मंगल ग्रह को भारतीय ज्योतिष में एक शक्तिशाली और प्रभावशाली ग्रह माना जाता है. इसे अंगारक के नाम से भी जाना जाता है. मंगल को पाप ग्रह के रुप में जाना जाता है. मंगल का प्रभाव जब अस्त होता है तो इसके प्रभाव से व्यक्ति काफी अस्त व्यस्त में रहता है. इसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर डालता है. जब मंगल अस्त होता है, तो इसका असर बहुत महत्वपूर्ण होता है, जिसे समझना और सही समय पर उपाय करना जरूरी है.

मंगल ग्रह का महत्व

मंगल ग्रह का असर व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर पड़ता है. इसे युद्ध, साहस, बल, शौर्य, क्रोध, और संकल्प का ग्रह माना जाता है. मंगल का शुभ प्रभाव व्यक्ति को शक्ति, आत्मविश्वास और साहस देता है. वहीं, यदि मंगल कमजोर या प्रतिकूल स्थिति में होता है तो यह व्यक्ति की मानसिक स्थिति, स्वास्थ्य, और रिश्तों पर नकारात्मक असर डाल सकता है. मंगल का असर व्यक्ति के जन्मकुंडली में विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है. यदि कुंडली में मंगल शुभ स्थिति में है, तो यह व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक शक्ति, उच्च कोटि की कार्यक्षमता और सफलता प्रदान करता है. वहीं, अगर मंगल कमजोर या अशुभ स्थिति में है, तो यह व्यक्ति के जीवन में संघर्ष और असफलताओं का कारण बन सकता है.

अस्त मंगल का प्रभाव

जब मंगल अस्त होता है, तो यह ग्रह अपनी शक्ति में कमजोर होता है. यह स्थिति नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है. अस्त मंगल का प्रभाव विशेष तरह से अपना असर देता है.

स्वास्थ्य पर प्रभाव

जब मंगल अस्त होता है, तो यह शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डाल सकता है. विशेष रूप से अगर व्यक्ति का मंगल कुंडली में कमजोर है, तो उसे शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. अस्त मंगल के दौरान चोट-चपेट, संक्रमण, या शारीरिक कमजोरी के खतरे बढ़ सकते हैं.

व्यवसाय और नौकरी

अस्त मंगल का असर करियर पर भी पड़ सकता है. व्यवसायिक और नौकरी के मामलों में रुकावटें, देरी, या अप्रत्याशित समस्या उत्पन्न हो सकती हैं. लोग किसी कार्य में सफलता पाने में कठिनाई महसूस कर सकते हैं. जो लोग मंगल के अधीन कार्य करते हैं, उन्हें विशेष रूप से सावधान रहना चाहिए.

भावनात्मक स्थिति

मंगल के अस्त होने से व्यक्ति की मानसिक स्थिति भी प्रभावित हो सकती है. क्रोध और उग्रता बढ़ सकती है, जिससे रिश्तों में तनाव आ सकता है. अस्त मंगल के दौरान गुस्सा और झगड़े बढ़ सकते हैं, और व्यक्ति मानसिक शांति और संतुलन खो सकता है.

रिश्तों पर असर

अस्त मंगल का असर रिश्तों पर भी हो सकता है. अगर मंगल की स्थिति कमजोर है, तो यह व्यक्ति को संघर्षों और गलतफहमियों में डाल सकता है. वैवाहिक जीवन में भी असहमति और मतभेद हो सकते हैं, जिससे संबंधों में खटास आ सकती है.

अस्त मंगल के उपाय

अस्त मंगल के प्रभाव को कम करने के लिए कुछ विशेष ज्योतिष उपाय किए जा सकते हैं. इन उपायों से व्यक्ति अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव देख सकता है और नकारात्मक प्रभावों से बच सकता है: -

मंगल व्रत और उपवास

मंगल के दिन मंगलवार को व्रत रखना और उपवास करना एक प्रभावी उपाय माना जाता है. इस दिन विशेष रूप से मंगल के पूजन से व्यक्ति के जीवन में शांति और समृद्धि आ सकती है. मंगल के उपायों में शुद्धता और श्रद्धा का होना आवश्यक है.

मंगल पूजा

मंगल की पूजा करने से उसके प्रभाव को कम किया जा सकता है. विशेष रूप से मंगलवार को हनुमान जी की पूजा और लाल वस्त्र पहनना लाभकारी हो सकता है. हनुमान जी को मंगल ग्रह का प्रतीक माना जाता है, और उनकी पूजा से मंगल के नकारात्मक प्रभावों को शांत किया जा सकता है.

मंगल दान

मंगल के उपायों में दान भी एक महत्वपूर्ण कदम है. यदि संभव हो, तो मंगलवार को किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को लाल रंग की चीज़ों का दान करना चाहिए, जैसे लाल वस्त्र, लाल रंग की वस्तुएं दान में देना अनुकूल रहता है. यह उपाय मंगल के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में मदद करता है. मंगल के दोषों से बचने के लिए विशेष ध्यान रखना चाहिए. शुभ फल प्राप्त करने के लिए उपयुक्त समय में पूजा और ध्यान करना चाहिए. कुछ मंत्र के माध्यम से भी मंगल के प्रभाव को शांत करने का प्रयास करते हैं.  

अस्त मंगल का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार के बदलाव ला सकता है. यह जरूरी नहीं कि हमेशा नकारात्मक ही हो. सही उपायों और सतर्कता के साथ, किसी भी ग्रह के अशुभ प्रभावों को कम किया जा सकता है. अस्त मंगल का समय विशेष ध्यान और पूजा का होता है, और यदि व्यक्ति इन समयों में सावधान रहे, तो वह अपने जीवन में आने वाली कठिनाइयों को आसानी से पार कर सकता है. ज्योतिषीय उपायों को सही तरीके से अपनाकर, मंगल के प्रभाव को सकारात्मक रूप में बदला जा सकता है, जिससे जीवन में शांति, समृद्धि और सुख-शांति का आगमन हो सकता है.