Articles in Category Yoga
बुध दोष का असर और निजात के उपाय
ज्योतिष में बुध को बुद्धि और तर्क से संबंधित ग्रह माना गया है. बुध को चंद्र और तारा की संतान एवं श्री विष्णु के भक्त रुप में भी जाना जाता है. ज्योतिष एवं धर्म ग्रंथों में बुध की महिमा बहुत अधिक है.
सूर्य का कुम्भ राशि में गोचर
सूर्य गोचर समय 13 फरवरी 2023, को होगा इस समय गोचर 09:44 सुबह के समय पर होगा. सूर्य का कुम्भ राशि में गोचर 13 फरवरी की प्रात:काल में प्रवेश होगा. मकर राशि से निकल कर कुंभ में सूर्य का प्रवेश शनि की
मंगल का कर्क राशि गोचर, पराक्रम और प्रयास में कमी का समय
मंगल का कर्क राशि में प्रवेश विशेष होगा. इस समय मंगल अपनी नीचस्थ राशि में प्रवेश करेंगे. ज्योतिष में कर्क राशि में मंगल का बल कम हो जाता है. इस स्थान पर मंगल को नीच का मंगल माना गया है. मंगल के इस
बृहस्पति का मेष राशि में गोचर 22 अप्रैल 2023
बृहस्पति गोचर 2023 मेष राशि में - 22 अप्रैल 2023 बृहस्पति को सभी ग्रहों में देवों के गुरु का स्थान प्राप्त है. बृहस्पति को शुभदायक ग्रह माना गया है यह वृद्धि एवं प्रगति का कारक भी होता है. बृहस्पति
वक्री मंगल का वृष राशि में गोचर प्रभाव
वक्री मंगल का वृष राशि में गोचर 13 नवंबर, 2022 वैदिक ज्योतिष के तत्वों के आधार पर वक्री मंगल का वृष राशि 13 नवंबर, 2022 में गोचर. इस गोचर का 12 राशियों के जातकों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा. कुछ के लिए
शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर जानिए सभी राशियों पर इसका प्रभाव
शुक्र, जिसे प्रेम और वैभव के ग्रह के रूप में भी जाना जाता है, अपनी ही राशि तुला से मंगल की राशि, यानी वृश्चिक में गोचर करेगा. इस गोचर के दौरान प्रेम की तीव्रता और जोश से मुलाकात होगी. शुक्र का
मंगल का अश्विनी नक्षत्र में होने का विशेष फल
मंगल ग्रह मंगल ग्रह साहस, ऊर्जा, शक्ति, इच्छाओं, काम करने की तीव्रता, आक्रामक स्वभाव, क्रोध, लड़ने की क्षमता, सैनिक, खिलाड़ी आदि का प्रतिनिधित्व करता है. और मेष राशि जो राशि चक्र की पहली राशि है
शुक्र का मीन राशि गोचर 2023
शुक्र का मीन राशि में प्रवेश 27 अप्रैल 2023 को होगा. शुक्र का गोचर मीन राशि में होने पर शुक्र के बलाबल में वृद्धि होगी. मीन राशि में शुक्र उच्च स्थिति को पाता है. शुक्र ग्रह, विलासिता, आनंद,
मकर राशि में मंगल और शनि का द्विग्रही योग, आकस्मिक घटनाओं का समय
मंगल का मकर राशि में गोचर 26 फरवरी 2022, शनिवार समय दोपहर 14:46 बजे मंगल धनु राशि से निकल कर अपनी उच्च राशि मकर में प्रस्थान करेंगे. ज्योतिष की दृष्टि से मंगल के मकर राशि में होना एक
गुरु मकर राशि में गोचर से बदलेगा इन राशियों का हाल
20 नवंबर 2020 को गुरु मकर राशि में वापसी कर रहे हैं. गुरु का अब मकर राशि में आना सभी लोगों पर अलग-अलग रुप से प्रभाव डालने वाला होगा. गुरु के लिए मकर राशि उसकी कमजोर राशि है यहां आकर गुरु के बल में
वृश्चिक राशि में बनेगा चतुर्ग्रही योग, जानें इसका आप पर असर
चतुर्ग्रही योग से अर्थ होता है कि जब कोई चार ग्रह एक साथ किसी एक राशि में स्थित हों. इस योग के प्रभाव के फलस्वरुप राशि पर उन सभी चार ग्रहों का प्रभाव होने पर विशेष लक्ष्ण उभरते हैं. कुंडली के किसी भी
शुक्र का कन्या राशि में गोचर 2024
शुक्र का गोचर सिंह राशि से निकल कर कन्या राशि में जाना 24 अगस्त 2024 के दिन संपन्न होगा. कन्या राशि में शुक्र का गोचर होने वाला है. शुक्र ग्रह को ज्योतिष शास्त्र में धन लाभ देने वाला और सौंदर्य,
गुरु महाराज का धनु राशि में वक्री से मार्गी होना इन राशियों के लिए लाएगा नए अवसर
गुरु (बृहस्पति) ग्रह का धनु राशि में मार्गी होने का फल गुरु का ग्रह का किसी भी राशि में गोचर का फल बहुत ही प्रभावशाली होता है. गुरु कहीं भी स्थित हों वह अपने प्रभाव से चारों ओर प्रकाश से उस स्थान को
2024 में शुक्र का सिंह राशि में गोचर जानना होगा जरूरी
वर्तमान में शुक्र का गोचर कर्क राशि में हो रहे हैं, पर जल्द ही शुक्र का प्रवेश सिंह राशि में होगा. शुक्र का सिंह राशि में जाना कुछ न कुछ परिवर्तनों की ओर इशारा करते हुए दिखाई देगा. जिस समय पर शुक्र
वक्री मंगल का मेष राशि में गोचर, इन राशियों को रहना होगा संभल कर
वक्री मंगल का मेष राशि में होने का प्रभाव मंगल का मेष राशि में गोचर कई तरह से व्यक्ति को प्रभावित करता है. मंगल एक ऊर्जा से भरपूर ग्रह है. जब वह अपनी राशि में होता है तो उसकी उर्जा ओर अधिक विकसित
वारुणी योग 2024, दुर्लभ और शुभदायक मुहूर्त होता है वारुणी योग
वारुणी योग एक अत्यंत ही शुभ एवं उत्तम गति प्रदान करने वाला समय होता है. हिन्दू पंचांग का एक अत्यंत ही पावन शुभ समय मुहूर्त भी है. यह उन शुभ मुहूर्तों की ही तरह है जो अबूझ मुहूर्त के महत्व को दर्शाते
केतु का वृश्चिक राशि में गोचर, जाने सभी 12 राशियों पर इसका प्रभाव
ग्रहों का गोचर प्रत्येक राशि पर अपने अनुरुप शुभाशुभ फल देने में समर्थ होता है. जब भी कोई ग्रह एक राशि से निकल कर दूसरी राशि में जाता है वह समय किसी न किसी रुप में प्रभवित अवश्य करता है. इस साल के अंत
केतु का वृश्चिक राशि में गोचर, उच्च का केतु बदलेगा भाग्य
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में केतु का स्थान छाया ग्रह के रुप में है. इसे ग्रह न समझ कर परछाई कहा गया है. इस छाया ग्रह होने के कारण केतु बहुत ही गहरा असर डालने में सक्षम होता है. राहु ओर केतु यह दोनों ही
शुक्र का मिथुन राशि गोचर 2023 में जाना बदल सकता है आपका भाग्य
शुक्र अपनी स्वराशि वृष से निकल कर मिथुन राशि की ओर संचार करेंगे. शुक्र अपनी स्वराशि को त्यागकर बुध की राशि मिथुन में जाएंगे. शुक्र का बुध की राशि में जाना अनुकूल स्थिति की ओर इशारा करता है. शुक्र ओर
कैसा रहेगा वृषभ राशि वालों के लिए राहु का गोचर
राहु का प्रभाव वृषभ राशि पर होने के कारण वृष राशि वालों के लिए तो अब आने वाला समय काफी बदलावों को दिखा सकता है. राहु एक ऎसा ग्रह है जो अपने प्रभाव का पूर्ण प्रभाव जिस स्थन में बैठा होता है या जिसके