कुण्डली के बलवान ग्रह बदल सकते हैं आपके जीवन की दिशा

बलिष्ठ लग्न दशा | Balishtha Lagna Dasha

शुभ स्वास्थ्य, प्रतिष्ठा, सम्मान, सरकार द्वारा अनुग्रहीत कराती है. मध्यम बल दशा सामान्य प्रभाव देने वाली होती है. लाभ मिश्रीत परिणामों से युक्त होंगे. बाधाओं और मानसिक अशांति को देने वाला हो सकता है और क्षीण लग्न दशा अत्यधिक मानसिक चिंता, धन हानी प्रदान करने वाली हो सकती है. परिश्रम की अधिकता के बावजूद भी लाभ की संभावना कम ही बनी रहती है. दशा परिणामों का अनुमान लग्न व लग्नेश की स्थिति अनुसार ही किया जा सकता है. यदि लग्न अथवा लग्नेश शुभ ग्रहों से दृष्ट हो तो दृष्ट परिणामों में भी न्यूनता के सूचक हैं तथा शुभ परिणाम अत्यंत शुभदायक सिद्ध होते हैं. अशुभ ग्रहों से लग्नेश युति अशुभ परिणाम दायक होती है.

सूर्य दशा | Surya (Sun) Dasha

सूर्य दशा यदि बलिष्ठ हो तो स्वास्थ्य, धन सम्मान की प्राप्ति होती है. मध्य दशा होने पर परिणाम मिश्रीत व समानता युक्त हो सकते हैं. परंतु क्षीण दशा होने पर तनाव, झगडे़, भ्रम की स्थिति, शत्रुओं द्वारा परेशानी, सरकार से मानहानी इत्यादि प्रभाव प्राप्त हो सकते हैं. तीसरे, छठे, दशम और एकादश भाव में सूर्य शुभ परिणामदायक होते हैं. इन भावों में क्षीण सूर्य भी मिश्रीत परिणामों का सूचक हो सकता है.

चन्द्र दशा | Chandra (Moon) Dasha

बलिष्ठ चन्द्र दशा अच्छे वस्त्र, संपदा, मान सम्मान, मानसिक सुख प्रदान करने में सहायक होती है. मध्यम दशा मित्रों से परेशानि या शत्रुवत्त व्यवहार देने वाली हो सकती है. क्षीण चंद्र दशा संबन्धों में अलगाव, धन हानी, कन्या सुख, मानसिक अवसाद का कारण बनता है.

मंगल दशा | Mangal (Mars) Dasha

शत्रुओं पर विजय, नेतृत्व और साहस की प्राप्ति होती है यदि बलिष्ठ मंगल दशा हो. मध्यम दशा होने पर प्रतिष्ठा में कमी का भय, धन व स्वास्थ्य में कुछ कमी बनी रह सकती है.पर यदि कमजोर मंगल दशा हो तो चोरी, झगडे़ बने रह सकते हैं. त्वचा या रक्त विकार हो सकता है. बल व नेतृत्व में कमी बनी रह सकती है. क्षीण मंगल दशा अगर तीसरे, छठे या एकादश भाव में शुभ परिणाम दे सकती है.

बुध दशा | Buddh (Mercury) Dasha

बलिष्ठ बुध दशा में बुद्धि, ज्ञान, पद प्राप्ति की पूर्ति होती है. मध्यम बल में मित्रों द्वारा सहायता मिल सकती है. लेखन संबंधी कार्यों में अच्छा कार्य होता है. क्षीण दशा में पीडा़, ध्यान की कमी, बुद्धि का दुर्योग होता है. स्थान परिवर्तन, दूर क्षेत्रों की यात्रा, गुप्त धन की हानी जैसे योग बनते हैं. छठे, आठवें और बारहवें भाव में कमजोर बुध अत्यधिक अशुभता नहीं देता.

बृहस्पति दशा | Brahaspati (Jupiter) Dasha

बलिष्ठ दशा में धन, सम्मान, प्रसिद्धि मिल सकती है. अधिकारियों द्वारा अनुग्रहीत, शत्रुनाश, स्वास्थ्य तथा मित्रों से सम्मान प्राप्ति होती है. मध्यम दशा होने पर शुभ संबंधों की प्राप्ति, अल्प परिश्रम से ही सफलता युक्त तथा खुशहाल होते हैं.  क्षीण दशा में दुख, संतान से दुख, नास्तिकता का भाव होता है. कान के रोग बोलने में दिक्कत जैसी परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं.

शुक्र दशा | Shukra (Venus) Dasha

बलिष्ठ शुक्र की दशा सुख व ऎशोराम की प्राप्ति होती होती है, मध्यम दशा होने पर मित्र व परिवार का सुख बना रहता है, परंतु क्षीण दशा धन की हानी, ज्ञान में कमी लाती है.

शनि दशा | Shani (Saturn) Dasha

बलिष्ठ शनि दशा सामाजिक कार्यों में सम्मान, सरकार से सम्मान, भूमि इत्यादि का सुख दिलाती है. मध्यम दशा होने पर पशुओं से लाभ मिलता है, सुरक्षा में चिंता का भाव होता है. अल्प दशा होने पर शत्रुओं से भय, रोग दरिद्रता व कष्ट की अनुभूति होती है.