अच्छे स्वास्थ्य के लिए जन्म कुण्डली में बहुत सी बातो का आंकलन किया जाता है जो निम्नलिखित है :-

  • सबसे पहले तो लग्न, लग्नेश का बली होना आवश्यक है. यदि अशुभ भाव का स्वामी जन्म लग्न में स्थित है तब स्वास्थ्य संबंधी परेशानियो से होकर गुजरना पड़ सकता है.
  • आठवें भाव से ज्यादा बली लग्न होना चाहिए तब स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ कम होती है.
  • केन्द्र में बैठे शुभ ग्रह स्वास्थ्य के लिए अच्छे माने जाते हैं लेकिन यदि यही शुभ ग्रह वक्री हो जाते हैं तब स्वास्थ्य के लिए सुरक्षा नहीं देगें.
  • लग्न में गुरु कई हजार दोषो को खतम करता है लेकिन यदि यह वक्री है तब कोई सुरक्षा प्रदान नहीं करेगा.
  • लग्नेश का 6,8 या 12वें भाव में स्थित होना स्वास्थ्य के लिए शुभ नहीं होता है.
  • सूर्य आत्मा का और चंद्रमा मन का कारक ग्रह है. इसलिए इन दोनो के बली होने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है.
  • लग्न यदि राहु/केतु अक्ष पर स्थित है तब स्वास्थ्य के लिए शुभ नहीं है.
  • लग्नेश यदि राहु/केतु अक्ष पर स्थित है तब यह भी स्वास्थ्य के लिए शुभ नहीं है.
  • लग्न या चन्द्र गंडात में स्थित है तब स्वास्थ्य के लिए शुभ नहीं हैं.
  • लग्न या लग्नेश का संबंध 22वें द्रेष्काण के साथ नहीं होना चाहिए.
  • लग्न या लग्नेश का संबंध 64वें नवांश से होने पर स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ आती हैं.
  • केन्द्राधिपति दोष के साथ ही 22वें द्रेष्काण या 64वें नवांश से भी संबंध बनता है यब यह स्वास्थ्य के लिए अच्छा नही माना जाता है.
  • छिद्र ग्रहों को भी स्वास्थ्य के लिए अशुभ माना जाता है.
  • उपरोक्त योगो के अलावा कुछ और भी योग हैं जिनमें ग्रह यदि स्थित है तब स्वास्थ्य संबंधी परेशानी आती है.

सर्प द्रेष्काण | Sarpa Drekkana in Jyotish

  • जन्म कुण्डली में कोई ग्रह यदि कर्क राशि में दूसरे द्रेष्काण या तीसरे द्रेष्काण में स्थित है तब स्वास्थ्य संबंधी परेशानियो से गुजरना पड़ सकता है.
  • जन्म कुण्डली में कोई ग्रह यदि वृश्चिक राशि के पहले या दूसरे द्रेष्काण में स्थित  है तब स्वास्थ्य के लिय यह अनुकूल स्थिति नहीं मानी जाती है.
  • जन्म कुण्डली में लग्नेश यदि मीन राशि के तीसरे द्रेष्काण में स्थित है तब यह स्वास्थ्य के लिए शुभ स्थिति नहीं मानी जाती है.

पाश द्रेष्काण | Pash Drekkana in Jyotish

  • जन्म कुण्डली में यदि कोई ग्रह वृष राशि के पहले द्रेष्काण में स्थित है तब यह पाश द्रेष्काण में माना जाएगा. इस द्रेष्काण में होने से व्यक्ति बंधन में रहता है.
  • जन्म कुण्डली में यदि कोई ग्रह सिंह राशि के पहले द्रेष्काण में है तब यह पाश द्रेष्काण में होगा जो कि शुभ स्थिति नहीं मानी जाती है.
  • जन्म कुण्डली में कोई ग्रह कुंभ राशि के पहले द्रेष्काण में स्थित है तब यह पाश द्रेष्काण में माना जाता है और यह शुभ स्थिति नहीं मानी जाती है.
  • जन्म कुण्डली में कोई ग्रह तुला राशि में पहले या तीसरे द्रेष्काण में स्थित है तब यह शुभ स्थिति नहीं मानी जाती है.
  • मकर राशि में कोई ग्रह यदि पहले या तीसरे द्रेष्काण में स्थित है तब यह शुभ स्थिति नहीं मानी जाती है.
  • कुण्डली में स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ तभी होगी जब उनके होने के योग होगें और उन्ही से संबंधित दशा/अन्तर्दशा भी कुण्डली में चल रही होगी. साथ ही गोचर भी अनुकूल नहीं होगा अन्यथा परेशानी नहीं होगी.