मंत्र जाप से राशि के दोष दूर कैसे करें. आईये देखें
ज्योतिष के अनुसार सभी बारह राशियों की अपनी कुछ विशेषता होती है. उसी के अनुसार उस राशि के मंत्र भी होते हैं. प्रत्येक व्यक्ति अपनी राशि के स्वामी को प्रसन्न करने के लिए एक विशिष्ठ मंत्र का जाप किया जाता है. ग्रहों का मानव जीवन पर काफी प्रभाव पडता है, ज्योतिष में राशि का निर्धारण जन्म के समय चंद्रमा की स्थिति से निर्धारित होता है. इसके अनुसार मेष राशि, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ और मीन राशि का निर्माण होता है.
राशि अक्षर | Alphabets associated with signs
मेष राशि - चू,चे,चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ.
वृष राशि- ई, उ,ए, ओ, वा,वी, वू,वे, वो.
मिथुन राशि - का, की, कू,घ,ड,छ,के, को, ह.
कर्क राशि - ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू,डे,डो.
सिंह राशि- मा, मी,मू,मे,मो,टा,टी, टू, टे.
कन्या राशि- टो,प,पी, पू,ष,ण,ठ,पे, पो.
तुला राशि - रा, री, रू,रे, रो, ता,ती, तू, ते.
वृश्चिक राशि - तो, ना, नी,नू,ने, नो, या, यी,यू.
धनु राशि - ये, यो, भ,भी, भू, ध,फ,ढ,भे.
मकर राशि- भो,जा, जी, खी,खू,खे, खो, ग,गी.
कुंभ राशि - गू, गे,गो, सा, सी, सू,से, सो, द.
मीन राशि - दी, दू,थ,झ,ञ,दे, दो, चा,ची अक्षर आते हैं.
राशि मंत्र | Rashi Mantra
मेष : ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीनारायण नम:
वृषभ : ॐ गौपालायै उत्तर ध्वजाय नम:
मिथुन : ॐ क्लीं कृष्णायै नम:
कर्क : ॐ हिरण्यगर्भायै अव्यक्त रूपिणे नम:
सिंह : ॐ क्लीं ब्रह्मणे जगदाधारायै नम:
कन्या : ॐ नमो प्रीं पीताम्बरायै नम:
तुला : ॐ तत्व निरंजनाय तारक रामायै नम:
वृश्चिक : ॐ नारायणाय सुरसिंहायै नम:
धनु : ॐ श्रीं देवकीकृष्णाय ऊर्ध्वषंतायै नम:
मकर : ॐ श्रीं वत्सलायै नम:
कुंभ : ॐ श्रीं उपेन्द्रायै अच्युताय नम:
मीन : ॐ क्लीं उद्धृताय उद्धारिणे नम:
वैदिक ज्योतिष में मंत्रों का महत्व बहुत प्रभावशाली तरह से व्यक्त किया गया है. सभी राशियों के लिए कुछ मंत्र दिए गए हैं. इन मंत्रों के माध्यम व्यक्ति स्वयं को अनेक संकटों से लड़ने की शक्ति को पाता है. मंत्रों का सही उच्चारण और मन में सच्ची आस्था के साथ ही इन राशि मंत्रों का जाप शांति और संतोष प्रदान करने में सहायक होता है.
ग्रहों और राशि के अनुरुप यदि कोई भी व्यक्ति अपनी राशि के अनुसार उससे मंत्रों का जाप किया जाए तो व्यक्ति को अपनी अनेक समस्याओं और परेशानियों से काफी हद तक तक मुक्ति मिल सकती है. मंत्र पाठ से व्यक्ति हर प्रकार के संकट से मुक्त और आर्थिक संपन्नता को पाता है. राशि-मंत्र का नित्य 108बार जप करने से मंत्र सिद्धि में सहायता मिलती है. इसकी ऊर्जा द्वारा विकास का मार्ग प्रशस्त होता है.