Articles in Category Planets

वर्गोत्तम ग्रह और उसका कुंडली पर असर

वैदिक ज्योतिष में नवांश कुंडली में वर्गोत्तम ग्रह की स्थिति बनती है. अब जब कोई ग्रह वर्गोत्तम स्थिति को पाता है तो उसके फलों का निर्धारण भी विशेष रुप से देखने को मिलता है. वर्ग का अर्थ है विभाजन और

वृषभ राशि में बृहस्पति के मार्गी होने का प्रभाव : सभी राशियों पर इसका असर

बृहस्पति का वक्री से मार्गी होना सभी राशियों पर सकारात्मक प्रभाव डालता है, खासकर जब वह वृषभ राशि में हो. यह समय आर्थिक स्थिति, परिवार, शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार के संकेत देता है. प्रत्येक राशि के

प्रीति योग: ज्योतिष में जानें प्रीति योग और इसका महत्व

ज्योतिष शास्त्र में प्रत्येक ग्रह और उनके योगों का विशेष महत्व होता है. इन्हीं योगों में से एक महत्वपूर्ण योग है ‘प्रीति योग’. यह योग व्यक्ति के जीवन में शुभता, प्रेम और सौहार्द लाने का प्रतीक माना

मकर राशि में बुधादित्य योग का सभी राशियों पर प्रभाव

मकर राशि का स्वामी शनि ग्रह है, मकर राशि में बुध के साथ सूर्य का असर यथार्थवादी बनाता है. जब मकर राशि में बुधादित्य योग होता है, तो यह व्यक्ति की बुद्धि, सोचने की क्षमता, और जीवन के प्रति दृष्टिकोण

चंद्र शुक्र योग से दूर होता है दरिद्र योग

चंद्रमा के साथ शुक्र का होना एक अनुकूल स्थिति का निर्देश देने वाला सिद्धांत है. यह दोनों ग्रह बेहद शुभ माने जाते हैं. चंद्रमा एक शीतल प्रधान ग्रह है वहीं शुक्र भी शीतल और शुभता प्रदान करने वाला ग्रह

वृश्चिक राशि में वक्री शुक्र का गोचर, जानिए आपकी राशि पर क्या होगा प्रभाव

शुक्र विलासिता का ग्रह है जो जीवन के अनुपम सौंदर्य से संबंधित है. सौदर्य प्रेम, खुशी, आनंद, कला, खेल, नृत्य, आभूषण, सौंदर्य प्रसाधान, फैशन आदि का कारक शुक्र ग्रह ही है. शुक्र ग्रह जब वर्की होता है रो

नवमांश में शुक्र का विभिन्न भावों में शुक्र का परिणाम

नवमांश कुंडली में शुक्र का प्रभाव रिश्तों और विवाह संबंधों के लिए महत्वपूर्ण हो जाता है. शुक्र ग्रह वैवाहिक जीवन, प्रेम और रिश्तों की स्थिति को दर्शाता है. शुक्र ज्ञान में परिष्कार करने वाला होता है.

दाराकारक मंगल कैसे बदल सकता है आपकी किस्मत

ज्योतिष में मंगल एक विशेष प्रभावी ग्रह है, जो अग्नि तत्व युक्त है और साहस पराक्रम का कारक बनता है. मंगल अगर प्रबल हो तो व्यक्ति चुनौतियों से कैसे निपटता है और लक्ष्य कैसे प्राप्त करता है यह बातें वह

मिथुन राशि में बृहस्पति गोचर : ज्ञान और बुद्धि का संगम

गुरु का किसी भी राशि में होना उस राशि के साथ मिलकर गुण तत्वों को देने वाली स्थिति होति है. मिथुन राशि में जब बृहस्पति होता है तो ये समय बुद्धि और ज्ञान के क्षेत्र में वृद्धि का संकेत देता है. इसके

अतिचारी ग्रह और इनका प्रभाव

ग्रहों का अतिचारी होना मिलेजुले असर दिखाता है. कोई ग्रह जब अतिचारी होता है तो उसके परिणामों में भी तेजी आती है. इस समय फल की प्राप्ति होना मुश्किल होता है. इस समय ग्रह अपने प्रभाव को अनुकूल रुप में

शुक्र का धनु राशि में गोचर 2025 : प्रतिभा में आएगा निखार

शुक्र का धनु राशि में गोचर : प्रतिभा में आएगा निखार  शुक्र का गोचर धनु राशि में होने पर शुक्र का प्रभाव अब काफी गतिशील दिखाई देने लगता है. इस समय के दौरान नई चीजों को अपनाना आसान होता है. कुशलता

गुरु का मिथुन राशि गोचर : सभी 12 राशियों पर प्रभाव

बृहस्पति के मिथुन राशि में प्रवेश के साथ ही बदलने वाली है राशियों की स्थिति. गुरु के राशि परिवर्तन के साथ ही कई राशियों पर रहेगा इसका प्रभाव. गुरु का मिथुन राशि समेत सभी राशियों के जातक पाएंगे जीवन

नव तारा चक्र : जानें नवतारा चक्र में शुभ अशुभ तारा

वैदिक ज्योतिष में जन्म नक्षत्र उस नक्षत्र को कहते हैं जिसमें चंद्रमा जन्म के समय स्थित होता है. सत्ताईस नक्षत्र इस प्रकार हैं : अश्विनी नक्षत्र , भरणी नक्षत्र, कृतिका नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा

भाव चलित कुंडली और उसका प्रभाव

ज्योतिष की विद्याओं में कई तरीके से कुंडली का अध्ययन किया जाता है. इसी में से एक तरीका भाव चलित कुंडली की जांच से भी देखा जाता है. ज्योतिष में कुंडली का विश्लेषण करते समय यदि चलित कुंडली से कुंडली

सूर्य शनि का षडष्टक योग

सूर्य और शनि से बनने वाला षडाष्टक योग परेशानी और मुश्किल स्थिति का समय बताता है. सूर्य और शनि से बनने वाले 6/8 एक्सिस को ही षडाष्टक योग कहा जाता है. ज्योतिष अनुसार कुछ योग नकारात्मक रुप से असर दिखाते

मीन राशि में शनि - तुला राशि पर शनि के गोचर का प्रभाव

शनि का गोचर मीन राशि में होना तुला राशि वालों के लिए रहेगा बेहद खास. तुला राशि के लिए शनि योगकारक ग्रह होते हैं. जब शनि मीन राशि में होते हैं तो तुला राशि वालों के छठे भाव को प्रभावित करने वाले होते

मीन राशि में शनि : कन्या राशि पर शनि के गोचर का प्रभाव

ज्योतिष में सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह शनि जब राशि बदलाव करता है तो वे बहुत ही विशेष समय माना जाता है. इसके गोचर का सभी राशियों पर स्थायी प्रभाव डालते हुए देखा जा सकता है. मीन राशि में शनि के

त्रिपाद नक्षत्र क्यों हैं अनिष्टकारी

ज्योतिष शास्त्र में कुछ नक्षत्रों को त्रिपाद नक्षत्र के रुप में जाना जाता है. इन नक्षत्रों का प्रभाव जीवन में कई तरह के उता्र-चढ़ाव देने वाला भी होता है.त्रिपाद नक्षत्र को दोष के रुप में भी जाना जाता

मीन राशि में शनि : सिंह राशि पर शनि का प्रभाव 2025

सिंह राशि वालों के लिए शनि का गोचर कई बातों में विशेष होता है. सूर्य और शनि का संबंध अनुकूलता की कमी के चलते गोचर में भी ऎसी स्थिति को दिखाता है. मीन राशि में शनि का होना यानि आठवें भाव पर शनि का

मिथुन लग्न तो जान लें कौन सी दशा है शुभ और कौन सी है अशुभ

मिथुन लग्न वालों के लिए नौ ग्रह अपनी दशा और अपना प्रभाव दिखाते हैं। मिथुन लग्न के लोगों को शुक्र, बुध और चंद्रमा की दशा में अच्छे और अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं, लेकिन मंगल और बृहस्पति की दशाएं बहुत