मुन्था और विभिन्न ग्रहों का प्रभाव

मुन्था वर्षफल में उपयोग की जाती है. मुन्था में प्रत्येक ग्रह का अपना प्रभाव फलिभूत होता है. सभी ग्रह अपने अनुसार फल प्रदान करते हैं.

मुन्था सूर्य से युक्त | Muntha including Sun

यदि मुन्था सूर्य से प्रभवैत होती है तो जातक को शुभ स्थिति प्राप्त होती है. जातक शाररिक रुप से बलिष्ठ होता है उसे राज्य से सम्मान की प्राप्ति होती है तथा राजनीतिक सफलता मिलती है. परंतु यदि सुर्य पीड़ित हो तो परिणाम इसके विपरित हो सकते हैं.

मुन्था चंद्रमा से युक्त | Muntha including Moon

चम्द्रमा द्वारा मुन्था प्रभावित होने पर धन सम्रद्धि की प्राप्ति होती है. सामाजिक जीवन तथा संबंधों में सुख की अनुभूति मिलती है. लेकिन यदि चंद्रमा पिड़ित हो तो मानसिक अशांति और अवसाद कि स्थिति प्रभावित कर सकती है.

मुन्था मंगल से युक्त | Muntha including Mars

मुन्था मंगल से प्रभवित होने पर दुर्घटना की स्थिति उत्पन्न कर सकती है इस दौरान शल्य चिकित्सा का भय भी सता सकता है तथा शस्त्रों से क्षति का सामना करना पड़ सकता है.

मुन्था बुध युक्त | Muntha including Mercury

बुध से युक्त होने पर व्यक्ति को कला तथा व्यवसाय में सफलता प्राप्त हो सकती है. व्यक्ति का मन हास्य विनोद में रमा रह सकता है. परंतु यदि मुन्था अशुभ ग्रहों से प्रभावित होगी तो हानि का सामना अधिक करना पड़ सकता है.

मुन्था बृहस्पति से युक्त | Muntha including Jupiter

गुरु से युक्त मुन्था संतान सुख, सफलता, प्रसिद्धि प्रदान करने वाली होती है.

शुक्र से युक्त मुन्था | Muntha including Venus

मुन्था शुक्र से युक्त होने पर विवाह का सुख तथा स्त्री से सुख एवं सहयोग प्रदान करने वाली होती है.

शनि से युक्त मुन्था | Muntha including Saturn

निराशा, शोक , संघर्ष की स्थिति देने वाली होती है, इस दौरान सम्मान एवं प्रतिष्ठा में कमी तथा शाररिक कष्ट का अनुभव हो सकता है.

राहु युक्त मुन्था | Muntha including Rahu

मुन्था यदि रहु के मुख में हो तो अच्छे प्रभाव देने वाली मानी जाती है और इसके साथ ही साथ यदि यह शुभ ग्रहों जैसे गुरू ओर शुक्र से युक्त हो तो धन तथा सम्मान देने वाली हो सकती है. परंतु यदि मुन्था राहु के पिछले भाग में स्थित हो तो संकट एवं देरी को दर्शाने वाली हो सकती है.

केतु से युक्त मुन्था | Muntha including Ketu

केतु से युक्त मुन्था शुभता में कमी लाती है. यह मानसिक तनाव तथा हानि को दर्शाती है.

मुन्था और मुन्थे से संबंधित विवेचन | Other points of discussion related to Muntha

जन्म कुण्डली में तथा वर्ष कुण्डली में यदि मुन्थेश एक राशि में स्थित हों तथा यह पीड़ित न हो तो वर्ष के आरंभ तथा अंत में अच्छे शुभ परिणाम प्राप्त हो सकते हैं.

यदि मुन्थेश लग्न से चौथे, आठवें अथवा बारहवें भाव में स्थित हो और इसके साथ ही साथ अशुभ ग्रहों द्वारा प्रभावित हो तो जातक को रोग तथा आर्थिक हानि प्रदान कर सकने वाली हो सकती है.

यदि मुन्थेश अष्टमेश से युक्त अथवा प्रभावित हो तो परिणाम अशुभता से भरे हो सकते हैं. मुन्थेश से रोग होने का पता लगाया जा सकता है. यदि मुन्थेश का संबंध छठे, लग्न अथवा आठवें भाव से हो रहा हो तो रोग से कष्ट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है.

जन्म कुण्डली में मुन्था यदि शुभ ग्रहों से युक्त अथवा प्रभवित हो तथा उक्त वर्ष कुण्डली में यह शुभ ग्रहों के प्रभाव से पूर्ण न हो तो वर्ष का पूर्वार्द्ध शुभ फलों को देने वाला हो सकता है. परंतु यदि वर्ष कुण्डली में मुन्था अथवा मुन्थेश शुभ ग्रहों से संबंधित हो तो शुभ परिणाम वर्ष के उत्तरार्द्ध में प्राप्त हो सकते हैं.