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चंद्रमा के साथ गुरु का योग भाग्य को बनाता है प्रबल

चंद्रमा के साथ गुरु का होना एक अनुकूल स्थिति का निर्देश देने वाला सिद्धांत है. यह दोनों ग्रह बेहद शुभ माने जाते हैं. चंद्रमा एक शीतल प्रधान ग्रह है वहीं गुरु शुभता प्रदान करने वाला ग्रह है. इन दोनों

गुरु आदित्य योग का कुंडली में क्या होता है असर

वैदिक ज्योतिष के अनुसार गुरु के साथ आदित्य अर्थात सूर्य का होना गुरु आदित्य योग का निर्माण करता है. सूर्य राजा ग्रह है. सूर्य आत्मा, अधिकार, अहंकार, पिता और आत्मविश्वास का प्रतिनिधित्व करता है.

बुध का अन्य ग्रहों से संबंध क्यों है विशेष

बुध का कुंडली में अस्थित्व जीवन के उन पहलुओं से होता है जो हमें सामाजिक रुप से एवं विश्लेषणात्मक रुप से महत्वपूर्ण बनाते हैं बुध के मित्र ग्रहों में सूर्य और शुक्र का स्थान विशेष रुप से आता है. इसके

मेष राशि में सूर्य-राहु का गोचर और सभी राशियों पर इसका असर

मेष राशि में सूर्य और राहु का योग कई तरह के असर दिखाने वाला समय होता है. किसी भी युति का निर्माण तब होता है जब दो या दो से अधिक ग्रह एक दूसरे के निकट होते हैं. या वह एक राशि भाव में स्थित होते हैं.

बुध दोष का असर और निजात के उपाय

ज्योतिष में बुध को बुद्धि और तर्क से संबंधित ग्रह माना गया है. बुध को चंद्र और तारा की संतान एवं श्री विष्णु के भक्त रुप में भी जाना जाता है. ज्योतिष एवं धर्म ग्रंथों में बुध की महिमा बहुत अधिक है.

सूर्य का कुम्भ राशि में गोचर

मकर राशि से निकल कर कुंभ में सूर्य का प्रवेश होने से बदलावों को देखा जा सकता है इस समय पर व्यक्तित एव विचारधारा में स्वतंत्रता का प्रभाव दिखाई देता है. सूर्य की स्थिति का प्रभाव काफी महत्वपूर्ण होता

मंगल का कर्क राशि गोचर, पराक्रम और प्रयास में कमी का समय

मंगल का कर्क राशि में प्रवेश विशेष होगा. इस समय मंगल अपनी नीचस्थ राशि में प्रवेश करेंगे. ज्योतिष में कर्क राशि में मंगल का बल कम हो जाता है. इस स्थान पर मंगल को नीच का मंगल माना गया है. मंगल के इस

बृहस्पति का मेष राशि में गोचर 22 अप्रैल 2023

बृहस्पति गोचर 2023 मेष राशि में - 22 अप्रैल 2023 बृहस्पति को सभी ग्रहों में देवों के गुरु का स्थान प्राप्त है. बृहस्पति को शुभदायक ग्रह माना गया है यह वृद्धि एवं प्रगति का कारक भी होता है. बृहस्पति

वक्री मंगल का वृष राशि में गोचर प्रभाव

मंगल का वक्री होना मंगल की शक्ति को कई दिशाओं में बांट देने वाला होता है. वक्री मंगल वह समय है जब व्यक्तित ऊर्जावान महसूस कर हुए भी शारीरिक शक्ति धीमी लगने लगती है. व्यवहार में असंतोष अधिक रह सकता है

शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर जानिए सभी राशियों पर इसका प्रभाव

शुक्र, जिसे प्रेम और वैभव के ग्रह के रूप में भी जाना जाता है, अपनी ही राशि तुला से मंगल की राशि, यानी वृश्चिक में गोचर करेगा. इस गोचर के दौरान प्रेम की तीव्रता और जोश से मुलाकात होगी. शुक्र का

बुध का वृश्चिक राशि गोचर : सभी राशियों पर होगा खास प्रभाव

बुध का वृश्चिक राशि में गोचर किसी व्यक्ति के संचार, व्यवहार, व्यवसाय और तर्क -विश्लेषण के तरीके में एक बड़ा बदलाव लाने वाला होता है. यह गोचर विभिन्न राशियों के लोगों के लिए कई सकारात्मक और नकारात्मक

मंगल का अश्विनी नक्षत्र में होने का विशेष फल

मंगल ग्रह मंगल ग्रह साहस, ऊर्जा, शक्ति, इच्छाओं, काम करने की तीव्रता, आक्रामक स्वभाव, क्रोध, लड़ने की क्षमता, सैनिक, खिलाड़ी आदि का प्रतिनिधित्व करता है. और मेष राशि जो राशि चक्र की पहली राशि है

शुक्र का मीन राशि प्रवेश : मीन राशि में शुक्र का गोचर देगा विशेष प्रभाव

शुक्र का गोचर मीन राशि में होने पर शुक्र के बलाबल में वृद्धि होगी. मीन राशि में शुक्र उच्च स्थिति को पाता है. शुक्र ग्रह, विलासिता, आनंद, रचनात्मकता, प्रेम, विवाह और जुनून को प्रभावित करता है. मीन

मकर राशि में मंगल और शनि का द्विग्रही योग, आकस्मिक घटनाओं का समय

मंगल का मकर राशि में गोचर  26 फरवरी 2022, शनिवार समय दोपहर 14:46 बजे  मंगल धनु राशि से निकल कर अपनी उच्च राशि मकर में प्रस्थान करेंगे. ज्योतिष की दृष्टि से मंगल के मकर राशि में होना एक

गुरु मकर राशि में गोचर से बदलेगा इन राशियों का हाल

20 नवंबर 2020 को गुरु मकर राशि में वापसी कर रहे हैं. गुरु का अब मकर राशि में आना सभी लोगों पर अलग-अलग रुप से प्रभाव डालने वाला होगा. गुरु के लिए मकर राशि उसकी कमजोर राशि है यहां आकर गुरु के बल में

वृश्चिक राशि में बनेगा चतुर्ग्रही योग, जानें इसका आप पर असर

चतुर्ग्रही योग से अर्थ होता है कि जब कोई चार ग्रह एक साथ किसी एक राशि में स्थित हों. इस योग के प्रभाव के फलस्वरुप राशि पर उन सभी चार ग्रहों का प्रभाव होने पर विशेष लक्ष्ण उभरते हैं. कुंडली के किसी भी

शुक्र का कन्या राशि में गोचर 2024

शुक्र का गोचर सिंह राशि से निकल कर कन्या राशि में जाना 24 अगस्त 2024 के दिन संपन्न होगा. कन्या राशि में शुक्र का गोचर होने वाला है. शुक्र ग्रह को ज्योतिष शास्त्र में धन लाभ देने वाला और सौंदर्य,

गुरु महाराज का धनु राशि में वक्री से मार्गी होना इन राशियों के लिए लाएगा नए अवसर

गुरु (बृहस्पति) ग्रह का धनु राशि में मार्गी होने का फल गुरु का ग्रह का किसी भी राशि में गोचर का फल बहुत ही प्रभावशाली होता है. गुरु कहीं भी स्थित हों वह अपने प्रभाव से चारों ओर प्रकाश से उस स्थान को

2024 में शुक्र का सिंह राशि में गोचर जानना होगा जरूरी

वर्तमान में शुक्र का गोचर कर्क राशि में हो रहे हैं, पर जल्द ही शुक्र का प्रवेश सिंह राशि में होगा. शुक्र का सिंह राशि में जाना कुछ न कुछ परिवर्तनों की ओर इशारा करते हुए दिखाई देगा. जिस समय पर शुक्र

वक्री मंगल का मेष राशि में गोचर, इन राशियों को रहना होगा संभल कर

वक्री मंगल का मेष राशि में होने का प्रभाव मंगल का मेष राशि में गोचर कई तरह से व्यक्ति को प्रभावित करता है. मंगल एक ऊर्जा से भरपूर ग्रह है. जब वह अपनी राशि में होता है तो उसकी उर्जा ओर अधिक विकसित