Articles in Category Ascendant

राहु - चंद्रमा का मीन राशि में गोचर फल

राहु के साथ चंद्रमा का गोचर मीन राशि पर होने के विभिन्न फल प्राप्त होते हैं. इसका असर मीन राशि के अलावा अन्य राशियों पर भी गहराई से पड़ता है. राहु एक पाप ग्रह है चंद्रमा एक शुभ ग्रह है और मीन राशि एक

आर्थिक लाभ पर केतु कैसे डालता है असर जाने अपनी कुंडली से

ज्योतिष शास्त्र में सभी ग्रहों और राशियों का अपना-अपना महत्व है. वैदिक ज्योतिष में किसी भी अन्य घर की तुलना में ग्यारहवां घर अधिक महत्वपूर्ण है. ग्यारहवां भाव केतु के लिए शुभ फल देता है. केतु इस

शुक्र के आत्मकारक होने पर मिलता है विशेष लाभ

ग्रहों में आत्मकारक रुप जैमिनी के महत्वपूर्ण सूत्र की परिभाषा है. आत्म कारक ग्रह का असर जीवन में व्यक्ति को कई तरह से असर दिखाने वाला होता है. आत्मक कारक ग्रह यदि कुंडली में शुभस्थ होगा तो उसका बेहतर

कन्या राशि में केतु का राशि प्रवेश 2024

केतु का गोचर एक बेहद महत्वपूर्ण समय होता है क्योंकि इनका असर जीवन में होने वाले बदलावों की स्थिति पर असर दिखाता है. वैदिक ज्योतिष के अनुसार, केतु किसी व्यक्ति की कुंडली में बहुत महत्व रखता है, कुंडली

मकर लग्न के लिए सभी ग्रहों का प्रभाव

मकर लग्न दसवें स्थान पर आने वाला लग्ब्न है. यह शनि के स्वामित्व का लग्न है और जीवन में व्यवहारिक रुप से आगे बढ़ने की इसकी क्षमता भी बेहतरीन है. किसी भी लग्न के लिए तीसरे, छठे और ग्यारहवें भाव के

नवांश कुंडली में 12 लग्नों के उदय होने का फल

नवांश कुंडली का निर्माण ग्रहों के बल को मापने हेतु किया जाता है. यह कुंडली प्रत्येक ग्रह की स्थिति एवं उसके प्रभाव के लिए महत्वपूर्ण मानी गई है. नवांश कुंडली में लग्न की विशेष भूमिका होती है. यह जीवन

लग्न अनुसार जाने कैसा होगा आपके भाग्य और कर्म का संबंध

कुंडली में लग्न का प्रभाव काफी महत्वपूर्ण माना गया है. यह व्यक्ति के लिए मूल गुण को दर्शाता है जो जीवन के हर पहलू पर अपना असर डालता है. लग्न में मौजूद जो राशि होगी वह महत्व पूर्ण होगी. इसी के द्वारा

आपकी कुंडली में चंद्रमा की एक से बारह भाव की कहानी

चंद्रमा ओर सुर्य यह ज्योतिष में दो मुख्य आधार स्तंभ हैं इनके द्वारा संपूर्ण व्यक्तित्व के सबसे प्रमुख गुण दृष्टिगोचर हो सकते हैं. जब चंद्रमा की बात आती है तो चंद्रम अके प्रत्येक पक्ष की स्थिति विशेष

कुंभ राशि में शनि के अस्त होने का प्रभाव

शनि का गोचर या स्थिति जब कुंभ राशि में अस्त होती है तो इसका असर काफी धीमे रुप से मिलने वाले परिणाम के रुप में दिखाई देता है. कुंभ राशि शनि की स्वराशि है ओर यह शनि के स्वामित्व की मूलत्रिकोण राशि भी

मेष राशि में चंद्रमा के साथ राहु का गोचर

गोचर में जब ग्रहों के भ्रमण की स्थिति बनती है तब ग्रहों का योग अन्य ग्रहों के साथ अवश्य बनता है. इस योग में सभी ग्रह युति अनुसार अपना प्रभाव भी देते हैं. कुछ युति योग गोचर में अच्छे होते हैं तो कुछ

मेष राशि में सूर्य - बृहस्पति का योग और सभी राशियों के लिए उसका फल

सूर्य के साथ बृहस्पति के मेष राशि में गोचर का प्रभाव सभी राशियों पर नकारात्मक और सकारात्मक दोनों तरह का रहता है. यह गोचर कुछ राशि के लिए अच्छे परिणामों को देने वाला होगा ओर कुछ को कमजोर कर देने वाला

मेष राशि में राहु और गुरु की युति गोचर का विभिन्न राशियों पर प्रभाव

राहु के साथ गुरु का योग मेष राशि में जब गोचर के लिए होता है तब इस स्थिति में बदलाव और बौद्धिक ज्ञान में नए विचारों के साथ जानकारी बढ़ाने की स्थिति भी हमारे सामने होती है. वैदिक ज्योतिष में राहु एक

मेष राशि में सूर्य-राहु का गोचर और सभी राशियों पर इसका असर

मेष राशि में सूर्य और राहु का योग कई तरह के असर दिखाने वाला समय होता है. किसी भी युति का निर्माण तब होता है जब दो या दो से अधिक ग्रह एक दूसरे के निकट होते हैं. या वह एक राशि भाव में स्थित होते हैं.

बुध का राहु के साथ मेष राशि में गोचर 2023

बुध के मेष राशि में राहु के साथ होने की स्थिति अचानक होने वाले बदलावों को दिखाने वाली होती है. बुध और राहु का मेष राशि में गोचर अचानक से चीजों को घटित करने के लिए ऊर्जा की अधिकता देखने को मिलती है.

वक्री शुक्र का मेष राशि में गोचर का असर

शुक्र का मेष राशि में गोचर करना उसके परिभ्रमण का एक हिस्सा है, किंतु जब भ्रमण की इस स्थिति पर वक्रता का प्रभाव पड़ता है तो यह अपने प्रभाव में कई तरह के बदलाव दिखाता है. शुक्र के मेष राशि में होने का

मीन राशि में बृहस्पति अस्त होने का प्रभाव

वर्तमान में मीन राशि में स्थित बृहस्पति अब एक बार पुन: गोचर में अस्त होने वाले हैं. बृहस्पति का अस्त होना गोचर एवं आध्यात्मिक दोनों ही पहलुओं से काफी विशेष माना जाता है. गुरु की स्थिति को अत्यंत शुभ

जन्म कुंडली में केन्द्र भावों की भूमिका और परिणाम

कुंडली में प्रत्येक भाव अपने आप में परिपूर्ण होता है, लेकिन इसके साथ ही एक कुछ भाव ऎसे होते हैं जिनका प्रभाव बेहद ही शुभ और विशेष बन जाता है. इन भावों को केन्द्र भाव की संज्ञा दी जाती है. कुंडली में

शुक्र का कुंडली के विभिन्न भावों में गोचर फल

शुक्र को बेहद शुभ ग्रह के रुप में देखा जाता है. यह जीवन में इच्छाओं को उत्पन्न करने एवं सुखों को प्रदान करने वाला माना गया है. शुक्र की स्थिति व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक एवं विशेष असर दिखाने वाली

मंगल का विभिन्न राशियों में फल

मंगल उत्साह और साहस का ग्रह है. यह जिस राशि में होता है उस राशि के साथ जुड़कर अपना फल देता है. मंगल की स्थिति जीवन में व्यक्ति को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है. व्यक्ति अपने जीवन के संकल्पों एवं

मंगल का सभी 12 भावों में गोचर का प्रभाव

मंगल ग्रह का गोचर जन्म कुंडली के जिस भाव में होगा वहां बैठ कर कई तरह के असर दिखाने वाला होता है. मंगल ग्रह प्रत्येक राशि में लगभग 40 दिनों तक गोचर करता है. जन्म के समय चंद्रमा जिस भाव में स्थित होता