Articles in Category Hindu Rituals
शुभ विवाह मुहूर्त जुलाई 2024
हिन्दूओं में शुभ विवाह की तिथि ज्ञात करने के लिये वर-वधू की जन्म राशि का प्रयोग किया जाता है. वर या वधू का जन्म जिस चन्द्र नक्षत्र में हुआ होता है, उस नक्षत्र के चरण में आने वाले अक्षर को भी विवाह की
जून 2024 के शुभ विवाह मुहूर्त
हिन्दूओं में शुभ विवाह की तिथि ज्ञात करने के लिये वर-वधू की जन्म राशि का प्रयोग किया जाता है. वर या वधू का जन्म जिस चन्द्र नक्षत्र में हुआ होता है, उस नक्षत्र के चरण में आने वाले अक्षर को भी विवाह की
मई 2024 में शादी-विवाह के लिए शुभ मुहूर्त
हिन्दूओं में शुभ विवाह की तिथि ज्ञात करने के लिये वर-वधू की जन्म राशि का प्रयोग किया जाता है. वर या वधू का जन्म जिस चन्द्र नक्षत्र में हुआ होता है, उस नक्षत्र के चरण में आने वाले अक्षर को भी विवाह की
शुभ विवाह मुहूर्त अप्रैल 2025
हिन्दूओं में शुभ विवाह की तिथि ज्ञात करने के लिये वर-वधू की जन्म राशि का प्रयोग किया जाता है. वर या वधू का जन्म जिस चन्द्र नक्षत्र में हुआ होता है, उस नक्षत्र के चरण में आने वाले अक्षर को भी विवाह की
मार्च में कौन से दिन होंगे शादी-विवाह के लिए शुभ, जानिए ।
हिन्दूओं में शुभ विवाह की तिथि ज्ञात करने के लिये वर-वधू की जन्म राशि का प्रयोग किया जाता है. वर या वधू का जन्म जिस चन्द्र नक्षत्र में हुआ होता है, उस नक्षत्र के चरण में आने वाले अक्षर को भी विवाह की
शुभ विवाह मुहूर्त फरवरी
हिन्दूओं में शुभ विवाह की तिथि ज्ञात करने के लिये वर-वधू की जन्म राशि का प्रयोग किया जाता है. वर या वधू का जन्म जिस चन्द्र नक्षत्र में हुआ होता है, उस नक्षत्र के चरण में आने वाले अक्षर को भी विवाह की
जानिए जनवरी के शुभ विवाह मुहूर्त कौन से हैं
हिन्दूओं में शुभ विवाह की तिथि ज्ञात करने के लिये वर-वधू की जन्म राशि का प्रयोग किया जाता है. वर या वधू का जन्म जिस चन्द्र नक्षत्र में हुआ होता है, उस नक्षत्र के चरण में आने वाले अक्षर को भी विवाह की
साल 2024 में जानिए विवाह के लिए शुभ और अशुभ समय
विवाह के लिए शुभ समय और शुभ मुहूर्त को बहुत ध्यान के साथ करना चाहिए. विवाह मुहूर्त के लिए कई बातों का ध्यान रखने की आवश्यकता पड़ती है और बेहतर रुप से ज्योतिष गणना के द्वारा मुहूर्त शास्त्र एवं विवाह
2025 का हिन्दू कैलेंडर पंचांग, जानिए कब है कौन सा व्रत और त्यौहार
नववर्ष के आरंभ के साथ ही आरंभ होता है एक बार फिर से व्रत और त्यौहारों के पुनरागमन का समय होता है. इस वर्ष 2025 में आने वाले व्रत और त्योहारों का एक विस्तृत रुप हमें देखने को मिलेगा और ये व्रत और
नव संवत्सर 2080 के बारे में हर बात जानिये, क्या होगा इस संवत्सर में ?
22 अप्रैल 2023 को नव विक्रम संवत का आरंभ होगा. 2080 का नव संवत्सर “पिंगल” नाम से पुकारा और जाना जाएगा. इस वर्ष संवत के राजा बुध होंगे और मंत्री शुक्र होंगे. पिंगल नामक संवत के प्रभाव से विकास के
सर्वार्थ सिद्धि योग करता है आपके सभी कार्य सिद्ध
ज्योतिष में मुहूर्त एक ऎसा विषय है जो व्यक्ति के जीवन पर बहुत अधिक प्रभाव डालने वाला होता है. एक शुभ मुहूर्त्त आपके किसी भी अटके हुए काम और रुके हुए काम को आगे बढ़ाने में बहुत ही सहायक होता है. कहीं
जानिए, अमृत सिद्धि योग क्या होता है और साल 2024 में कब-कब देगा शुभ फल
हम सभी चाहें जो भी काम करने का सोचें उसमें सफलता की इच्छा भी हमारे भीतर उस समय के साथ ही बढ़ने लगती है. हम सदैव यही चाहते हैं की हमारे सभी काम सफल रहें और उनके पूरा होने में हमारे सामने कम से कम
गुरु पुष्य और रवि पुष्य योग 2024 Guru Pushya and Ravi Pushya Yoga In 2024
वैदिक ज्योतिष में कुछ ऎसे योगों के विषय में चर्चा मिलती है जो अत्यंत ही शुभ योगों की श्रेणी में आते हैं. ऎसे ही कुछ योगों में गुरु पुष्य योग और रवि पुष्य योग का नाम आता है. यह दोनों ही योग किसी भी
द्विपुष्कर और त्रिपुष्कर योग 2024 । Dwipushkar and Tripushkar Yoga Dates in 2024
काम की शुभता और उस शुभता में वृद्धि की इच्छा हम सभी के भीतर रहती है. कोई भी काम जो अच्छा हो मन को भाए और उससे जीवन में सुख एवं मांगल्य का वास हो, तो हम चाहेंगे की वह कार्य हमारे जीवन में बार-बार घटित
क्यों होते हैं ग्रह वक्री, जानिये 2024 में ग्रहों के वक्री-मार्गी का समय
ज्योतिष में ग्रहों में होने वाले बदलाव की छोटी से छोटी घटना का भी बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ता है. ग्रहों के प्रभाव को बारीकी से समझने के लिए उनकी हर-पल की खबर होना अत्यंत आवश्यक होता है. ऎसे में किसी
शुभ मुंडन मुहूर्त्त समय 2024
हिन्दुओं के 16 संस्कारों में से एक संस्कार “मुंडन” होता है. हिन्दु धर्म परंपरा में इसका अत्यंत ही महत्वपूर्ण स्थान रहा है. मुंडन संस्कार के समय बच्चे के सिर के जन्मसमय के केश अर्थात बालों को हटाया
क्या होता है यमघंटक योग ? 2024 यमघंटक योग की डेट
ज्योतिष में कुछ योगों को अशुभ योगों की श्रेणी में रखा गया है जैसे कक्रय योग, दग्ध योग, कुलिक योग और यमघण्टक इत्यादि योग. यह योग शुभ-मंगल कार्यों को करने के लिए त्याज्य माने जाते हैं अत: शुभ कामों को
2024 में सूर्य संक्रांति का समय और कब करें दान-पूजा (पुण्यकाल)
सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना संक्राति कहलाता है. संक्रान्ति को हिन्दू पंचांग में सूर्य राशि परिवर्तन समय कहा जाता है. इस समय के दौरान बहुत से धार्मिक कृत्य भी किए जाते हैं. 12
जानें, पूर्णिमा व्रत की महिमा और पूजा मुहूर्त समय
श्री सत्यनारायण व्रत कथा को मुख्य रुप से पूर्णिमा तिथि पर संपन्न किया जाता है. इसके अतिरिक्त किसी भी शुभ कार्य को आरंभ करने हेतु भी श्री सत्यनारायण भगवान की कथा का श्रवण किया जाता है. मान्यथा है कि