ज्योतिष में मंगल एक विशेष प्रभावी ग्रह है, जो अग्नि तत्व युक्त है और साहस पराक्रम का कारक बनता है. मंगल अगर प्रबल हो तो व्यक्ति चुनौतियों से कैसे निपटता है और लक्ष्य कैसे प्राप्त करता है यह बातें वह बहुत अच्छे से जान
जैमिनी ज्योतिष द्वारा प्रेम संबंधों को समझने के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियम दिए गए हैं जिन्हें समझकर हम कुण्डली को पढ़ने की समझ रख सकते हैं. प्रेम संबंधों को समझने के लिए लग्न और उसकी स्थिति को ध्यान में रखने की आवश्यकता
प्राचीनतम विद्याओं में बहुत सी गूढ़ विद्याओ का उल्लेख मिलता है. जिनमें वैदिक ज्योतिष का महत्व सबसे मुख्य माना जाता है. इसके अतिरिक्त कृष्णमूर्ति, लाल किताब, हस्तरेखा, अंक शास्त्र आदि अनेको विद्याएँ हैं जिनके द्वारा हम
मंगल के भिन्नाष्टकवर्ग द्वारा कुण्डली का अध्ययन करके जातक को मंगल के शुभाशुभ प्रभावों को बताया जा सकता है. मंगल के भिन्नाष्टकवर्ग द्वारा प्राप्त अंकों से जातक की अनुकूल और विपरित परिस्थितियों को समझने का पूर्ण प्रयास
चंद्रमा के भिन्नाष्टकवर्ग द्वारा जातक के शुभाशुभ फलों के बारे में बताया जा सकता है. कुण्डली में 4 बिन्दुओं के साथ स्थित चंद्रमा औसत स्तर का फल देने वाला बनता है. परंतु यदि यह 5 से 8 बिन्दुओं के साथ हो तो जातक को जीवन
सर्वाष्टकवर्ग में मंडल शोधन करने के पश्चात त्रिकोण शोधन करना होता है. जन्म कुण्डली में स्थित बारह राशियों को अग्नि, पृथ्वी, वायु और जल के आधार पर चार वर्गों में विभाजित किया जाता है. इस तरह से हर एक वर्ग में तीन-तीन
ज्योतिष में कई प्रकार की विवेचना से आप यह जान सकते हैं कि सेहत में होने वाले बदलाव किस प्रकार आपको प्रभावित कर सकते हैं ओर आपके साथी को कौन सी स्वास्थ्य से संबंधित परेशानी आपके तनाव क अकारण बन सकती है इसी में जैमनी
महर्षि पराशर के अनुसार जीवन में होने वाली घटनाओं का आंकलन करने के लिए जन्म कुण्डली महत्वपूर्ण साधन है. कुण्डली से ज्ञात होता है कि विभिन्न समयों में, ग्रहों की युति और स्थिति के अनुसार व्यक्ति विशेष को किस प्रकार का
राजयोग को उत्तम योग माना गया है. यह बहुत ही दुर्लभ योग होता है जो भाग्यशाली व्यक्तियों की कुण्डली में पाया जाता है या यूं कह सकते हैं कि जिनकी कुण्डली में यह योग बनता है वह भाग्यशाली होते हैं. इस योग के विषय में जैमिनी
प्रत्येक राशि और ग्रह अपनी स्थिति और प्रकृति के अनुसार दूसरी राशियों और ग्रहों पर दृष्टि डालते हैं. इस दृष्टि का शुभ और अशुभ प्रभाव व्यक्ति को ग्रहों व राशियों की शुभता और अशुभता के अनुरूप प्राप्त होता है, इसे ही अर्गला
जैमिनी ज्योतिष में राशियों पर ग्रहों की दृष्टि को काफी महत्वपूर्ण माना गया है. इस ज्योतिष विधि में कहा गया है कि किसी व्यक्ति के भविष्य कथन में ग्रहों की दृष्टि को महत्वपूर्ण कारक के रूप में देखना चाहिए. जैमिनी ज्योतिष
जैमिनी ज्योतिष शास्त्र ज्योतिष शास्त्र के ग्रंथों में एक प्रमुख भूमिका निभाता है. जैमिनी ज्योतिष महर्षि जैमिनी की देन है. जैमिनि ज्योतिषशास्त्र ऐसा ज्ञान है जो भूत, भविष्य और वर्तमान तीनों कालों को देखने की क्षमता रखता