Articles in Category Marriage
मई 2023 में विवाह शुभ मुहूर्त की कमी नहीं, चुनें अपनी पसंद की डेट
हिन्दूओं में शुभ विवाह की तिथि ज्ञात करने के लिये वर-वधू की जन्म राशि का प्रयोग किया जाता है. वर या वधू का जन्म जिस चन्द्र नक्षत्र में हुआ होता है, उस नक्षत्र के चरण में आने वाले अक्षर को भी विवाह की
घर बैठे जानें अप्रैल 2023 माह के शुभ विवाह मुहूर्त
विवाह कार्य एवं अत्यंत ही शुभ व मांगलिक कार्य होता है तो ऎसे में इस कार्य में एक अच्छे शुभ मुहूर्त की तलाश हर किसी के मन में भी रहती है. माता-पिता अपने बच्चों के लिए विवाह मुहूर्त देखना चाहें या फिर
मार्च 2024 ये दिन रहेंगे विवाह के लिए शुभ मुहूर्त समय
विवाह को हर धर्म संप्रदाय में एक अत्यंत ही पवित्र बंधन के रुप में देखा जाता है. यह दो लोगों के जीवन का एक नया अध्याय होता है जिसे दोनों को एक साथ मिलकर लिखना होता है. एक सुखी दांपत्य जीवन की इच्छा हर
फरवरी 2024 में शादी-विवाह मुहूर्त डेट
आप फरवरी 2024 में शादी के लिए कोई शुभ मुहूर्त खोज रहे हैं तो यहां मिलेंगे फरवरी माह में होने वाले विवाह के सभी शुभ मुहूर्त समय. आप खुद अपनी राशि से जान सकते हैं की फरवरी 2024 में आपके लिए कौन सा दिन
शुभ विवाह मुहूर्त जनवरी 2024 में इस दिन होगी शादियां
निम्न सारणी से विवाह मुहूर्त समय का निर्णय करने के लिये वर-कन्या की राशियों में विवाह की एक समान तिथि को विवाह मुहूर्त के लिये लिया जाता है. उदाहरण के लिये मेष राशि के वर का विवाह - कर्क राशि की
विवाह मुहूर्त 2024 : इन दिनों में भूलकर भी न करें मांगलिक कार्य
विवाह के लिए शुभ समय और शुभ मुहूर्त को बहुत ध्यान के साथ करना चाहिए. विवाह मुहूर्त के लिए कई बातों का ध्यान रखने की आवश्यकता पड़ती है और बेहतर रुप से ज्योतिष गणना के द्वारा मुहूर्त शास्त्र एवं विवाह
कुण्डली में बने ये योग तो होती है लव मैरिज
प्रेम संबंधों को लेकर युवाओं के मन में बहुत सी कल्पनाएं जन्म लेती रहती है. उम्र के इस पड़ाव पर जब व्यक्ति अपने साथी की तलाश में होता है तो उसका मन किन बातों से प्रभावित होगा यह कहना आसान नहीं होता
मुहूर्त कैसे निकालें आईये जानें महत्वपूर्ण बातें
आज इस लेख के माध्यम से हम मुहूर्त से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातों पर विचार करना चाहेगें कि कौन सा मुहूर्त कब अच्छा होता है और इसमें किन - किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. गोधूलि लग्न | Godhuli Lagna
वैवाहिक सुख में कमी के कारण
वैदिक ज्योतिष में बहुत से अच्छे तथा बुरे योगों का उल्लेख मिलता है. इन योगों का फल कब मिलेगा इसका अध्ययन करना बहुत जरुरी है और इनका अध्ययन दशा, गोचर और कुंडली के योगो के आधार पार किया जाता है. किसी भी
विवाह मिलान में अगर इन बातों का रखेंगे ध्यान तो नहीं होगा तलाक/अलगाव
विवाह के सन्दर्भ में कुंडली मिलान का जिक्र आता ही है. कुंडली मिलान वह प्रक्रिया है जिसे लड़का और लड़की की कुंडली मिलाकर पूरा किया जाता है. कुंडली मिलान में मुख्य रुप से गुण मिलान और मांगलिक योग देखा
तलाक के ज्योतिषीय कारण | Astrological Reasons for Divorce
ज्योतिष में बहुत से योगो का उल्लेख मिलता है. यह सभी योग हमारे ऋषि मुनियो द्वारा हजारो वर्षो पूर्व लिख दिए गए हैं. जब यह सभी योग लिखे गए थे तब से लेकर अब तक समय में बहुत अंतर आ चुका है इसलिए इन योगो
विवाह सहम - Vivah Saham - Sensitive Marriage Point in Horoscope
जन्म कुण्डली में सप्तम भाव से विवाह का विश्लेषण किया जाता है. विवाह कब होगा, कैसा होगा आदि सभी बाते सप्तम भाव, सप्तमेश तथा इनसे संबंध बनाने वाले ग्रहों के आधार पर देखी जाती हैं. सबसे पहले तो सप्तम से
विवाह में नवांश की भूमिका | Role of Navansh in A Marriage
विवाह में जन्म कुण्डली की भांती नवांश वर्ग कुण्डली की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है. नवांश जिसे D-9 भी कहा जाता है. इसका उपयोग विवाह समय, वैवाहिक जीवन, जीवन साथी के व्यवहार , उसके चरित्र, मानसिक तथा
विवाह और संतान-सुख में उपपद का महत्व
ज्योतिष में सामान्यत: विवाह सुख और संतान सुख का विचार सप्तम एवं पंचम भाव से किया जाता है, परंतु इसके साथ ही साथ विवाह एवं संतान के विचार के लिए उपपद को एक महत्वपूर्ण कारक माना जाता है. उपपद से दूसरे
शुक्र का ज्योतिष में महत्व | Importance of Venus in astrology
वैदिक ज्योतिष में शुक्र को मुख्य रूप से पत्नी का का कारक माना गया है. यह विवाह का कारक ग्रह है, ज्योतिष में शुक्र से काम सुख, आभूषण, भौतिक सुख सुविधाओं का कारक ग्रह है. शुक्र से आराम पसन्द होने की
कुंडली कैसे मिलायें? अपनी कुंडली स्वयं मिलाएं इस तरीके से
हिन्दू धर्म में विवाह करने से पूर्व वर-वधू दोनों की कुण्डलियों का मिलान किया जाता है. कुण्डली मिलान में बहुत सी बातों का विचार किया जाता है जिसमें से मांगलिक योग, अष्टकूट मिलान तथा दशाक्रम इत्यादि को
विवाह में त्रिबल शुद्धि | Tribal in a Marriage
भारतीय संस्कृति के अनुसार विवाह दाम्पत्य जीवन का श्रेष्ठ स्वरुप है. इसलिए कहा गया है “धन्यो गृहस्थाश्रमः” अर्थात यह समाज को अनुकूल व्यवस्था प्रदान करने तथा नई पीढ़ी को योग्य एवं श्रेष्ठ बनाने हेतु
अष्टकूट मिलान | Ashtakoot Milan | Koot Milan | Guna Milan
वर्ण विचार | Varna Vichar कर्क, वृश्चिक और मीन राशियों का ब्राह्मण मेष, सिंह और धन राशियों का क्षत्रिय, वृष, कन्या और मकर राशियों का वैश्य और मिथुन , तुला, कुम्भ राशियां शुद्र वर्ण में आती हैं. वर
कुण्डली में विवाह योग कैसे बनते हैं | How are marriage yogas formed in a Kundali | Marriage Yogas in Kundali | Marriage Yogas
विवाह के समय का निर्धारण करने में कुण्डली में बन रहे योग विशेष भूमिका निभाते है. किसी व्यक्ति को वैवाहिक जीवन में कितना सुख मिलेगा यह सब कुण्डली के योगों पर निर्भर करता है. शुभ ग्रह, शुभ भावों के
जानिये कि योनि मिलान क्यों जरूरी है
इस संसार में जितने भी जीव हैं वह किसी ना किसी योनि से अवश्य ही संबंध रखते हैं. वैदिक ज्योतिष में भी इन योनियों के महत्व पर बल दिया गया है और इनका संबंध नक्षत्रों से जोड़ा गया है. योनियों के वर्गीकरण