Articles in Category Yoga

विवाह मिलान में अगर इन बातों का रखेंगे ध्यान तो नहीं होगा तलाक/अलगाव

विवाह के सन्दर्भ में कुंडली मिलान का जिक्र आता ही है. कुंडली मिलान वह प्रक्रिया है जिसे लड़का और लड़की की कुंडली मिलाकर पूरा किया जाता है. कुंडली मिलान में मुख्य रुप से गुण मिलान और मांगलिक योग देखा

वर्षफल कुण्डली के लग्न में विभिन्न भावों के उदय होने का फल

वर्ष कुण्डली का अध्ययन बहुत सी बातों के आंकलन के लिए किया जाता है. लेकिन वर्ष कुण्डली का अपना स्वतंत्र महत्व ज्यादा नहीं होता है. जन्म कुण्डली की दशा और योगो को ध्यान में रखते हुए ही वर्ष कुण्डली का

तलाक के ज्योतिषीय कारण | Astrological Reasons for Divorce

ज्योतिष में बहुत से योगो का उल्लेख मिलता है. यह सभी योग हमारे ऋषि मुनियो द्वारा हजारो वर्षो पूर्व लिख दिए गए हैं. जब यह सभी योग लिखे गए थे तब से लेकर अब तक समय में बहुत अंतर आ चुका है इसलिए इन योगो

कुंडली के 6,8 और 12वें भाव में चंद्रमा की स्थिति | Effects of Moon in 6th, 8th or 12th of the Kundali

किसी भी जन्म कुण्डली के मजबूत आधार लग्न, सूर्य तथा चंद्रमा को माना जाता है. अगर ये तीनो कुण्डली में बली है तब जीवन की बहुत सी बाधाओ पर काबू पाया जा सकता है. लग्न से व्यक्ति का व्यक्तित्व, सूर्य से

ज्योतिष में वर्ग कुंडलियो का महत्व | Importance of Varga Kundali in Astrology

जन्म कुण्डली के आधार पर व्यक्ति के भूत, वर्तमान और भविष्य के बारे में बताया जाता है. सभी का भविष्य अलग होता है. कोई सुखी तो कोई दुखी रहता है अथवा किसी को मिश्रित फल जीवन में मिलते हैं. किसी भी बात के

अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक शर्ते | Important Tips for Good Health

अच्छे स्वास्थ्य के लिए जन्म कुण्डली में बहुत सी बातो का आंकलन किया जाता है जो निम्नलिखित है :- सबसे पहले तो लग्न, लग्नेश का बली होना आवश्यक है. यदि अशुभ भाव का स्वामी जन्म लग्न में स्थित है तब

ज्योतिष द्वारा जाने कौन सा व्यवसाय करने से मिलेगी आपको सफलता

व्यवसाय के विषय में जानने के लिए दशम भाव का विश्लेषण करना अत्यंत आवश्यक माना गया है. इसी के द्वारा जातक के कार्य के बारे में अनुमान लगाया जाता है. इसी के साथ यह भी जानना आवश्यक है कि कुण्डली में

तत्वों के अनुसार व्यवसाय का चयन | Classification of Career on the Basis of Ruling Element

ज्योतिष शास्त्र व्यवसाय एवं नौकरी का चयन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. नौ ग्रह और बारह राशियां मिलकर जातक के कैरियर या व्यवसाय का निर्धारण करती हैं तथा उनसे संबंधित कामों को दर्शाती हैं.

अपने लग्न से जाने शुभ और अशुभ ग्रह के बारे में

ज्योतिष में नौ ग्रहों का जिक्र किया गया है. इन ग्रहों में से कोई भी ग्रह शुभ अथवा अशुभ हो सकता है क्योकि हर लग्न के लिए शुभ अथवा अशुभ ग्रह भिन्न होते हैं. इस लेख में पाठको को सभी बारह लग्नों के लिए

खुद जाने, की क्या आपकी कुंडली में भी बनता है काल सर्प दोष ?

ज्योतिष में बहुत से अच्छे अथवा बुरे योगों का उल्लेख किया गया है. इन्हीं योगो में से एक योग कालसर्प योग भी है. इस योग के बारे में बहुत सी भ्रांतिया लोगो के मध्य फैली हुई है. किन्तु सही क्या है यह कहना

विवाह सहम - Vivah Saham - Sensitive Marriage Point in Horoscope

जन्म कुण्डली में सप्तम भाव से विवाह का विश्लेषण किया जाता है. विवाह कब होगा, कैसा होगा आदि सभी बाते सप्तम भाव, सप्तमेश तथा इनसे संबंध बनाने वाले ग्रहों के आधार पर देखी जाती हैं. सबसे पहले तो सप्तम से

ज्योतिष से व्यक्तित्व विचार | Analyzing Personality Through Astrology

ज्योतिष की मान्यता है कि प्राणपद लग्न कर्क राशि में स्थित होने पर व्यक्ति में दिखावे की प्रवृति होती है. चन्द्रमा अथवा राहु पांचवे घर में स्थित हो अथवा उनमें दृष्टि सम्बन्ध बन रहे हों तो व्यक्ति

लाल किताब के ये आसान उपाय दिला सकते सूर्य के शुभ फल

लग्न में सूर्य | Sun in Ascendant लाल किताब के अनुसार यदि किसी व्यक्ति के लग्न में ही अशुभ सूर्य स्थित है तब सार्वजनिक स्थलों पर प्याऊ या नल लगाना चाहिए. इससे सूर्य को बल मिलेगा. सूर्य को शुभ बनाने

श्रीयंत्र की चमत्कारिक शक्तियां खोल देती हैं सुख समृद्धि का द्वार

आधुनिक समय में इस भाग दौड़ और चमक की दुनिया में हर कोई व्यक्ति अमीर बनना चाहता है. इसके लिए वह ना जाने कैसे कैसे हथकंडे भी आजमाने की कोशिश करता है. कई बार तो मनुष्य अपनी अंदर केभले मानुष को रौंदते

आदित्य हृदयम स्त्रोत- सूर्य के शुभ फल पाने का अचूक उपाय

ततो युद्धपरिश्रान्तं समरे चिन्तया स्थितम्। रावणं चाग्रतो दृष्टवा युद्धाय समुपस्थितम्।1। दैवतैश्च समागम्य द्रष्टुमभ्यागतो रणम्। उपगम्याब्रवीद् राममगरत्यो भगवांस्तदा।2। राम राम महाबाहो श्रृणु गुह्यं

क्या होती है योगिनी दशा और जानिए इसके प्रकार विस्तार से

योगिनी दशा की कुल अवधि 36 वर्ष की होती है. मंगला, पिंगला, धन्या, भ्रामरी, भद्रिका, उल्का, सिद्धा, संकटा नामक आठ योगिनी दशाएं होती हैं. संख्याक्रम से मंगला एक वर्ष रहती है, पिंगला दो वर्ष, धन्या तीन,

वर्ष फल कुण्डली में द्वादश भाव में ग्रहों का महत्व | Significance of Planets in the Twelfth House of Varshphal Kundali

वर्ष फल कुण्डली में द्वादश भाव के फलों को जानने के लिए उनमें सभी विभिन्न भावों में स्थित ग्रहों के कारकों का फल देखना होता है जिसके अनुसार वह अपने फल देने में सक्ष्म होते हैं. इसमें से कुछ इस प्रकार

उच्च राशि में स्थित ग्रह का फल | Results of An Exalted Planet

अपनी दशा में उच्च राशि में स्थित ग्रह शुभ परिणाम देने वाले होते हैं. सूर्य मेष और सिंह राशियों में होने पर जीवन में अनेक प्रकार की सफलता मिल सकती है. यह मेष में उच्च का होने के कारण अपनी दशा में

कैसा रहेगा वर्ष कुंडली का पांचवा भाव और उसमें बैठे ग्रहों का फल

वर्ष फल कुण्डली में पंचम भाव में जो ग्रह स्थित होते हैं, उनके प्रभावों को जानने हेतु आप कई बातों का अनुसरण कर सकते हैं कि ग्रह के कारक तत्व व उसका प्रभाव वर्ष कुण्डली पर कैसा रहने वाला है. कुण्डली

लक्ष्मी स्वरुप श्री यंत्र | Shri Yantra For Goddess Lakshmi

श्रीयंत्र में लक्ष्मी जी वास माना गया है. सभी यंत्रों में श्रेष्ठ स्थान पाने के कारण इसे यंत्रराज भी कहते हैं. पौराणिक कथा के अनुसार एक बार लक्ष्मी जी पृथ्वी से बैकुंठ धाम चली जाती हैं, इससे पृथ्वी