विभिन्न ग्रहों का स्थान बल में प्रभाव | Effects of Strongly Placed Planets

वैदिक ज्योतिष के अनुसार कोई भी ग्रह मित्र राशि में, उच्चराशिस्थ, मूल त्रिकोण या स्वक्षेत्री होने से अधिक बल प्राप्त करता है. स्थान बल के अंतर्गत पांच प्रकार के बलों को शामिल किया गया है. जिसमें उच्च बल, सप्तवर्ग, ओजयुग्म बल, केन्द्र बल, द्रेष्काण बल आते हैं.

ग्रह को स्थान बल मिलने पर जातक धैर्यवान, स्थिर व शांत चित का होता है. अपने कामों में स्वतंत्रता की इच्छा रखने वाला होता है. स्वतंत्र व स्वावलंबी होता है. भाग्य का साथ पाता है और मित्रों के सहयोग से सुख को बनाए रखने में सफल रहता है.

स्थान बली ग्रहों का महत्व | Significance Of Strongly Placed Planets In A Horoscope

सूर्य | Sun

सूर्य के स्थान बली होने पर जातक को मित्र व बंधुओं से सहयोग व प्रेम की प्राप्ति होती है. कृषि व पशुधन का लाभ होता है. अच्छे संस्कारों की प्राप्ति होती है. व्यापार में व्यक्ति अच्छी प्रगति पाता है और अपने कार्यों में सम्मान की स्थिति देखता है. धन की प्राप्ति और राज्य से समान एवं सुख मिलता है. धर्माचरण करने वाला और आत्मा से पवित्र होता है.

स्थान बल से कमजोर होने पर जातक को आर्थिक हानि का सामना करना पड़ सकता है. पिता के लिए चिंता व तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. सरकार की ओर से सहायता में कमी रह सकती है तथा स्वास्थ्य में कमी झेलनी पड़ सकती है.

चंद्रमा | Moon

स्थान बली होने पर जातक को सुख की प्राप्ति मानसिक सुख की प्राप्ति होती है. कीर्ति फैलती है. जातक को कृषि या दुग्ध उत्पादों से लाभ मिलता है. वस्त्राभूषण व भोग पदार्थों की प्राप्ति होती है. माता का सुख बना ता है तथा अपने बंधुओं से प्रेम की प्राप्ति होती है. स्त्री का सुख मिलता है व सौभाग्य में वृद्धि होती है.

चंद्रमा का स्थान बल से हीन होने पर जातक को कृषि की हानि या अनाज की कमी झेलनी पड़ सकती है. मन:स्थिति बेचैन बनी रहती है. किसी न किसी कारण मन अशांत रहता है व तनाव की स्थिति से गुजरना पड़ सकता है. माता व स्त्री को कष्ट की अनुभूति हो सकती है. बंधु जनों से वाद-विवाद की स्थिति परेशान कर सकती है.

मंगल | Mars

मंगल के स्थान बली होने पर भूमि-भवन की प्राप्ति होती है. काम में सफलता मिलती है. साहस और बल में वृद्धि होती है. निर्भय होकर काम करता है. रक रूप में सहायक बनता है. अधिकारों से पूर्ण होता है तथा स्वतंत्र होकर अपने कार्यों को अंजाम देता है.

मंगल के स्थान बल से हीन होने पर अधिकार व पद की प्राप्ति में रूकावट आती है. साहस में कमी तथा अधिक परिश्रमी नहीं हो पाता है. अधिक उग्र तथा नीच कर्म की ओर प्रवृत्त रह सकता है.

बुध | Mercury

बुध के स्थान बली होने पर जातक को बौद्धिकता की प्राप्ति होती है वह विचारों से शील होता है तथा हंसमुख स्वभाव का होता है. मान प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है. उच्च पद व अधिकारों की प्राप्ति होती है. जातक धैर्यवान व उत्साही होता है. तर्क वितर्क करने में अग्रसर रहता है तथा अपने मत को सदैव आगे बढ़कर प्रस्तुत करने की चह रखता है.

स्थान बल से हीन होने पर जातक स्त्री व संतान की चिंता से ग्रस्त रह सकता है. बुद्धि कुतर्क में अधिक लग सकती है. समझ में कंइ आ सकती है. उचित-अनुचित का बोध नहीं कर पाता है. स्थान से दूर जाकर काम करता है अथवा पद से अवनती भी झेलनी पड़ सकती है.

गुरू | Jupiter

गुरू के स्थान बली होने पर जातक आशावादी बनाता है, सभी को साथ में लेकर चलने की चाह रखने वाला होता है. ज्योतिषी, वेदों और शास्त्रों का ज्ञाता होता है.जातक प्रसिद्धि, खुशहाली को पाता है. गुरू जनों का साथ मिलता है, विद्वता व सदगुणों में विकास होता है.जीवन में यश-कीर्ति पाता है. जातक को राजा तुल्य जीवन जीने का अवसर मिलता है. स्त्रियों से सुख व संतान दायक बनता है.

गुरू के स्थान बल में कमजोर होने पर धन सम्पत्ति की हानि, स्वास्थ्य में कमी, सहयोगियों से मनमुटाव की स्थिति उभर सकती है. आत्मविश्वास में कमी रहती है, फैसले लेने में संकोची होता है. ज्ञान में कमी अती है तथा व्यक्ति में समझ का दायरा सीमित रहता है. पैतृक संपति का विवाद झेलना पड़ सकता है.

शुक्र | Venus

शुक्र के स्थान बली होने पर जातक शारीरिक रूप से सुंदर और आकर्षक होता है. आभूषण, भौतिक सुख सुविधाओं की प्राप्ति में सहायक बनता है. जातक आराम पसन्द हो सकता है. प्रेम संबन्ध, इत्र, सुगन्ध, अच्छे वस्त्र, , नृ्त्य, संगीत, गाना बजाना, विलासिता का शौकिन होता है. पति- पत्नी का सुख मिलता है. कला के साथ जुड़े क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन करता है.

शुक्र के स्थान बल से हीन होने पर वैवाहिक जीवन अथवा प्रेम संबंधों में तनाव की स्थिति बनी रह सकती है. उत्पन्न कर सकते हैं. प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है. अनैतिक आचरण करने वाला हो सकता है. स्वयं को अधिक बेहतर समझने वाला होगा तथा दिखावे की प्रवृत्ति हो सकती है. भाग्य के भरोसे रहने वाला होता है. मिथ्याभाषी भी हो सकता है. संपत्ति के सद-उपयोग नहीं कर पाता है. वाहनों का सुख नहीं मिल पात है.

शनि | Saturn

शनि के स्थान बली होने पर सेवकों का सुख मिलता है. श्रमिक, चालक तथा निर्माण कर्ता के रुप प्रसिद्धि पाता है. जातक वकील, नेता का काम करने वाला तथा गुढ़ विद्याओं में रुचि रखने वाला बना सकता है.

शनि के स्थान बल से हीन होने पर जातक अपने कार्य क्षेत्र में पहले से अधिक प्रयास करने पड़ सकते हैं. लाभ प्राप्ति के लिए एक से अधिक बार परिश्रम करना पड़ सकता है. शिक्षा तथा कार्यक्षेत्र में अधिक परिश्रम करना पड़ सकता है. भाग्य साथ देने में थोडा़ अधिक समय लग सकता है. अचानक होने वाली घटनाएं हो सकती है. सुख को बनाए रखने के लिए आपको अधिक प्रयास करने पड़ सकते हैं.