Articles in Category Transit
गण्डमूल नक्षत्र 2025
27 नक्षत्रों में से छ: नक्षत्र ऎसे हैं जिन्हें गंडमूल नक्षत्र कहा जाता है. यह नक्षत्र दो राशियों की संधि पर होते हैं, एक नक्षत्र के साथ ही राशि भी समाप्त होती है और दूसरे नक्षत्र के आरंभ के साथ ही
वर्ष 2025 में कब लगेगा पंचक
पंचक का अर्थ है - पांच, पंचक चन्द्रमा की स्थिति पर आधारित गणना हैं. गोचर में चन्द्रमा जब कुम्भ राशि से मीन राशि तक रहता है तब इसे पंचक कहा जाता है, इस दौरान चंद्रमा पाँच नक्षत्रों में से गुजरता है.
जानिए जनवरी के शुभ विवाह मुहूर्त कौन से हैं
हिन्दूओं में शुभ विवाह की तिथि ज्ञात करने के लिये वर-वधू की जन्म राशि का प्रयोग किया जाता है. वर या वधू का जन्म जिस चन्द्र नक्षत्र में हुआ होता है, उस नक्षत्र के चरण में आने वाले अक्षर को भी विवाह की
साल 2025 में जानिए विवाह के लिए शुभ और अशुभ समय
विवाह के लिए शुभ समय और शुभ मुहूर्त को बहुत ध्यान के साथ करना चाहिए. विवाह मुहूर्त के लिए कई बातों का ध्यान रखने की आवश्यकता पड़ती है और बेहतर रुप से ज्योतिष गणना के द्वारा मुहूर्त शास्त्र एवं विवाह
राहु-केतु का राशि परिवर्तन । Rahu Ketu Transit 2024 | Change in Signs of Rahu-Ketu 2024
राहु-केतु का 2024 में राशि परिवर्तन होगा. राहु केतु का राशि में प्रवेश जब भी किसी राशि में होगा तो वह सभी राशियों पर खास रुप से असर डालने वाला होता है. राहु और केतु जब भी जिस राशि में प्रवेश करते हैं
गुरू का धनु राशि में गोचर कैसा रहेगा ? । Transit of Jupiter In Sagittarius Sign । Jupiter transit in sagittarius 2019
गुरु (बृहस्पति) 29 मार्च 2019 को धनु राशि में प्रवेश करेंगे. गुरू वृश्चिक राशि से अब धनु में गोचर करेंगे. देव गुरु बृहस्पति 10 अप्रैल 2019 को वक्री होंगे. 22 अप्रैल 2019 को वक्री अवस्था में एक बार
सर्वार्थ सिद्धि योग करता है आपके सभी कार्य सिद्ध
ज्योतिष में मुहूर्त एक ऎसा विषय है जो व्यक्ति के जीवन पर बहुत अधिक प्रभाव डालने वाला होता है. एक शुभ मुहूर्त्त आपके किसी भी अटके हुए काम और रुके हुए काम को आगे बढ़ाने में बहुत ही सहायक होता है. कहीं
जानिए, अमृत सिद्धि योग क्या होता है और साल 2025 में कब-कब देगा शुभ फल
हम सभी चाहें जो भी काम करने का सोचें उसमें सफलता की इच्छा भी हमारे भीतर उस समय के साथ ही बढ़ने लगती है. हम सदैव यही चाहते हैं की हमारे सभी काम सफल रहें और उनके पूरा होने में हमारे सामने कम से कम
द्विपुष्कर और त्रिपुष्कर योग 2025 । Dwipushkar and Tripushkar Yoga Dates in 2025
काम की शुभता और उस शुभता में वृद्धि की इच्छा हम सभी के भीतर रहती है. कोई भी काम जो अच्छा हो मन को भाए और उससे जीवन में सुख एवं मांगल्य का वास हो, तो हम चाहेंगे की वह कार्य हमारे जीवन में बार-बार घटित
क्यों होते हैं ग्रह वक्री, जानिये 2024 में ग्रहों के वक्री-मार्गी का समय
ज्योतिष में ग्रहों में होने वाले बदलाव की छोटी से छोटी घटना का भी बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ता है. ग्रहों के प्रभाव को बारीकी से समझने के लिए उनकी हर-पल की खबर होना अत्यंत आवश्यक होता है. ऎसे में किसी
क्या होता है यमघंटक योग ? 2025 यमघंटक योग की डेट
ज्योतिष में कुछ योगों को अशुभ योगों की श्रेणी में रखा गया है जैसे कक्रय योग, दग्ध योग, कुलिक योग और यमघण्टक इत्यादि योग. यह योग शुभ-मंगल कार्यों को करने के लिए त्याज्य माने जाते हैं अत: शुभ कामों को
2025 में सूर्य संक्रांति का समय और कब करें दान-पूजा (पुण्यकाल)
सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना संक्राति कहलाता है. संक्रान्ति को हिन्दू पंचांग में सूर्य राशि परिवर्तन समय कहा जाता है. इस समय के दौरान बहुत से धार्मिक कृत्य भी किए जाते हैं. 12
जानें, पूर्णिमा व्रत की महिमा और पूजा मुहूर्त समय
श्री सत्यनारायण व्रत कथा को मुख्य रुप से पूर्णिमा तिथि पर संपन्न किया जाता है. इसके अतिरिक्त किसी भी शुभ कार्य को आरंभ करने हेतु भी श्री सत्यनारायण भगवान की कथा का श्रवण किया जाता है. मान्यथा है कि
वर्ष 2022 पंचांग व्रत और त्यौहार
नववर्ष के आरंभ के साथ ही आरंभ होता है एक बार फिर से व्रत और त्यौहारों के पुनरागमन का समय होता है. इस वर्ष 2021 में आने वाले व्रत और त्योहारों का एक विस्तृत रुप हमें देखने को मिलेगा और ये व्रत और
शुभ विवाह मुहूर्त दिसंबर 2022
हिन्दूओं में शुभ विवाह की तिथि ज्ञात करने के लिये वर-वधू की जन्म राशि का प्रयोग किया जाता है. वर या वधू का जन्म जिस चन्द्र नक्षत्र में हुआ होता है, उस नक्षत्र के चरण में आने वाले अक्षर को भी विवाह की
कैसे और कब बनता है यमघंटक योग : एक अशुभ योग
कुछ अशुभ योगों की गिनती में यमघंटक योग का नाम भी आता है. यह वह योग है जो अच्छे कार्यों में त्याज्य होता है. इस योग में व्यक्ति के किए गए शुभ कार्यों में असफलता की संभावना बढ़ जाती है. ज्योतिष में
गुरु का मकर, कुम्भ और मीन राशि में होने पर ये होगा असर
मकरगत गुरू का योगफल | Jupiter Aspecting Capricorn मकरगत गुरू के होने पर गुरू अपनी निर्बल स्थिति में होता इस स्थिति में गुरू के फल को पूर्ण रूप से बली नहीं माना जाता है. यहां गुरू की स्थिति के कारण
कब मिलते हैं गोचर के शुभ-अशुभ फल जानें इसे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
जन्म कुंडली में किसी घटना के होने में दशाओं के साथ गोचर के ग्रहों की भूमिका भी महत्वपूर्ण होती है. यदि जन्म कुंडली में दशा अनुकूल भावों की चल रही है लेकिन ग्रहों का गोचर अनुकूल नहीं है तब व्यक्ति को
क्या आपका भी सूर्य गुरु या शनि की राशि में है ?: जाने इसका प्रभाव
आज हम सूर्य की स्थिति को धनु, मकर, कुंभ तथा मीन राशियों में देखेगें. इन चारों राशियों में सूर्य के क्या फल व्यक्ति को मिलते हैं इस बात पर चर्चा की जाएगी. सूर्य की धनु राशि में विशेषता |
कुंडली से जानिए कब जा सकते हैं विदेश यात्रा के लिए
वर्तमान समय में हर व्यक्ति विदेश यात्रा करने का इच्छुक है लेकिन कितने लोग जा पाते हैं यह एक भिन्न बात हो जाती है. जिनकी कुंडली में विदेश यात्रा के योग होते हैं,संबंधित दशा व गोचर भी अनुकूल होने पर वह