Articles in Category Rashi

राहु - चंद्रमा का मीन राशि में गोचर फल

राहु के साथ चंद्रमा का गोचर मीन राशि पर होने के विभिन्न फल प्राप्त होते हैं. इसका असर मीन राशि के अलावा अन्य राशियों पर भी गहराई से पड़ता है. राहु एक पाप ग्रह है चंद्रमा एक शुभ ग्रह है और मीन राशि एक

कन्या राशि में केतु का राशि प्रवेश 2024

केतु का गोचर एक बेहद महत्वपूर्ण समय होता है क्योंकि इनका असर जीवन में होने वाले बदलावों की स्थिति पर असर दिखाता है. वैदिक ज्योतिष के अनुसार, केतु किसी व्यक्ति की कुंडली में बहुत महत्व रखता है, कुंडली

कुंभ राशि में शनि के अस्त होने का प्रभाव

शनि का गोचर या स्थिति जब कुंभ राशि में अस्त होती है तो इसका असर काफी धीमे रुप से मिलने वाले परिणाम के रुप में दिखाई देता है. कुंभ राशि शनि की स्वराशि है ओर यह शनि के स्वामित्व की मूलत्रिकोण राशि भी

मेष राशि में सूर्य - बृहस्पति का योग और सभी राशियों के लिए उसका फल

सूर्य के साथ बृहस्पति के मेष राशि में गोचर का प्रभाव सभी राशियों पर नकारात्मक और सकारात्मक दोनों तरह का रहता है. यह गोचर कुछ राशि के लिए अच्छे परिणामों को देने वाला होगा ओर कुछ को कमजोर कर देने वाला

मेष राशि में राहु और गुरु की युति गोचर का विभिन्न राशियों पर प्रभाव

राहु के साथ गुरु का योग मेष राशि में जब गोचर के लिए होता है तब इस स्थिति में बदलाव और बौद्धिक ज्ञान में नए विचारों के साथ जानकारी बढ़ाने की स्थिति भी हमारे सामने होती है. वैदिक ज्योतिष में राहु एक

मेष राशि में सूर्य-राहु का गोचर और सभी राशियों पर इसका असर

मेष राशि में सूर्य और राहु का योग कई तरह के असर दिखाने वाला समय होता है. किसी भी युति का निर्माण तब होता है जब दो या दो से अधिक ग्रह एक दूसरे के निकट होते हैं. या वह एक राशि भाव में स्थित होते हैं.

बुध का राहु के साथ मेष राशि में गोचर 2023

बुध के मेष राशि में राहु के साथ होने की स्थिति अचानक होने वाले बदलावों को दिखाने वाली होती है. बुध और राहु का मेष राशि में गोचर अचानक से चीजों को घटित करने के लिए ऊर्जा की अधिकता देखने को मिलती है.

वक्री शुक्र का मेष राशि में गोचर का असर

शुक्र का मेष राशि में गोचर करना उसके परिभ्रमण का एक हिस्सा है, किंतु जब भ्रमण की इस स्थिति पर वक्रता का प्रभाव पड़ता है तो यह अपने प्रभाव में कई तरह के बदलाव दिखाता है. शुक्र के मेष राशि में होने का

मीन राशि में बृहस्पति अस्त होने का प्रभाव

वर्तमान में मीन राशि में स्थित बृहस्पति अब एक बार पुन: गोचर में अस्त होने वाले हैं. बृहस्पति का अस्त होना गोचर एवं आध्यात्मिक दोनों ही पहलुओं से काफी विशेष माना जाता है. गुरु की स्थिति को अत्यंत शुभ

मंगल का विभिन्न राशियों में फल

मंगल उत्साह और साहस का ग्रह है. यह जिस राशि में होता है उस राशि के साथ जुड़कर अपना फल देता है. मंगल की स्थिति जीवन में व्यक्ति को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है. व्यक्ति अपने जीवन के संकल्पों एवं

बुध का मीन राशि में गोचर 2024

07 मार्च 2024 को बुध का मीन राशि में गोचर होना तय है. यह विभिन्न राशियों के जातकों के जीवन में बड़े बदलाव ला सकता है. बुध एक व्यक्तिगत ग्रह है जो हमारे व्यक्तित्व का प्रतीक हैं, बुध हमारे व्यवहार को

शुक्र का मेष राशि गोचर

शुक्र नई ऊर्जा और नई चीजों को बनाने का मौका देने के अलावा, लक्ष्यों को प्राप्त करने के तरीके में साहस को लाता है. 12 मार्च 2023 को शुक्र का गोचर मेष में होगा. मेष से पूर्व शुक्र जहां अपनी उच्च राशि

मकर राशि में शुक्र का गोचर फल 2024

वैदिक ज्योतिष पंचांग अनुसार शुक्र का प्रभाव धनु राशि से निकल कर मकर राशि में होगा और यह प्रवेश 2024 में काफी महत्वपूर्ण होगा क्योंकि मकर राशि में शनि के साथ मंगल का युति संबंध हो रहा है और अब शुक्र

सूर्य का कुम्भ राशि में गोचर

सूर्य गोचर समय 13 फरवरी 2023, को होगा इस समय गोचर 09:44 सुबह के समय पर होगा. सूर्य का कुम्भ राशि में गोचर 13 फरवरी की प्रात:काल में प्रवेश होगा. मकर राशि से निकल कर कुंभ में सूर्य का प्रवेश शनि की

मंगल का कर्क राशि गोचर, पराक्रम और प्रयास में कमी का समय

मंगल का कर्क राशि में प्रवेश विशेष होगा. इस समय मंगल अपनी नीचस्थ राशि में प्रवेश करेंगे. ज्योतिष में कर्क राशि में मंगल का बल कम हो जाता है. इस स्थान पर मंगल को नीच का मंगल माना गया है. मंगल के इस

बृहस्पति का मेष राशि में गोचर 22 अप्रैल 2023

बृहस्पति गोचर 2023 मेष राशि में - 22 अप्रैल 2023 बृहस्पति को सभी ग्रहों में देवों के गुरु का स्थान प्राप्त है. बृहस्पति को शुभदायक ग्रह माना गया है यह वृद्धि एवं प्रगति का कारक भी होता है. बृहस्पति

बुध का मकर राशि में गोचर

बुध का गोचर मकर राशि में 24 जनवरी 2025 को होगा. बुध इस समय धनु राशि से निकल कर मकर राशि में प्रवेश करेंगे और 11 फरवरी 2025 के मध्य तक यहीं रहेंगे. बुध का गोचर मकर राशि में 24 जनवरी 2025 को शुक्रवार

सूर्य का पुनर्वसु नक्षत्र गोचर फल

सूर्य का गोचर पुनर्वसु नक्षत्र में तब होता है जब सूर्य मिथुन राशि के अंतिम चरणों की ओर अग्रसर होता है. पुनर्वसु नक्षत्र के तीन चरण मिथुन राशि में ही पड़ते हैं और इसका अम्तिम चरण कर्क राशि में होता

वक्री मंगल का मिथुन राशि में गोचर

वक्री मंगल का मिथुन राशि में गोचर - 30 अक्टूबर 2022 मंगल का शुभ प्रभाव व्यक्ति को साहस, ताकत और पराक्रमी बनाता है, जबकि कमजोर अवस्था में ग्रह व्यक्ति के आत्मविश्वास को कमजोर करता है. यह मेष और

शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर जानिए सभी राशियों पर इसका प्रभाव

शुक्र, जिसे प्रेम और वैभव के ग्रह के रूप में भी जाना जाता है, अपनी ही राशि तुला से मंगल की राशि, यानी वृश्चिक में गोचर करेगा. इस गोचर के दौरान प्रेम की तीव्रता और जोश से मुलाकात होगी. शुक्र का