मेषगत शनि का योगफल | Saturn Aspecting Aries
मेषगत शनि के होने पर जातक का व्यवहार कठोर और उग्र किस्म का हो सकता है. जातक में नियंत्रण शक्ति की कमी देखी जा सकती है. व्यर्थ का गुस्सा हो जाना और अपने हठ के समक्ष किसी अन्य की नहीं चलने देना चाहता है. अनेक व्यसनों का शिकार हो सकता है क्योंकि भावनाओं में बहुत कोमल होने के कारण तथा यह अपने संवेदनशील होने के कारण काफी परेशान से रहते हैं जिस कारण कई गलत आदतों के शिकार हो सकते हैं. व्यक्ति बार-बार किस जाने वाले प्रयासों से भी हताश हो सकता है जिस कारण वह स्वयं पर दबाव की स्थिति का अनुभव करता है.
मेषगत शनि में शनि बलहीन हो जाता है. यहां पर उसकी स्थिति काफी कमजोर रह सकती है, किंतु इस कारण वह अपने कर्म क्षेत्र से मुख नहीं मोड़ता अपितु अपने काम को जारी रखता हुआ आगे की ओर बढ़ने का प्रयास भी करता है. व्यक्ति अधिक सोचने और विचारने लगता है वाणी से कठोर हो सकता है. व्यक्ति में चालाकी से युक्त कामों को करने की समझ अधिक होती है वह अपने प्रपंचों द्वारा काम में आगे बढ़ने की कोशिशों में लगा रह सकता है. कार्यों में दूसरों को नीचा दिखाने की प्रवृत्ति भी व्यक्ति में बखूबी देखी जाती है.
अपने बंधु-बांधवों के साथ उसका आचरण अनुकूल न रह सके जिस कारण विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. आर्थिक रूप से काफी परिश्रम करना पड़ सकता है. रहन सहन पर अधिक ध्यान नहीं देने वाला हो सकता है व्यक्ति में बदले की भावना अधिक रह सकती है इस कारण वह अपमानित हो सकता है.
वृषगत शनि का योगफल | Saturn Aspecting Taurus
वृषगत शनि के होने पर व्यक्ति मेहनत करने वाला होता है. वह परिश्रम द्वारा भाग्य निर्माण करने वाला होता है. आजीविका में प्रयासरत रहने पर ही जातक को लाभ की प्राप्ति हो सकती है. वह कई प्रकार से अपने मार्ग को स्पष्ट करने का प्रयास करता रहता है. उसे कई प्रकार के विवादों से अपने को निकालने का प्रयास करते रहना पड़ सकता है. जातक की भाषा छल युक्त भी हो सकती जिस कारण इसका अंदाज लगा पाना कठिन होता है. यह झूठ भी बहुत प्रभावशाली तरिके से बोलते हैं जिस कारण इन पर संदेह कर पाना कठिन काम है.
जातक का प्रेम अपने से बड़ी उम्र की स्त्री से रह सकता है. मित्र संगती अच्छी नहीं मिल पाती है इस कारण से गलत मार्ग की ओर मन का आकर्षण बढ़ जाता है. स्त्री गमन से यह व्यसन की चपेट में आ सकता है. यहां जातक कोई भी काम सोच विचार कर करने की ओर रहता है. उसे अपनी स्थिति का बोध नहीं हो पाता है. अनेक कामों को एक साथ करने में लगा रह सकता है. किसी भी बात को करने में काफी सजग रहता है और अपनी बात को पूर्ण रूप से खुले तौर पर कहता है. व्यक्ति अपने व्यवहारिक ज्ञान द्वारा दूसरों पर अपनी छाप छोड़ने की योग्यता रखता है.
मिथुनगत शनि का योगफल | Saturn Aspecting Gemini
मिथुनगत शनि के होने पर जातक में चातुर्य का प्रादुर्भाव होता है, वह अपनी बौद्धिक कुशला द्वारा लाभ पाने के प्रयासों में लगा रहता है. जातक कर्ज भी ले सकता जिस कारण उसे उस कर्ज को चुकाने में काफी प्रयत्न करना पड़ सकता है. जातक बंधन में भी रह सकता है और अपने हितों की पूर्ती न कर पाने का भाव भी उसके मन को परेशान कर सकता है. जातक में दम्भ भी बहुत होता है वह अपने कामों में अधिक बेहतर रूप से नहीं जुड़ पाता क्योंकि उसके फैसलों पर सभी का चल पाना कठिन काम होता है.
जातक अपने परिश्रम से भाग्योन्नति करने में सक्षम होता है. राज्य, व्यापार नौकरी के क्षेत्र में सफलता पाने में समर्थ होता है. बंधुओं का सहयोग मिलाजुला रहता है. राजनीतिज्ञों द्वारा लाभ की प्राप्ति होती है. धन, कुटुंब के मामलों में उतार-चढा़व स्थिति का वातावरण बना रहता है.
"शनिगत स्थिति का योगफल - भाग 2"
"शनिगत स्थिति का योगफल - भाग 3"