त कर लेना उसकी प्राथमिकता में शुमार होता है.
चंद्रमा का शुक्र के द्रेष्काण में जाने का नियम | Rules For Moon Entering Venus Dreshkona
चंद्रमा यदि शुक्र के द्रेष्काण में जाए तो इस स्थिति को इस प्रकार समझा जा सकता है :-
चंद्रमा जब वृष राशि में 0 से 10 अंशों तक होगा तो शुक्र के ही द्रेष्काण वृष राशि में रहता है.
चंद्रमा जब मकर राशि में 10 से 20 अंशों तक का होगा तो शुक्र के द्रेष्काण वृष राशि में जाएगा.
चंद्रमा जब कन्या राशि में 20 से 30 अंशों के मध्य में स्थित होगा तो शुक्र के द्रेष्काण वृष राशि में जाएगा.
चंद्रमा जब तुला राशि में 0 से 10 अंशों के मध्य में स्थित होगा तो शुक्र के द्रेष्काण तुला राशि में ही जाएगा.
चंद्रमा जब मिथुन राशि में 10 से 20 अंशों के मध्य स्थित होगा तो शुक्र के द्रेष्काण तुला राशि में जाएगा.
चंद्रमा जब कुम्भ राशि में 20 से 30 अंशों के मध्य स्थित होगा तो शुक्र के द्रेष्काण तुला राशि में जाएगा.
चंद्रमा का शुक्र के द्रेष्काण में होने का प्रभाव | Effect Of Moon In Venus Dreskona
चंद्रमा का शुक्र के द्रेष्काण में स्थित होना सौम्यता और अलंकार को पुष्ट करने वाला होता है. व्यक्ति का मन चंचल रह सकता है उसकी कलात्मकता के प्रति रूचि जागृत हो सकती है. जातक में स्वयं को अभिव्यक्त करने की सामर्थ्यता होती है. कुण्डली में यह स्थिति उसके प्रभावों को समझने में काफी सहायक बनती है.
चंद्रमा जब वृष राशि में 0 से 10 अंशों तक | Moon In Taurus Sign 0-10 Degree
जन्म कुण्डली में चंद्रमा जब वृष राशि में 0 से 10 अंशों तक होता है तो वह शुक्र के ही द्रेष्काण वृष राशि में जाता है. वर्ग मे मिलने वाली यह स्थिति उसे प्रबल बनाती है. उसका यह प्रभाव किसी भी ओर रहे परंतु उसे इसके शुभ या अशुभ चाहे जो भी फल हों वह प्रभावशाली रूप में प्राप्त होते हैं. इस स्थिति में चंद्रमा की शक्ति में भी उच्चता आती है और जातक का मन भी मजबूत बनता है. वह भावुक होते हुए भी भावनाओं में बहता नहीं है अपितु उचित-अनुचित का निर्णय करते हुए ही आगे बढ़ता है. जातक को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है वह जीवन में मान सम्मान कमाता है.
चंद्रमा जब मकर राशि में 10 से 20 अंशों तक | Moon In Capricorn Sign 10-20 Degree
जन्म कुण्डली में चंद्रमा जब मकर राशि में 10 से 20 अंशों तक का होगा तो शुक्र के द्रेष्काण वृष राशि में जाता है. यहां व्यक्ति को जीवन में परिश्रम करना होता है. वह भाग्य का निर्माण अपने प्रयासों द्वारा ही कर सकता है. उसके स्वभाव में एक कटुता व चालाकी का भाव देखा जा सकता है. व्यक्ति मन से काफी दृढ़ रहता है. उसके मनोभावों को समझ पाना आसान नहीं होता है. जातक की कार्य कुशलता में सूझबूझ का समन्वय देखा जा सकता है.
चंद्रमा जब कन्या राशि में 20 से 30 अंशों तक | Moon In Virgo Sign 20-30 Degree
चंद्रमा जब कन्या राशि में 20 से 30 अंशों के मध्य में स्थित होगा तो शुक्र के द्रेष्काण वृष राशि में जाएगा. इस राशि में होने पर जातक का व्यवहार काफी हंसमुख तथा कला कौशल से युक्त हो सकता है. जातक के मित्रों की संख्या बहुत होती है यह जल्द से दोस्त बनाने वाले होते हैं और कला वर्ग में अपनी धाक जमाने की कोशिशों में लगे रहते हैं. जातक में अच्छी प्रतिभाएं होती हैं जो उसे सभी के सम्मुख प्रशंसा दिलाने में सहायक होती हैं.
चंद्रमा जब तुला राशि में 0 से 10 अंशों तक | Moon In Libra Sign 0-10 Degree
जन्म कुण्डली में चंद्रमा जब तुला राशि में 0 से 10 अंशों के मध्य में स्थित होगा तो शुक्र के द्रेष्काण तुला राशि में ही जाता है. इससे प्रभावित जातक सुंदर व आकर्षण से युक्त होता है. व्यक्ति का व्यवहार सौंदर्य की अनुभूति में दिखाई देता है. जातक का मन सपनों को संजोता है और उन्हीं में रहना उसे पसंद आता है. वह स्वयं पर पूरा ध्यान देता है तथा अपनी इच्छाओं को पूरा करने में लगा रहता है.
चंद्रमा जब मिथुन राशि में 10 से 20 अंशों तक | Moon In Gemini Sign 10-20 Degree
जन्म कुण्डली में जब चंद्रमा मिथुन राशि में 10 से 20 अंशों के मध्य स्थित होगा तो शुक्र के द्रेष्काण तुला राशि में जाता है. व्यक्ति में वाककुशला होती है उससे बातों में कोई जीत नहीं सकता, तर्क वितर्क करने वाला होता है. उसे कई प्रकार से सफलताएं मिलती हैं वह व्यवसायिक क्षेत्र में अच्छी सफलता प्राप्त कर सकता है.
चंद्रमा जब कुम्भ राशि में 20 से 30 अंशों तक | Moon In Aquarius Sign 20-30 Degree
जन्म कुण्डली में चंद्रमा जब कुम्भ राशि में 20 से 30 अंशों के मध्य स्थित होगा तो शुक्र के द्रेष्काण तुला राशि में जाता है. जातक का स्वभाव स्वयं में सीमित हो सकता है. वह परंपराओं का पालन करने वाला होता है. उसके जीवन में नैतिक मूल्यों का बहुत महत्व होता है. वह धर्म कर्म में विश्वास रखने वाला होता है तथा मन से उदार व सरल हृदय का होता है.