शुक्र ग्रह और ज्योतिष

ज्योतिष के अनुसार कुण्डली में शुक्र ग्रह की शुभ स्थिति जीवन को सुखमय और प्रेममय बनाती है तो अशुभ स्थिति चारित्रिक दोष एवं पीड़ा दायक होती है. शुक्र के अशुभ होने पर व्यक्ति में चारित्रिक दोष उत्पन्न होने लगते हैं. व्यक्ति बुरी आदतों का शिकार होने लगता है.

शुक्र के अशुभ होने पर वैवाहिक जीवन में कलह की स्थिति उत्पन्न होने लगती है और इस कलह से अलगाव या तलाक की नौबत भी आ सकती है. जीवन में धन संपत्ति, सुख - साधन सभी वस्तुओं के होने पर भी आप इन सभी के उपभोग का सुख न ले पाए तो यह भी शुक्र के खराब होने के लक्षण हो सकते हैं.

परिवार में रिश्तों के मध्य टकराव की स्थिति आ रही हो या सास और बहु के संबंधों में सदैव कलह होता रहे यह सभी कुछ शुक्र अशुभ होने की निशानियाँ हो सकती है. परिवार में स्त्री के कारण किसी भी प्रकार से धन की हानि हो रही हो तो यह भी खराब शुक्र के लक्षण को दर्शाता है.

व्यक्ति को वैवाहिक जीवन का सुख न मिल पाए, पति-पत्नी के संबंधों में मधुरता न रहे या दोनों में से किसी की कमी उनकी इच्छा की पूर्ति करने में सक्षम न हो रही हो तब शुक्र का ही अशुभ प्रभाव हो सकता है. स्त्री को गर्भाश्य से संबंधित रोग परेशान करें या संतति संबंधी परेशानि हो तो यह भी शुक्र की अशुभता का संकेत देते हें.

शुक्र के बुरे प्रभाव के कारण व्यक्ति के जीवन में भी बदलाव देखा जा सकता है. उसके व्यवहार में चालबाजी, धोखेबाजी जैसे अवगुण उभरने लगते हैं तथा वह उसकी कथनी और करनी में अंतर आ सकता है. शुक्र के पीड़ित होने के कारण व्यक्ति गुप्त रोगों से पीड़ित होने लगता है. उसकी अपनी गलतियां या अनैतिक कार्यों द्वारा वह अपनी सेहत खराब भी कर सकता है.

शुक्र के अशुभ होने के कारण व्यक्ति कम उम्र में ही नशे की लत या रोगों का शिकार होने लगता है उसके अंदर नशाखोरी एवं गलत कार्यों द्वारा होने वाले रोग उत्पन्न होने लगते हैं. जब कोई व्यक्ति अपना दोहरा व्यक्तित्व अपना लेता है अर्थात दोहरी जिंदगी जीने लगता है तब यह शुक्र के अशुभ होने के लक्षण होते हैं.

शुक्र को शुभ करने के उपाय | Remedies for an inauspicious Venus

शुक्र की अशुभता दूर करने के लिए सामर्थ्य अनुसार रुई और दही को मंदिर में दान करना चाहिए.शुक्र को शुभ करने के लिए आप को गाय को हरा चारा खिलाना चाहिए और सच्चे मन एवं श्रद्धा भाव के साथ उसकी सेवा करनी चाहिए.

स्त्री एवं अपनी पत्नी का कभी भी अपमान या निरादर नहीं करना चाहिए उन्हें सदैव आदर और सम्मान देने का प्रयास करना चाहिए. चांदी से बनी ठोस गोली सदैव अपने पास रखा करें ऎसा करने से शुक्र की शुभता में इजाफा होगा.

शुक्र की शुभता के लिए शुक्रवार का व्रत करना चाहिए तथा नियमित रुप से मंदिर में जाकर माथा टेकना चाहिए.

मन और हृदय पर काबू रखना चाहिए और भटकाव की ओर जाने से रोकना चाहिए. शुक्र के सम्बन्ध में मन और इन्द्रियों को नियंत्रित रखने पर विशेष बल देता है. गाय को हरी चरी खिलानी चाहिए इससे शुक्र की अशुभता में कमी आएगी. गाय का पीला घी मंदिर में दान करने से भी शुक्र को बल मिलता है.