Articles in Category Hindu Rituals

तुला संक्रांति : सूर्य के दक्षिणायन की यात्रा का समय

तुला संक्रांति, जिसे सूर्य के तुला राशि में प्रवेश का समय कहा जाता है. तुला सूर्य संक्रमण का वो खास समय होता है जब सूर्य दक्षिणायन की गति में आरंभ होता है. इस दिन को संक्रांति के नाम से भी जाना जाता

सूर्य का वृषभ राशि गोचर 14 मई से 15 जून तक

सूर्य का वृषभ राशि गोचर सूर्य का वृषभ राशि गोचर के द्वारा आपको आर्थिक रुप से प्रभावशाली होगा. इस समय के दौरान आप के पास कुछ बेहतर नए विकल्प आपको आय के नए स्त्रोत दिलाने में सहायक होगा. मेष राशि मेष

कब और किस दिन होंगे बुध अस्त, इन उपायों से को करने से मिलेगी राहत

बुध ग्रह एक बौद्धिक ज्ञान और उचित मार्ग को निर्धारित करने वाला उत्तम स्थान प्राप्त ग्रह है. इस ग्रह का प्रभाव व्यक्ति के जीवन को चहुंमुखी प्रतिभा से भर देने वाला होता है. बुध ग्रह एक प्र्कार की

कन्या संक्रांति, सूर्य का कन्या राशि में गोचर

सूर्य का कन्या राशि में जाना कन्या संक्रांति के नाम से जाना जाता है. कन्या संक्रांति में सूर्य का पूजन और राशि का पूजन होता है. इस समय पर सूर्य का बुध के स्वामित्व की राशि कन्या में प्रवेश होता है.

मीन राशि में वक्री मंगल का गोचर, तैयार हो जाएं चेंज के लिए

मंगल का गोचर इस बार मेष राशि से पुन: मीन में होगा और ऎसा इस कारण होगा क्योंकि मंगल वक्री होंगे. मंगल की चाल में बदलाव के कारण वह मेष राशि से निकल कर उलटे मीन राशि में प्रवेश करेंगे. 4 अक्टूबर 2020 को

सिंह संक्रांति 2024, इस समय स्नान-दान के लिए शुभ मुहूर्त

सिंह संक्रांति का समय अगस्त माह के मध्य समय पर आता है. सिंह संक्रांति सूर्य के सिंह राशि में गोचर करने के समय को कहा जाता है. सूर्य का सिंह राशि में प्रवेश ही सूर्य संक्रांति होता है. सूर्य संक्रांति

बुध का कर्क राशि में गोचर

बुध अपनी स्वराशि मिथुन को छोड़ कर अब कर्क राशि में प्रवेश करेंगे. मिथुन से निकल कर कर्क राशि में जाने पर बुध की स्थिति में बहुत तरह से बदलाव दिखाई देगा. इसका मुख्य करण यह है की बुध अभी तक अपनी ही

वक्री मंगल का मेष राशि में गोचर, इन राशियों को रहना होगा संभल कर

वक्री मंगल का मेष राशि में होने का प्रभाव मंगल का मेष राशि में गोचर कई तरह से व्यक्ति को प्रभावित करता है. मंगल एक ऊर्जा से भरपूर ग्रह है. जब वह अपनी राशि में होता है तो उसकी उर्जा ओर अधिक विकसित

वारुणी योग 2024, दुर्लभ और शुभदायक मुहूर्त होता है वारुणी योग

वारुणी योग एक अत्यंत ही शुभ एवं उत्तम गति प्रदान करने वाला समय होता है. हिन्दू पंचांग का एक अत्यंत ही पावन शुभ समय मुहूर्त भी है. यह उन शुभ मुहूर्तों की ही तरह है जो अबूझ मुहूर्त के महत्व को दर्शाते

कैसा रहेगा वृषभ राशि वालों के लिए राहु का गोचर

राहु का प्रभाव वृषभ राशि पर होने के कारण वृष राशि वालों के लिए तो अब आने वाला समय काफी बदलावों को दिखा सकता है. राहु एक ऎसा ग्रह है जो अपने प्रभाव का पूर्ण प्रभाव जिस स्थन में बैठा होता है या जिसके

मंगल का मेष राशि में गोचर, लाएगा कठोर बदलाव

मंगल एक उग्र व अग्नि युक्त ग्रह हैं. सभी ग्रहों में से मंगल को ही ऎसे कार्यों का सौंपा जाता है जिनमें शक्ति और साहस का परिचय दिया जा सके. यह एक योद्धा की भांति है जिसमें अदम्य साहस है विपत्तियों से

आश्विन अधिक मास : आश्विन मास में किए जाने वाले काम

आश्विन मास जो श्राद्ध कार्य के लिए अत्यंत ही शुभ और महत्वपूर्ण मास बताया गया है. अधिक मास के रुप में इस साल का समय आश्विन मास में होना इस समय को अत्यधिक उत्तम बनाने जैसा है. इस समय पर चंद्र आश्विन

पुरुषोत्तम मास क्या होता है? जाने पुरुषोत्तम मास की कथा और इसकी महिमा

सभी मासों में पुरुषोत्तम मास का बहुत गहरा और गंभीर असर देखने को मिलता है. पुरुषोत्तम मास सभी 12 मासों से अलग होता है. यह प्रत्येक वर्ष में आने वाले मासों से इसलिए भिन्न है क्योंकि यह हर वर्ष नहीं आता

आईये जानें, कैसा होगा गुरु महाराज वक्री होकर धनु मे जाना

गुरु का गोचर इस समय मकर राशि पर हो रहा है. मकर राशि में ही गुरु इस समय वक्री होकर गोचर कर रहे हैं. पर आने वाले 30 जून 2020 को गुरु मकर से निकल कर अपनी पूर्व राशि धनु में प्रवेश करेंगे. गुरु वक्री

कर्क संक्रांति, सही समय पर किया गया कार्य होगा सफल

सूर्य का मिथुन राशि से निकल कर कर्क राशि में जाना ही “कर्क संक्रांति” कहलाएगा. 16 जुलाई 2023 को सूर्य कर्क राशि में प्रवेश करेंगे. कर्क राशि वालों के लिए सूर्य उनकी राशि में ही गोचर करेंगे. सूर्य

अधिक मास अमावस्या : एक ही मास में दो अमावस्या का योग बनाता है इसे खास

वर्ष 2020 में आने वाले अधिक मास के समय पर, एक मास में दो अमावस्या का योग बन रहा है. दो अमावस्या का योग आश्विन मास पर बनने के कारण ये समय श्राद्ध और तर्पण कार्यों के लिए अत्यंत ही विचारणीय हो जाता है.

मंगल का मीन राशि में गोचर लाएगा नए बदलाव

17 मई 2022 को मंगलवार के दिन मंगल का मीन राशि में प्रवेश होगा. वर्तमान में मंगल पिछले काफी समय से कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं. पर अब आने वाली 17 मई से मंगल अपनी राशि में बदलाव करेंगे. मंगल अब अपनी

अब वक्री बुध होंगे अस्त, पड़ सकती है दोहरी मार

इस साल भी बुध अस्त होने वाले हैं बुध के अस्त होने के कारण कई खास कार्यों पर लग सकती है. बुध का प्रभाव व्यक्ति को बौद्धिकता की उत्तम प्रवीणता देता है. बुध का प्रभाव ही वनस्पतियों पर असर डालता है. बुध

इस बार आश्विन मास में आने वाला अधिक मास है बहुत खास

अधिक मास अर्थात मास की अधिकता को ही अधिकमास कहा जाता है. मास का अर्थ माह से होता है. हिंदू पंचांग गणना में तिथि, दिन मास की स्थिति को समझने के लिए जिस वैदिक गणना आधार लिया जाता है, उसके अंतर्गत ही

21 जून को लगने वाला कंकण सूर्यग्रहण बढ़ा सकता है परेशानियां, इस राशि और नक्षत्र पर होगा खास असर

21 जून को लगने वाला कंकण सूर्य ग्रहण एक बहुत बड़ा और अधिक प्रभावशाली ग्रहण होगा. कंकण सूर्य ग्रहण को भारत समेत अन्य कई देशों में भी देखा जा सकेगा. इस कंकण सूर्य ग्रहण के प्रभाव के चलते राजनैतिक,