शनि एक धीमी गति के ग्रह हैं ऎसे में इनका गोचर एक महत्वपूर्ण घटना माना जाता है. शनै: शनै: चलने वाले शनि की गति और उनका किसी राशि पर कैसा प्रभाव रहेगा इन सभी बातों को जानने की उत्सुकता तो रहती ही है, पर सबसे अधिक इस बात को लेकर ध्यान अधिक जाता है की की शनि का गोचर किन राशि के लोगों के लिए साढेसाती का आरंभ करने वाला है और किन के लिए शनि ढैय्या लाने वाला होगा.
जब भी शनि का राशि परिवर्तन होता है लोग यह जानने को उत्सुक होते हैं कि उनके लिए यह राशि परिवर्तन क्या फल देने वाला है. शनिदेव को न्याय और कर्म के अनुसार फल देने वाले देव का स्थान प्राप्त है. जातक का आचरण उसका व्यवहार एवं उसके कर्मों का स्वरुप ही शनि के द्वारा दिए जाने वाले फलों का शुभ और अशुभ रुप में निर्धारण करता है.
शनि का साल 2025 में होने वाला राशि परिवर्तन कुछ लोगों की साढे़साती की समाप्ति का समय होगा तो कुछ लोगों की साढ़ेसाती का आरंभ बनेगा. इसी के साथ शनि की ढैय्या का प्रभाव भी कुछ पर से अपना असर कम करेगा तो कुछ पर अपना प्रभाव देना आरंभ होगा.
क्या होती है शनि की साढे़साती
गोचर में जब शनि किसी जातक की जन्म राशि से बारहवें भाव, पहले भाव और दूसरे भाव में होता है तो उस समय शनि की स्थिति उस जातक के लिए शनि की साढे़साती का समय कहलाती है. शनि की सढे़साती को ज्योतिष शास्त्र में मानसिक रुप से चिंताओं को बढ़ाने वाला समय कहा गया है. ये प्रियजनों से अलगाव दे सकती है. शारीरिक कष्ट को भी बढ़ा सकती है.आर्थिक क्षेत्र में घाटा भी झेलना पड़ सकता है. ऎसी बहुत सी बातें होती हैं जो इस समय के दौरान जातक पर अलग अलग रुप से अपना असर डालती हैं.
शनि की साढे़साती 2025 से किन राशियों पर असर डालेगी
मकर राशि - मकर राशि वालों के लिए शनि की साढ़ेसाती की समाप्ति का समय होगा, इस समय मकर जातकों के लिए शनि की साढ़ेसाती का एक लंबा असर अब समाप्ति पर होगा जो महत्वपूर्ण दौर रहने वाला है. शनि की साढे़साती का ये समय अंत आपके लिए नए परिणाम लाएगा. शनि जाते-जाते कई सारी कुछ बेहतर लाभ दे सकता है जो लम्बे समय तक प्रभाव डालने वाले होंगे. मकर राशि वालों को अब शनि देव की शुभ कृपा मिल सकती है. अगर कोई नए फैसले ले रहे हैं तो अब काम को आगे बढ़ाने का समय होगा. सभी बातों के बारे में सोचते विचारते हुए काम को पूरा करें. अब इस साल से अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर कर पाएंगे.
मकर राशि - मकर राशि वालों के लिए शनि पहले भाव और दूसरे भाव के स्वामी होते हैं और इस समय शनि आपके लिए उस स्थान में होंगे जहां शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति का समय होगा. आप आर्थिक क्षेत्र में लाभ करने वाले रहेंगे ही पर साथ ही साथ कोई संपत्ति का मामला भी आपके लिए एक मुख्य विषय के रुप में रहेगा. आपके लिए ये समय खास रहने वाला होगा. इस समय पर बहुत से कामों को करने में आगे रह सकते हैं. आपकी आय के स्रोत किसी न किसी रुप में बने रहेंगे. आपको वाहन और संपत्ति का कुछ लाभ भी इस समय हो सकता है.
कुम्भ राशि - कुंभ पर शनि का प्रभाव यानी आपके चंद्रमा पर से सीधे शनि का गोचर हट रहा हो रहा है. शनि की साढे़साती कुंभ राशि वालों के पैरों पर होगी. यह साढे़साती का तीसरा समय होगा. आपके लिए शनि पैरों में चक्कर को बढ़ा सकते हैं. तनाव बढ़ाने वाला होगा लेकिन पर कुछ मामलों में शनि की शुभता भी मिलेगी. नए लोगों के साथ संपर्क बनेंगे. अचानक से धन लाभ और ट्रैवलिंग के अवसर भी दे सकता है.
कुंभ राशि वालों के लिए समय सकारात्मक भी होगा, पूर्व में किए गए कामों से लाभ मिलेगा. संपत्ति सुख के साथ परिवार की ओर से भी आप को कुछ लाभ प्राप्त हो सकता है, लेकिन चिंताओं एवं जिम्मेदारियों के लिए समय भी काफी महत्वपूर्ण होगा.
मीन राशि - मीन राशि वालों के लिए शनि की साढ़ेसाती का महत्वपूर्ण समय रहने वाला है. इस समय घर परिवार को लेकर जिम्मेदारियां भी बहुत ज्यादा रहने वाली हैं. कई मामलों में स्थिति आपके लिए विपक्ष में खड़ी दिखाई देती है. कुछ अलगाव इस समय बढ़ सकते हैं मानसिक और भावनात्मक स्तर पर चिंताएं अपना असर डालने वाली होंगी. पैरों से संबंधित परेशानी, अनिद्रा और शैय्या सुख में कमी का समय होगा.
मेष राशि - शनि कुंभ राशि में होंगे ऎसे में मेष राशि के जातकों की शनि के साढे़साती का आरंभ होगा. मेष राशि वालों के लिए ये समय शनि की साढे़साती के आरंभ का समय है. मेष राशि वालों के लिए शनि की साढे़साती का प्रभाव आरंभ अवस्था में होगा. मेष राशि वालों के लिए शनि का गोचर बारहवें भाव में रहेगा. ऎसे में खर्च की अधिकता तो रहने ही वाली है. स्वास्थ्य से संबंधी परेशानी भी इस समय आप पर अपना असर डालेगी. ये तीन राशियां इस समय अवधि के दौरान शनि की साढे़साती के प्रभाव में रहने वाली हैं. इन पर शनि का प्रभाव सबसे अधिक रहने वाला है. इस मामले में इन राशि के जातकों को अपने काम और अपने परिवार की ओर से बदलाव देखने को मिल सकते हैं.
विशेष : मकर राशि के लोगों के लिए शनि की साढ़ेसाती पांव से उतर रही है, इस समय मकर जातकों के लिए शनि की साढ़ेसाती का ये अंतिम दौर होगा. तो अब साढेसाती से मुक्ति का समय भी है मकर के लिए शनि का प्रभाव काफी राहत देने वाला तो होगा ही.
क्या होती है शनि की ढैय्या
गोचर में जब शनि की स्थिति जन्म राशि के चंद्रमा से चौथे अथवा आठवें भाव में होती है तो वह समय जातक के लिए शनि की ढैय्या का समय कहलाता है. यह ढ़ाई वर्ष का समय ढैय्या कहलाता है. इसे भी अनुकूल नहीं माना आता है. इसे लघु कल्याणी (ढैय्या) के नाम से भी जाना जाता है. शनि की ढैय्या जातक को व्यर्थ की भागदौड़ देने वाली होती है. प्रयास अधिक करने पड़ते हैं लेकिन लाभ कम ही मिल पाता है. अनावश्यक खर्च भी बढ़ जाते हैं. अपने लोगों के साथ विर्ध भी बढ़ने लगता है.
वर्ष 2025 में शनि ढैय्या से प्रभावित राशियां शनि की ढैय्या का प्रभाव सिंह राशि और धनु राशि के जातकों पर रहेगा. कर्क राशि और वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शनि की ढैय्या समाप्त हो जाएगी जिससे कुछ राहत मिलने की उम्मीद दिखाई देती है.
शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव सभी जातकों के लिए एक जैसा नही रहता है. यह बहुत सी चीजों के कारण अलग अलग फल देने वाला बनता है. इसका एक कारण की यह है की जिस कुण्डली में शनि पहले भाव, पांचवें भाव और नवें भाव का स्वामी हो तो यह त्रिकोण भाव के स्वामी बनेगा, किसी कुंडली में उच्च या मित्र क्षेत्री हो शुभ ग्रह से दृष्ट हो शुभ स्थानों का स्वामी होकर अपने बुरे प्रभावों को कुछ कम सकता है. लेकिन इसके साथ ही जन्म कुण्डली में ग्रहों की स्थिति और दशा का प्रभाव अनुसार भी शनि की साढे़साती और ढैय्या का प्रभाव जातक पर अपना असर डालता है. इसलिए किसी एक तथ्य पर बात करते हुए शनि ग्रह के फलों के विषय में नहीं कहा जा सकता है.