प्रश्न कुण्डली में लग्न, चन्द्र तथा नवाँश की भूमिका अहम मानी जाती है. प्रश्न कुण्डली में लग्न को पुष्प माना गया है. प्रश्न कुण्डली में चन्द्र को बीज की संज्ञा दी गई है. नवाँश कुण्डली में प्रश्न का स्वाद बताया गया है.
वर्ष कुण्डली में ताजिक योगों का उपयोग किया जाता है. वर्ष फल में इन योगों का विश्लेषण करना अत्यंत आवश्यक होता है. बिना ताजिक योगों के वर्ष कुण्डली का अध्ययन अधूरा होता है. कार्य की सिद्धि होगी अथवा नहीं होगी यह ताजिक
इत्थशाल योग का उपयोग ताजिक शास्त्र में देखा जा सकता है. ताजिक ज्योतिष वर्ष फल बताने की एक पद्धति है. इत्थशाला योग का ताजिक ज्योतिष में महत्वपूर्ण स्थान है. इत्थशाला शब्द का अर्थ है अवश्य संभावी अर्थात निश्चित सीमा तक
प्रश्न कुण्डली व्यक्ति द्वारा पूछे प्रश्न पर आधारित होती है. जिस समय किसी व्यक्ति विशेष द्वारा कोई प्रश्न किया जाता है उसी समय की एक कुण्डली बना ली जाती है. इसे ही प्रश्न कुण्डली कहा गया है. प्रश्न कुण्डली द्वारा यात्रा
मुन्था वर्षफल में उपयोग की जाती है. मुन्था में प्रत्येक ग्रह का अपना प्रभाव फलिभूत होता है. सभी ग्रह अपने अनुसार फल प्रदान करते हैं. मुन्था सूर्य से युक्त | Muntha including Sun यदि मुन्था सूर्य से प्रभवैत होती है तो
वर्ष कुण्डली में मुंथा का अत्यधिक उपयोग किया जाता है. जन्म कुण्डली में मुन्था सदैव लग्न में स्थित रहती है और प्रत्येक वर्ष मुंथा एक राशि आगे बढ़ जाती है. मुंथा नवग्रहों के समान ही महत्व रखती है. मुंथा विचार द्वारा