तुला, वृश्चिक और धनु में गुरु के गोचर का फल
तुलागत गुरू का योगफल | Jupiter Aspecting Libra
तुला में स्थित गुरू के प्रभाव में जातक मेधावी बनता है. वह जो भी कार्य करता है उसमें उसकी योग्यता का बेहतरीन रूप देखने को मिलता है. वह अपने काम में एक सौंदर्य का रूप दर्शाने में सफल होता है. किसी भी काम में जो उसकी कलात्मक अभिव्यक्ति होती है वह बहुत प्रभावशाली होती है. अपनी कथनी से वह दूसरों को प्रभावित करने की क्षमता रखता है. इसके अतिरिक्त समाज में सभी सम्मनित होता है. लोगों के लिए सहायक का काम करने वाला बनता है. संतान का सुख भोगने वाला होता है और संतान की ओर से सहायता पाता है.
जातक शिक्षा में बहुत उज्जवल स्थान पाता है. उसे अपनी प्रतिभा का उपयोग करना पता होता है. अपनी शिक्षा में उच्च स्थान पाता है तथा गुरूजनों से सम्मानित होता है. विदेश यात्राओं में जाने वाला बनता है तथा विदेशों में कमाई के साधन जुटाने में सफल होता है. अच्छे सुख वैभव में जीने की चाह भी रखता है. व्यवहार में विनीत पूर्ण होता है तथा कोमल और सरल हृदय का होता है. शास्त्रों का जानकार तथा उनके प्रति जिज्ञासा से परिपूर्ण रहता है. अपनी इन्हीं खूबियों द्वारा जातक के मित्रों की संख्या भी खूब होती है.
कला से जुडे़ हुए कामों द्वारा अच्छा लाभ कमा सकता है. नाट्य इत्यादि खूबियों को करने वाला होता है सुंदर और आकर्षक होता है. शास्त्रानुगामी होता है, व्यापारियों में इनकी पैठ अच्छी होती है. संघ का मुख्य बन सकता है देवताओं और अतिथियों का सत्कार करने वाला होता है, बुद्धिमान परंतु भावुकता में बहने वाला होता है. किसी भी प्रकार से अपने कामों की पूर्ति से यह शुभ कर्म करने की चाह रखता है तथा जीवन में सकारात्मकता को पाना चाहता है.
वृश्चिकगत गुरू का योगफल | Jupiter Aspecting Scorpio
वृश्चिकगत गुरू के होने पर व्यक्ति काफी उज्जवल स्वरूप वाला होता है. उसमें लड़ने की क्षमता अच्छी होती है किसी भी स्थिति से दूर नहीं भागते हैं और उसका डटकर सामना करते हैं. जातक का व्यवहार कुछ कठोर हो सकता है परंतु वह अपने नियमों को मानने के कारण ऎसा होता है. परंतु दूसरों का सहयोगी और सहायक बनता है.
जातक में क्रोध हो सकता है तथा वह अपने में स्वतंत्र और सापेक्ष हो सकता है. शास्त्रों की जानकारी रखने वाला तथा उनमें कुशल भी होता है. किसी भी प्रकार से वह अपने प्रभाव को दिखाने में सहायक भी बनता है. ग्रथों का भाष्यकार और उन्हें समझने वाला होता है. देवालय जैसे उत्तम स्थलों में निवास करने वाला बनता है.
जातक अपने काम में कठिन और क्रूर अधिक हो सकता है. दिखावे के लिए धर्म कर्म में काम करने वाला होता है. कई बार किसी के प्रति अवहेलना का भाव भी रख सकता है. बुरे कर्म करने की ओर भी प्रवृत्त हो सकता है. जातक में अधिक उदारवादिता कम ही देखने को मिलती है.
धनुगत गुरू का योगफल | Jupiter Aspecting Sagittarius
धनुगत बृहस्पति हो तो व्यक्ति पराक्रम में निपुण परिश्रम से युक्त कामों को करने में आगे रहने वाला होता है. आचार्य तुल्य होता है तथा दीक्षा व यज्ञादि करने वाला होता है. व्यक्ति के जानकार बहुत होते हैं और मित्रों की भी संख्या अच्छी खासी होती है. संस्कारों और रूढीवादी विचारों को मानने वाला होता है. किसी भी प्रकार से आपके लिए कोई भी
राशि के प्रभावस्वरूप जातक लक्ष्मीवान होता है, आर्थिक रूप से सदृढ़ बनता है और अपने नियमों और योजनाओं पर खरा उतरने की कोशिश भी करता है. देशों में भ्रमण करने की चह भी इन जातकों में खूब रहती है. अपने परिश्रम द्वारा यह उच्च कोटी की सफलता पाने में भी सफल होते हैं.
जातक को एकांत में निवास करन भी अच्छा लगता है. प्रकृत्ति के मध्य जाकर इन्हें जीवन के प्रति प्रेम बढ़ता है. यह प्रेम की चाह रखते हैं और किसी का अहित करने की चाह भी नहीं रखते हैं गणमान्य लोगों द्वारा इन्हें सहायता भी प्राप्त हो सकती है. अपनी योग्यता में सक्षम यह भागदोड़ करने में भी आगे रहते हैं.
"गुरूगत स्थिति का योगफल - भाग 1"
"गुरूगत स्थिति का योगफल - भाग 2"