सर्वाष्टक बनाने के लिए आप प्रस्तारक वर्ग न बनाना चाहें तो यहां दि गई विधि से आप आसानी से सर्वाष्टक बना सकते हैं. कभी कभी किसी विशेष कार्य के लिए केवल सर्वाष्टकवर्ग की ही आवश्यकता होती है. इसलिए ऎसे में भिन्नाष्टक को बनाए बिना भी इस सारणी की सहायता से सीधे सर्वाष्टकवर्ग बनाया जा सकता है.

यहां दी गई सारिणी में ग्रहों द्वारा विभिन्न भावों में दिए गए बिन्दुओं को संख्या के रूप में दर्शाया गया है. इसे इस प्रकार से समझा जा सकता है कि जैसे सूर्य ग्रह अपने से 1, 2, 3, 4, स्थान में 3 अंक देता है. पांचवे स्थान में 2, छठे स्थान में 3, सातवें स्थान में 4, आठवें स्थान में 5, नवें में 3, दसवें में 5, ग्यारहवें में 7 और बारहवें में 2 बिन्दु अर्थात अंक देता है.

इस तरह से यह सारिणी में अन्य ग्रहों के द्वारा अपने स्थान से अलग जगहों पर दिए गए कुल शुभ अंकों को संख्या से दर्शाते हैं. सर्वाष्टकवर्ग बनाने के लिए सर्वप्रथम एक तालिका का निर्माण करें, जन्म कुण्डली में दिए ग्रहों  द्वारा गृहीत राशियों को विशेष चिन्ह से दर्शाएं. अब इस सारिणी की मदद से प्रत्येक ग्रह द्वारा दिए गए अंकों की संख्या को संबंधित लाईन में लिखकर सीधे सर्वाष्टकवर्ग बनाया जा सकता है. पर इस बात का विशेष ध्यान रखें की ग्रह जिस राशि में स्थित हो उसे सारिणी में चिन्ह लगा लें और वहां से अंक लिखना आरंभ करें. इस प्रकार सीधे सर्वाष्टक वर्ग बनाने की विधि को समुदाय अष्टकवर्ग भी कहा जाता है.

राशि 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12
ग्रह
शनि 3 2 4 4 4 3 3 4 4 4 6 1
बृहस्पति 2 1 1 2 3 4 2 4 2 4 7 4
मंगल 4 5 3 4 3 3 4 4 4 6 7 2
सूर्य 3 3 3 3 2 3 4 5 3 5 7 2
शुक्र 2 3 3 3 4 4 2 3 4 3 6 3
बुध 3 1 5 2 6 6 1 2 5 5 7 3
चंद्रमा 2 3 5 2 2 5 2 2 2 3 7 1
लग्न 5 3 5 5 2 6 1 2 2 6 7 1
योग 24 21 29 25 26 34 19 26 26 36 54 17


ग्रहों के लिए ग्रह गुणकर | Points for Planets

ग्रह सूर्य चंद्रमा मंगल बुध बृहस्पति शुक्र शनि
गुणाकर 5 5 8 5 10 7 5


राशियों के लिए राशि गुणाकर | Points for Signs

राशि 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12
गुणाकर 7 10 8 4 10 5 7 8 9 5 11 12