पंचक अर्थात पांच, किसी कार्य का बार-बार होना और उसकी शुभता में कमी होना. यह नक्षत्र आधारित गणना होती है. जिसमें धनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे चरण से रेवती नक्षत्र तक का समय पंचक का समय कहलाता है. पंचक की गणना को चंद्रमा के द्वारा समझा जाता है. क्योंकि जब चंद्रमा का गोचर कुम्भ राशि से मीन राशि तक होता है तो उस काल को पंचक कहा जाता है.
इसे और भी सरलता से समझने के लिए हम कह सकते हैं की चंद्रमा जब कुम्भ राशि और मीन राशि में गोचर करता है तब उसी समय के दौरान धनिष्ठा नक्षत्र के उत्तरार्ध से आरंभ होते हुए शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र और रेवती नक्षत्र में भी रहता है. चंद्रमा के गोचर के इस पूरे समय अंतराल को " पंचक काल" कहा गया है.
पंचक को कई बातों में शुभ नहीं माना गया है, ऎसे में कुछ विशेष कार्यों को करने के लिए पंचक समय को भी देखा जाता है. जिससे की उस कार्य में हानि न हो और उस काम से अशुभता नहीं बढ़ पाए.
पंचक काल में नहीं किए जाने वाले कार्य
- पंचक समय के दौरान मुख्य रुप से दक्षिण दिशा की यात्रा करने की मनाही होती है. इस समय पर दक्षिण दिशा में की गई यात्रा से कष्ट बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है.
- पंचक समय के दौरान किसी मकान, भवन या दुकान इत्यादि की छत डालना भी वर्जित होता है. पंचक के समय पर यदि निर्माण कार्य किया जाए तो उस कार्य में बाधा या दुर्घटना होने की संभावना बढ़ जाती है.
- पंचक समय के दौरान पर चारपाई या पलंग इत्यादि बनाना या खरीदना भी उपयुक्त नहीं माना गया है.
- पंचकों के समय में शव दाह संस्कार करना भी वर्जित होता है.
- पंचकों में बांस की चटाई बनाना, दीवार, पिलर इत्यादि को बनाना, तांबा, पीतल, तृण घास फूस या लकडी़ का संचय करने की भी मनाही होती है. यह कार्य करना भी शुभ नहीं होता है.
यह कुछ महत्वपूर्ण कार्य होते हैं जिन्हें पंचकों के दौरान करना वर्जित होता है. इन कार्यों को करने पर अशुभता और दुख की प्राप्ति होने की संभावना बढ़ जाती है.
आईये जानते हैं वर्ष 2024 में कब और किस दिन से लगने वाले हैं पंचक
आईये जानते हैं वर्ष 2024 में कब और किस दिन से लगने वाले हैं पंचक
पंचकों का प्रारम्भ तथा समाप्ति समय 2024 | Starting and ending time of Panchak 2024 (Indian time)
पंचक प्रारंभ काल | पंचक समाप्ति काल | ||||
---|---|---|---|---|---|
दिनाँक | समय (घ.मि.) | दिनाँक | समय (घ.मि.) | ||
13 जनवरी | 11:35 से | 18 जनवरी | 03:33 तक | ||
10 फरवरी | 10:02 से | 14 फरवरी | 10:43 तक | ||
08 मार्च | 09:20 से | 12 मार्च | 08:29 तक | ||
05 अप्रैल | 07:12 से | 09 अप्रैल | 07:32 तक | ||
02 मई | 02:32 से | 06 मई | 05:43 तक | ||
29 मई | 08:06 से | 03 जून | 01:40 तक | ||
26 जून | 01:99 से | 30 जून | 07:34 तक | ||
23 जुलाई | 09:20 से | 27 जुलाई | 01:00 तक | ||
19 अगस्त | 07:00 से | 23 अगस्त | 07:54 तक | ||
16 सितंबर | 05:44 से | 20 सितंबर | 05:15 तक | ||
13 अक्तूबर | 03:44 से | 17 अक्तूबर | 04:20 तक | ||
09 नवंबर | 11:27 से | 14 नवंबर | 03:11 तक | ||
07 नवंबर | 05:07 से | 11 दिसंबर | 11:48 तक |