जानिये कि योनि मिलान क्यों जरूरी है
योनियाँ चौदह प्रकार की होती है और दो नक्षत्रों को एक योनि के अन्तर्गत रखा गया है.
नक्षत्र के आधार पर योनियों का वर्गीकरण | Classification of Yoni on the basis of Nakshatra
योनि | नक्षत्र |
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अश्व | अश्विनी, शतभिष |
गज | भरणी, रेवती |
मेष | पुष्य, कृतिका |
सर्प | रोहिणी, मृ्गशिरा |
श्वान | मूल, आर्द्रा |
मार्जार | आश्लेषा, पुनर्वसु |
मूषक | मघा, पूर्वाफाल्गुनी |
गौ | उत्तरा फाल्गुनी, उत्तराभाद्रपद |
महिष | स्वाती, हस्त |
व्याघ्र | विशाखा, चित्रा |
मृग | ज्येष्ठा, अनुराधा |
वानर | पूर्वाषाढ़ा, श्रवण |
नकुल | उत्तराषाढ़ा, अभिजीत |
सिंह | पूर्वाभाद्रपद, धनिष्ठा |
उपरोक्त सभी 28 योनियों का परस्पर संबंध पाँच प्रकार से होता है.
स्वभाव योनि | Swabhava Yoni
स्वभाव योनि का अर्थ है वर तथा कन्या की योनि एक है. यदि दोनों की योनि एक ही है तब विवाह को शुभ माना गया है.
मित्र योनि | Friend Yoni
मित्र योनि में विवाह होने पर भी वैवाहिक संबंध मधुर रहते हैं.
उदासीन अथवा सम योनि | Neutral Yoni
यदि लड़के तथा लड़की की कुण्डली में दोनों की योनियाँ परस्पर उदासीन स्वभाव की हैं तब वैवाहिक संबंध औसत ही रहते हैं.
शत्रु योनि | Opposite Yoni
यदि वर तथा कन्या की परस्पर योनियाँ शत्रु स्वभाव की हैं तब इसे वैवाहिक संबंधों के लिए अशुभ माना जाता है.
महाशत्रु योनि | Enemy Yoni
वर तथा कन्या कि योनियों में महाशत्रुता होने पर यह दोनों के लिए अशुभ मानी गई है. इससे दाम्पत्य जीवन में वियोग तथा कष्टों का सामना करना पड़ सकता है.
योनि मिलान के अंक |Points for Yoni Milan
योनि मिलान, योनि दोष या योनि कूट को कुल 4 अंक प्रदान किए गये हैं.
- वर तथा कन्या की एक योनि होने पर 4 अंक
- वर तथा कन्या की मित्र योनि होने पर 3 अंक
- वर तथा कन्या की सम योनि होने पर 2 अंक
- वर तथा कन्या की शत्रु योनि होने पर 1 अंक
- वर तथा कन्या की महाशत्रु योनि होने पर 0 अंक
योनि मिलान को वर तथा वधु की कुण्डली मिलान के लिए तो हम लेते ही हैं इसे साझेदारी का काम करने वाले दो लोगों के लिए भी लिया जा सकता है. मालिक तथा नौकर के आपसी संबंध कैसे रहेगें इसका आंकलन भी योनि मिलान से किया जा सकता है. जिन व्यक्तियों की योनि सम होती है उन लोगों की मनोवृत्ति भी समान ही होती है. कई बार तो यह भी देखा गया है कि उनके जीवन के मूल्य तथा उनकी रुचियाँ भी एक सी ही हैं.
योनि दोष का परिहार | Effects of Yoni Dosha
- यदि किन्ही दो व्यक्तियों की कुण्डलियों में योनि दोष मौजूद है तो उनका यह दोष स्थगित हो सकता है बशर्ते कि दोनों के राशि स्वामी मित्र ग्रह हों या मित्र की तरह व्यवहार करते हों.
- यदि वर तथा वधु की कुण्डलियों के राशि स्वामी एक ही ग्रह है तब भी योनि दोष का परिहार हो जाता है.
- यदि वर तथा कन्या के नवांश स्वामी भी आपस में मित्र हैं तब भी योनि दोष कैंसिल हो जाता है.
- वर तथा वधु की कुण्डलियों में भकूट दोष नहीं है तब भी योनि दोष का परिहार हो जाता है.
- वश्य शुद्धि अर्थात वश्य मिलान होने पर भी यह दोष कैंसिल हो जाता है.